कानपुर : अभी तक सूबे के जो किसान पानी भरे खेतों में उतरकर धान, गेहूं समेत अन्य फसलों की बोआई करते थे, अब उन्हें ड्रोन से खेती में मदद मिलेगी. सब कुछ ठीकठाक रहा तो आने वाले समय में सूबे के किसान ड्रोन से ही अपने फसलों की खेतों में बोआई कर सकेंगे. इसके लिए कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) ने गति संस्था के साथ करार किया है. करार को लेकर सीएसए के कुलपति प्रो.आनंद सिंह ने बताया कि अब विवि में 20-20 के समूह में किसानों, छात्रों व एफपीओ के सदस्यों को हम ड्रोन तकनीक से सीधा जोड़ेंगे. हमारा मकसद है कि ड्रोन की मदद से किसान खेती के अधिकतर काम कर सकें. जिस संस्था से हमारा करार हुआ है, उसको डीजीसीए से मान्यता भी मिली हुई है.
25 मिनट तक लगातार काम करेगा ड्रोन : सीएसए के कुलपति प्रो. आनंद सिंह ने बताया कि गति संस्था की ओर से जो एग्रीकल्चर ड्रोन हम उपयोग में ले रहे हैं. एक बार चार्ज करने पर 25 मिनट तक काम करेगा. जब किसान उपयोग करेंगे तो एक बार में एक हेक्टेयर खेत पर खेती की जा सकेगी. एग्रीकल्चर ड्रोन के लिए कुल वजन क्षमता 29 किलोग्राम है. जिसमें ड्रोन का वजन 15 किलोग्राम है. जबकि ड्रोन में 10 किलोग्राम का वजन रखकर उसे उड़ाया जा सकेगा.
ड्रोन तकनीक पर छात्र करेंगे पढ़ाई : सीएसए के कुलपति प्रो.आनंद सिंह ने बताया कि सीएसए में पहली बार इसी सत्र से ड्रोन टेक्नोलॉजी पर पाठ्यक्रम शुरू कर दिया गया है. इसमें अभी तक 140 छात्रों ने अपना पंजीकरण कराया है. जबकि अब लगातार छात्र इस पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकेंगे. विवि में ऐसा पहली बार होगा, जब छात्र ड्रोन तकनीक पर पढ़ाई करेंगे.
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