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द्वारका के 100 से ज्यादा अपार्टमेंट्स के पास नहीं है फायर NOC, फायर डिपार्टमेंट ने जारी किया नोेटिस

Fire department issues notice: दिल्ली के द्वारका इलाके में बहुत सी गंगनचुंबी रिहाइशी इमारते हैं, जिनमें हजारों-लाखों परिवार रहते हैं. लेकिन इन परिवारों की सुरक्षा का मजाक उड़ाया जा रहा है. द्वारका में ऐसे 100 से भी ज्यादा अपार्टमेंट हैं, जिनके पास वैलिड फायर NOC (नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट) नहीं है. इससे लोगों की जान पर खतरा बना हुआ है.

Fire Noc expires in dwarka apartment
Fire Noc expires in dwarka apartment
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 9, 2024, 2:31 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी के द्वारका इलाके में बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां 100 से ज्यादा ऐसे अपार्टमेंट्स पाये गए हैं, जिनके पास फायर एनओसी तक नहीं है. इसके बाद दिल्ली फायर सर्विस ने नोटिस भेजने शुरू कर दिए है. इनकी फायर NOC को खत्म हुए कई साल बीत चुके हैं. दरअसल द्वारका इलाके में घर में आग लगने की एक घटना इसी साल फरवरी में सामने आई थी.

इसमें 83 साल के बुजुर्ग की जलकर मौत होने के अलावा बुजुर्ग की पोती ने जान बचाने के लिए अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी थी. इस घटना के बाद फायर विभाग ने एक अभियान चला कर इस बात को जानने की शुरुआत की, कि कितने अपार्टमेंट है जहां या तो फायर NOC नहीं है या फिर NOC एक्सपायर हो चुकी है. जिस अपार्टमेंट में आग लगने की घटना हुई थी वहां आग बुझाने के सुरक्षा उपकरण सही तरीके से काम नहीं कर रहे थे.

फायर डिपार्टमेंट ने दी जानकारी: फायर डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक, जिन अपार्टमेंट्स की फायर NOC एक्सपायर हो चुकी है, उसमें सेक्टर 1,2, 4,5, 6, 7, 9 से 12, 15 से 17, 18, 19, 20,21, 22, 23, द्वारका मोड़ स्थित अपार्टमेंट शामिल है. दिल्ली फायर सर्विसेज की तरफ से इन सभी अपार्टमेंट के आरडब्ल्यूए को नोटिस भेजा जा चुका है. फायर विभाग का कहना है कि जिन-जिन अपार्टमेंट में इस तरह की लापरवाही बरती गई है, उन्हें जल्द ही नोटिस भेजा जाएगा.

कैसे मिलती है फायर NOC?: फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों के अनुसार, सबसे ज्यादा आग लगने की घटना या तो शॉर्ट सर्किट से होती है, (जिसमें बिजली के इक्विपमेंट के रखरखाव की लापरवाही होती है) या फिर गैस लीकेज की वजह से ऐसी घटनाएं सामने आती है. दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग का कहना है कि जो भी बिल्डिंग 15 मीटर से ऊंची है, उसे फायर की एनओसी लेने की जरूरत है. यह NOC पांच साल के लिए मान्य रहती है और इसे देने से पहले बिल्डिंग प्लांस और अन्य दस्तावेज जमा कराए जाते हैं और अपार्टमेंट का निरीक्षण भी किया जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक, आग लगने की घटनाओं से जुड़ी सबसे अधिक कॉल रिहाईशी इलाकों से ही आती है. इसलिए इन इलाकों में सुरक्षा मानकों को पूरा करना बेहद जरूरी है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली एलजी ने गोलाकुआं तेहखण्ड का किया दौरा, कहा- देश की राजधानी में नागरिकों की ऐसी दुर्दशा शर्मनाक!

सबसे ज्यादा आग के मामले रिहायशी इलाकों में: दिल्ली फायर सर्विस से मिली एक जानकारी के अनुसार, 2023 यानी पिछले साल आग लगने की कुल 15,610 कॉल रिसीव की गई और इनमें से करीब 5000 रिहायशी इलाके से आई थी. इन घटनाओं में 59 लोगों ने अपनी जान गंवाई. फायर विभाग की तरफ से इन आग की घटनाओं के दौरान करीब 700 लोगों को फायर कर्मियों ने रेस्क्यू किया, जबकि साल 2022 में रिहायशी इलाके में 4177 आग की घटनाएं सामने आई.

ये भी पढ़ें- ग्रेटर नोएडा में हॉस्‍टल का खाना खाने के बाद बीमार पड़े करीब 100 छात्र, इलाज जारी

नई दिल्ली: राजधानी के द्वारका इलाके में बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां 100 से ज्यादा ऐसे अपार्टमेंट्स पाये गए हैं, जिनके पास फायर एनओसी तक नहीं है. इसके बाद दिल्ली फायर सर्विस ने नोटिस भेजने शुरू कर दिए है. इनकी फायर NOC को खत्म हुए कई साल बीत चुके हैं. दरअसल द्वारका इलाके में घर में आग लगने की एक घटना इसी साल फरवरी में सामने आई थी.

इसमें 83 साल के बुजुर्ग की जलकर मौत होने के अलावा बुजुर्ग की पोती ने जान बचाने के लिए अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी थी. इस घटना के बाद फायर विभाग ने एक अभियान चला कर इस बात को जानने की शुरुआत की, कि कितने अपार्टमेंट है जहां या तो फायर NOC नहीं है या फिर NOC एक्सपायर हो चुकी है. जिस अपार्टमेंट में आग लगने की घटना हुई थी वहां आग बुझाने के सुरक्षा उपकरण सही तरीके से काम नहीं कर रहे थे.

फायर डिपार्टमेंट ने दी जानकारी: फायर डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक, जिन अपार्टमेंट्स की फायर NOC एक्सपायर हो चुकी है, उसमें सेक्टर 1,2, 4,5, 6, 7, 9 से 12, 15 से 17, 18, 19, 20,21, 22, 23, द्वारका मोड़ स्थित अपार्टमेंट शामिल है. दिल्ली फायर सर्विसेज की तरफ से इन सभी अपार्टमेंट के आरडब्ल्यूए को नोटिस भेजा जा चुका है. फायर विभाग का कहना है कि जिन-जिन अपार्टमेंट में इस तरह की लापरवाही बरती गई है, उन्हें जल्द ही नोटिस भेजा जाएगा.

कैसे मिलती है फायर NOC?: फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों के अनुसार, सबसे ज्यादा आग लगने की घटना या तो शॉर्ट सर्किट से होती है, (जिसमें बिजली के इक्विपमेंट के रखरखाव की लापरवाही होती है) या फिर गैस लीकेज की वजह से ऐसी घटनाएं सामने आती है. दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग का कहना है कि जो भी बिल्डिंग 15 मीटर से ऊंची है, उसे फायर की एनओसी लेने की जरूरत है. यह NOC पांच साल के लिए मान्य रहती है और इसे देने से पहले बिल्डिंग प्लांस और अन्य दस्तावेज जमा कराए जाते हैं और अपार्टमेंट का निरीक्षण भी किया जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक, आग लगने की घटनाओं से जुड़ी सबसे अधिक कॉल रिहाईशी इलाकों से ही आती है. इसलिए इन इलाकों में सुरक्षा मानकों को पूरा करना बेहद जरूरी है.

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सबसे ज्यादा आग के मामले रिहायशी इलाकों में: दिल्ली फायर सर्विस से मिली एक जानकारी के अनुसार, 2023 यानी पिछले साल आग लगने की कुल 15,610 कॉल रिसीव की गई और इनमें से करीब 5000 रिहायशी इलाके से आई थी. इन घटनाओं में 59 लोगों ने अपनी जान गंवाई. फायर विभाग की तरफ से इन आग की घटनाओं के दौरान करीब 700 लोगों को फायर कर्मियों ने रेस्क्यू किया, जबकि साल 2022 में रिहायशी इलाके में 4177 आग की घटनाएं सामने आई.

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