उत्तरकाशी: जिले के एक सेवानिवृत्त शिक्षक ने अपने संसाधनों से पहाड़ की परंपरा और प्राचीन वस्तुओं से भरे संग्रहालय का निर्माण किया है. गंगोत्री के केदारघाट के समीप इस संग्रहालय का उद्घाटन प्रदेश के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने किया. उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी के बीच एक सेतु का कार्य करेगा.
लोक गायक नेगी ने कहा कि, उत्तराखंड की विरासत और परंपरा को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य प्रताप बिष्ट ने पहाड़ में प्रयोग होने वाली प्राचीन वस्तुओं समेत जीवनशैली पर आधारित संग्रहालय का निर्माण किया है. बिष्ट ने 6 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद इसे तैयार किया है. शनिवार को केदार घाट के समीप आयोजित कार्यक्रम में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी और बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत अजय पुरी ने संग्रहालय का विधिवत उद्घाटन किया.
प्रताप बिष्ट ने बताया कि इस संग्रहालय में पहाड़ की पुरानी जीवनशैली को दर्शाया गया है. जहां पर लकड़ी से बने घरों की तिबारी समेत घरों में महिलाओं के कार्य करने के तरीके उनके आभूषण पहनने के तरीकों समेत पुरुषों की कार्यशैली को भी प्रतिमाओं के माध्यम से दर्शाया गया है. इसके साथ ही वहां पर पहाड़ी घराट, सिलबट्टा समेत हुक्का, मक्खन निकालने का परेड़ा समेत अन्य वाद्य यंत्र जैसे ढोल दमाऊ, रणसिंघा, मसकबीन आदि भी देखने को मिलेगा.
बिष्ट ने कहा कि उनका मुख्य उद्देशय विलुप्त होती पहाड़ की परंपरा को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के साथ पर्यटन को जनपद में बढ़ावा देना है. उन्होंने बताया कि इस सबके लिए उनकी पत्नी, बेटे-बहु, बेटी और दामाद का पूरा सहयोग मिला. इस मौके पर नरेंद्र नेगी ने बिष्ट की पहल को सराहनीय बताते हुए कहा कि अगर हर कोई इस प्रकार का प्रयास करे तो उत्तराखंड की संस्कृति देश-विदेशों तक अपनी एक विशिष्ट पहचान बना सकती है.
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