भोपाल। गो तस्करी रोकने के लिए अब मध्य प्रदेश और इससे सटे पांच बीजेपी राज्य मिलकर रणनीति बनाएंगे. इसके लिए मध्य प्रदेश के गौ संवर्धन बोर्ड ने पहल की है. दरसअल मध्यप्रदेश गौ तस्करी का मुख्य रूट बना हुआ है. राजस्थान, उत्तर प्रदेश के गौवंश को मध्य प्रदेश से होकर दूसरे राज्यों में ले जाया जाता है. इसको देखते हुए मध्य प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड जल्द ही राजस्थान, महाराष्ट, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात के गौ सेवा आयोग और बोर्ड के पदाधिकारियों की बैठक बुलाने जा रहा है. ताकि सभी राज्यों के सहयोग से इस पर सख्ती से लगाम लगाई जा सके.
मध्य प्रदेश में लगातार पकड़े जा रहे मामले
मध्य प्रदेश में गौ तस्करी के मामले लगातार सामने आते रहे हैं. 29 जनवरी को छिंदवाड़ा में पुलिस ने एक ट्रक से 46 गोवंश को मुक्त कराया. पुलिस ने ट्रक का कई किलोमीटर पीछा किया और ट्रक रूकवाया. इन गोवंश की तस्करी कर ले जाया जा रहा था. पुलिस ने भोपाल के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पिछले साल भी प्रदेश में इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. जिसमें चोरी-छुपे गौवंश को मध्य प्रदेश के रास्ते ले जाते प्रदेश पुलिस और स्थानीय लोगों ने तस्करों को पकड़ा है.
23 फरवरी 2023 को सिवनी मालवा में लहसुन की आड़ में गो तस्करी करते एक ट्रक को पकड़ा गया था. इस ट्रक में 40 से ज्यादा गोवंश को ले जाया जा रहा था. स्थानीय विधायक की शिकायत पर इस ट्रक को पुलिस द्वारा पकड़ा गया था.
पकड़े गए गोवंश वापस लें राज्य
गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष अवधेशानंद गिरी कहते हैं मध्यप्रदेश गौ तस्करी का मुख्य रूट बना हुआ है. राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के गोवंश की मध्यप्रदेश के रास्तों से तस्करी होती है. हमारी कोशिश है कि मध्यप्रदेश के अलावा इससे सटे राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकारें हैं. इन राज्यों में गौ सेवा आयोग या बोर्ड या फिर मंत्रालय बनाए गए हैं. इन सभी के पदाधिकारियों को मध्य प्रदेश बुलाया जा रहा है. इनसे बैठक में तस्करी रोकने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी.
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सभी राज्य मिलकर सख्ती से कदम उठाएंगे तो तस्करी को पूरी तरह से रोका जा सकेगा. इन पांच राज्यों में गौ तस्करी पर सख्ती हुई तो पूरी देश में इसका असर दिखाई देगा. बैठक में यह भी मुद्दा उठाया जाएगा कि दूसरे राज्य के गौवंश को तस्करी करते मध्यप्रदेश में पकड़ा गया तो उस गौवंश को उसी राज्य को सौंपा जाए. अभी प्रदेश में ही इन गौवंश को रखना होता है.