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फतेहपुर की किशनपुर नगर पंचायत का नहीं हो रहा विस्तार, अब तक स्थायी EO की तैनाती नहीं - FATEHPUR KISHANPUR NAGAR PANCHAYAT

KISHANPUR NAGAR PANCHAYAT : मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने को भटक रहे लोग. विकास कार्य भी हो रहे प्रभावित.

पूरी नहीं हो पा रही किशनपुर के लोगों की डिमांड.
पूरी नहीं हो पा रही किशनपुर के लोगों की डिमांड. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 24, 2024, 1:30 PM IST

फतेहपुर : जिले की सबसे प्राचीन नगर पंचायत किशनपुर का सीमा विस्तार न होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवाने के लिए भटकना पड़ रहा है. नगर पंचायत कार्यालय, थाना, मंडी समिति, उपस्वास्थ्य केंद्र समेत अधिकतर सरकारी दफ्तर कहने को तो नगर पंचायत में ही आते हैं, लेकिन वे किसी दूसरी ग्राम पंचायत में स्थित है.

नगर पंचायत किशनरपुर का क्षेत्रफल 3464.2577 हेक्टेयर है. आबादी लगभग 10 हजार है. नगर पंचायत के 10 वार्ड हैं. इसमें सात वार्ड महावतपुर असहट की जमीन और दो वार्ड रामपुर की जमीन में बसे हैं. सवाल उठता है कि किशनपुर नगर पंचायत कहां है? नगर पंचायत किशनपुर का दफ्तर भी नगरीय सीमा से बाद असहट की जमीन पर बना है.

नगर पंचायत ने 20 जून 2023 को पहली बोर्ड बैठक में ही नगर पंचायत ने सीमा विस्तार का प्रस्ताव पास कर महावतपुर असहट, मडौली, पहाड़पुर, रामपुर प्रथम द्वितीय, रायपुर भसरौल के समस्त मजरे सरौली, पहोरा, अहमदगंज तिहार, एकडला गढ़ा के समस्त मजरे, रारी, गोदौरा सोनेमऊ, विजयीपुर आदि राजस्व गांवों को मिलाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था लेकिन डीएम कार्यालय से समस्त गांव के गाटा संख्या की विस्तृत रिपोर्ट के लिए पुनः तहसील प्रशासन को फाइल भेजी थी.

नगर पंचायत में सरकारी योजनाएं आती हैं. करोड़ों की लागत से बनने वाला शवदाह गृह अब तक नहीं बन पाया. कूड़ा कलेक्शन के लिए केंद्र बनना था. सीमा की समस्या से जूझ रहे नगर पंचायत किशनपुर में अफसरों ने यहां बासिंदों के साथ जमकर खेला. स्थायी ईओ की नियुक्त नहीं होने से खागा एसडीएम के पास ईओ का प्रभार है. उन्होंने भी चार्ज संभालने के बाद नगर पंचायत कार्यालय की ओर मुड़ कर नहीं देखा.

इसका खामियाजा 10 हजार से ज्यादा आबादी को भुगतना पड़ रहा है. एक तरफ सीमा विस्तार न होने से नगर अपने अस्तित्व से जूझ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर एक साल से अधिक समय से नगर पंचायत में स्थायी ईओ की पोस्टिंग नहीं हुई है. निकाय चुनाव के बाद शुरुआत में हथगाम ईओ सर्वेश श्रीवास्तव ने नगर पंचायत का अतिरिक्त चार्ज संभाला लेकिन उनका तबादला हो गया. इसके बाद न्यायिक एसडीएम खागा सर्वेश कुमार ने अतिरिक्त चार्ज संभाला, वह भी कोई विकास कार्य नहीं करा सके.

03 अक्टूबर 2024 को खागा एसडीएम अजय कुमार पांडेय ने नगर की कमान संभाली. इसके बावजूद कोई फर्क नहीं पड़ा. चेयरमैन नगर पंचायत किशनपुर सुरेंद्र सोनकर ने बताया कि पहली बोर्ड बैठक में सीमा विस्तार का प्रस्ताव पास हुआ था. प्रभारी मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलकर भी सीमा विस्तार के लिए पत्र दिया गया लेकिन राजस्व टीम की हीलाहवाली से मामला ठंडा पड़ गया. सीमा विस्तार न होने से नगर में विकास कार्य कराने में असुविधा हो रही है.

एडीएम न्यायिक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एसडीएम को एक माह पहले ईओ का प्रभार दिया गया है. निकाय का काम प्रभावित न हो, इसके लिए उन्होंने एक नायब तहसीलदार को जिम्मेदारी सौंप रखी है. यह बात सही है कि निकाय में 15 से एक माह के अंदर पहुंच कर उन्हें लोगों की समस्याओं का निस्तारण करना चाहिए. एसडीएम को नगर पंचायत के लंबित विकास कार्यों व समस्याओं को दूर करने के लिए निर्देशित करेंगे.

यह भी पढ़ें : ऋषभ देव दिगम्बर जैन एंव चित्रगुप्त मंदिर का होगा कायाकल्प, अयोध्या तीर्थ ट्रस्ट बढ़ाएगी पर्यटकों की सुविधा

फतेहपुर : जिले की सबसे प्राचीन नगर पंचायत किशनपुर का सीमा विस्तार न होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवाने के लिए भटकना पड़ रहा है. नगर पंचायत कार्यालय, थाना, मंडी समिति, उपस्वास्थ्य केंद्र समेत अधिकतर सरकारी दफ्तर कहने को तो नगर पंचायत में ही आते हैं, लेकिन वे किसी दूसरी ग्राम पंचायत में स्थित है.

नगर पंचायत किशनरपुर का क्षेत्रफल 3464.2577 हेक्टेयर है. आबादी लगभग 10 हजार है. नगर पंचायत के 10 वार्ड हैं. इसमें सात वार्ड महावतपुर असहट की जमीन और दो वार्ड रामपुर की जमीन में बसे हैं. सवाल उठता है कि किशनपुर नगर पंचायत कहां है? नगर पंचायत किशनपुर का दफ्तर भी नगरीय सीमा से बाद असहट की जमीन पर बना है.

नगर पंचायत ने 20 जून 2023 को पहली बोर्ड बैठक में ही नगर पंचायत ने सीमा विस्तार का प्रस्ताव पास कर महावतपुर असहट, मडौली, पहाड़पुर, रामपुर प्रथम द्वितीय, रायपुर भसरौल के समस्त मजरे सरौली, पहोरा, अहमदगंज तिहार, एकडला गढ़ा के समस्त मजरे, रारी, गोदौरा सोनेमऊ, विजयीपुर आदि राजस्व गांवों को मिलाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था लेकिन डीएम कार्यालय से समस्त गांव के गाटा संख्या की विस्तृत रिपोर्ट के लिए पुनः तहसील प्रशासन को फाइल भेजी थी.

नगर पंचायत में सरकारी योजनाएं आती हैं. करोड़ों की लागत से बनने वाला शवदाह गृह अब तक नहीं बन पाया. कूड़ा कलेक्शन के लिए केंद्र बनना था. सीमा की समस्या से जूझ रहे नगर पंचायत किशनपुर में अफसरों ने यहां बासिंदों के साथ जमकर खेला. स्थायी ईओ की नियुक्त नहीं होने से खागा एसडीएम के पास ईओ का प्रभार है. उन्होंने भी चार्ज संभालने के बाद नगर पंचायत कार्यालय की ओर मुड़ कर नहीं देखा.

इसका खामियाजा 10 हजार से ज्यादा आबादी को भुगतना पड़ रहा है. एक तरफ सीमा विस्तार न होने से नगर अपने अस्तित्व से जूझ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर एक साल से अधिक समय से नगर पंचायत में स्थायी ईओ की पोस्टिंग नहीं हुई है. निकाय चुनाव के बाद शुरुआत में हथगाम ईओ सर्वेश श्रीवास्तव ने नगर पंचायत का अतिरिक्त चार्ज संभाला लेकिन उनका तबादला हो गया. इसके बाद न्यायिक एसडीएम खागा सर्वेश कुमार ने अतिरिक्त चार्ज संभाला, वह भी कोई विकास कार्य नहीं करा सके.

03 अक्टूबर 2024 को खागा एसडीएम अजय कुमार पांडेय ने नगर की कमान संभाली. इसके बावजूद कोई फर्क नहीं पड़ा. चेयरमैन नगर पंचायत किशनपुर सुरेंद्र सोनकर ने बताया कि पहली बोर्ड बैठक में सीमा विस्तार का प्रस्ताव पास हुआ था. प्रभारी मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलकर भी सीमा विस्तार के लिए पत्र दिया गया लेकिन राजस्व टीम की हीलाहवाली से मामला ठंडा पड़ गया. सीमा विस्तार न होने से नगर में विकास कार्य कराने में असुविधा हो रही है.

एडीएम न्यायिक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एसडीएम को एक माह पहले ईओ का प्रभार दिया गया है. निकाय का काम प्रभावित न हो, इसके लिए उन्होंने एक नायब तहसीलदार को जिम्मेदारी सौंप रखी है. यह बात सही है कि निकाय में 15 से एक माह के अंदर पहुंच कर उन्हें लोगों की समस्याओं का निस्तारण करना चाहिए. एसडीएम को नगर पंचायत के लंबित विकास कार्यों व समस्याओं को दूर करने के लिए निर्देशित करेंगे.

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