बूंदी. जिले के हिण्डोली थाना क्षेत्र के हिंडोली कस्बे में अतिक्रर्मियों के धमकाने से किसान की मौत का मामला सामने आया है. घटना के बाद विभिन्न मांगों को लेकर परिजनों ने किसान का शव एसडीएम ऑफिस के बाहर रखकर धरना शुरू कर दिया. उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने, एसडीएम को तत्काल प्रभाव से एपीओ करने, जमीन का सीमा ज्ञान करने, जमीन पर जाने का रास्ता बहाल कराने और मृतक के परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता और एक व्यक्ति को नौकरी देने की मांग की है.
थानाधिकारी पवन मीणा ने बताया कि मृतक के पुत्र ने रिपोर्ट दी है. उसका आरोप है कि अतिक्रमण करने वालों की ओर से धमकाने से पिता कैलाश की सदमे में मौत हुई है. अभी पोस्टमार्टम नहीं हुआ है, जिससे रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है. अगर किसी ने धमकी दी है तो उसकी जांच हो जाएगी और मुकदमा दर्ज किया जाएगा. अभी परिवार के लोग मुआवजा सहित अन्य मांगों को लेकर एसडीम ऑफिस के बाहर शव को लेकर धरने पर बैठे हैं.
धमकी देने से सदमें में चला गया था किसान : मृतक के बेटे रामलाल ने बताया कि पिता कैलाश पुत्र ग्यारसी लाल के खाते कब्जे काश्त की भूमि ग्राम सिंघाड़ी में स्थित है. कुछ लोगों ने जमीन पर अतिक्रमण कर जबरन तारबंदी कर दी है. भूमि पर आने जाने वाले दोनों रास्तों को जबरन कब्जा करके अवरुद्ध कर दिया है. इसपर परिवार सहित एसडीएम कार्यालय हिण्डोली के बाहर 26 जून से लेकर 28 जून तक धरना दिया और एसडीएम विनोद मीणा को इस संबंध में अवगत कराया, लेकिन प्रशासन ने परिवार को डरा धमकाकर धरना समाप्त करा दिया. उनका आरोप है कि प्रशासन ने रास्ता बहाली का झूठा आश्वासन दिया, इससे उसके पिता गहरे सदमे में चले गए और उनकी तबीयत खराब हो गई. 1 जुलाई को आरोपी घर पर आए और परिवार को धमकी देकर गए. इससे उसके पिता और गहरे सदमे में चले गए मंगलवार सुबह उनकी मौत हो गई.
50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग : मृतक के परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है. साथ ही प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए 50 लाख रुपए का मुआवजा राशि देने, परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी, खाता कब्जे की भूमि का सीमा ज्ञान कर अतिक्रमण मुक्त करवाने और जमीन पर जाने का आम रास्ता बहाल करने की मांग की है. साथ ही कार्य में लापरवाही बरतने और परिवार को डराने धमकाने के दोषी उपखंड अधिकारी को तत्काल एपीओ कर विभागीय कार्रवाई करने की मांग की है. परिजनों का कहना है कि जबतक हमारी मांगें नहीं मान ली जाती, शव नहीं उठाएंगे. धरना जारी रहेगा.