पटना: राजधानी पटना जिले के धनरूआ प्रखंड में बाढ़ का कहर जारी है. धनरूआ में बाढ़ का पानी कई गांव में घुस गया. सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल जलमग्न हो चुकी है. लगातार नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. धनरूआ के कररूआ नदी, भुतही नदी और बलदाही नदी ऊफान पर है. इस क्षेत्र की कई नदियों में बाढ़ का पानी आ जाने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
लोकाईन नदी उफान पर: पटना-नालंदा की सीमा पर लोकाईन नदी उफान पर है. धनरूआ प्रखंड की कई नदियों में बाढ़ का पानी आ जाने से सबसे ज्यादा क्षति किसानों को हो रही है. बहरामपुर पंचायत के अरमल, चकिया पर, सिम्हारी खुर्द, छोटकी सिमहाडी, मसाढी समेत कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. इसके अलावा अरमल गांव में बने हुए तटबंध भी ध्वस्त हो चुका है. इसके अलावा छह पुलिया भी धवस्त होने के कगार पर है.
जनजीवन अस्त व्यस्तः अरमल गांव के नागेश्वर राम ने कहा लगातार नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. उन्हें इस बात की आशंका है कि 2016 की तरह धान की फसल नष्ट न हो जाये. हलांकि दरधा नदी में पानी नहीं आने से लोगों में कुछ राहत है. धनरूआ में इन दिनों कररूआ, भुतही, बलदाही नदी में ऊफान आया हुआ है. नागेश्वर राम ने कहा कि उसके गांव में पर्दा नदी में बाढ़ का पानी घुस गया है. धान की फसल को नुकसान पहुंचा है. जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है.
"बीते दो दिन से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, हम सभी गांव के लोग सहमे हुए हैं कि कब कहां पानी घुस जाए. अब पशुओं के लिए चारा इकट्ठा करना भी मुश्किल हो रहा है. जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया."- जितेंद्र पासवान, ग्रामीण, धनरूआ
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