भागलपुर: बिहार के भागलपुर के नवगछिया के बलहा गांव से एक फर्जी दारोगा की कहानी सामने आई है. आरोप है कि शादी के लिए एक लड़के ने लड़की वालों को झूठ बोला और खुद को ट्रेनी दारोगा बताया. इसके बाद शादी तय हुई.
भागलपुर में फर्जी दारोगा बन कर रहा था शादी: लड़के वालों ने दहेज के रूप में 32 लाख रुपए की डिमांड की. लड़की वालों ने 12 लाख रुपए दे भी दिए, लेकिन बाद में मामला खुला तो पता चला कि लड़का फर्जी दारोगा है. मामला भवानीपुर थाना क्षेत्र का है, जहां आरोपी फर्जी दारोगा की पहचान सुधीर सिंह के बेटे राहुल सिंह के रूप में हुई है.
लड़की के परिजनों की पड़ताल में सच आया सामने: राहुल का छेका भी हो चुका था. कहा जा रहा है कि राहुल और उसके परिवार ने शादी के लिए लड़की वालों से जो भी फरमाइश और डिमांड की, उसे पूरा करने की कोशिश की गई. बुधवार को ही फर्जी दारोगा की शादी होनी थी, लेकिन लड़की के घर वालों की पड़ताल में शादी के एक दिन पहले सारी हकीकत सामने आ गई.
32 लाख दहेज की डिमांड, 12 लाख वसूले: राहुल और लड़की की शादी का कार्ड भी रिश्तेदार समेत परिचित लोगों तक पहुंच भी चुका था. मधेपुरा के चौसा थाना क्षेत्र के रहने वाले लड़की वालों के मुताबिक, लड़के के पिता ने हम लोगों से ये कहा था कि वो कहीं ट्रेनिंग ले रहा है. लड़की वालों ने लड़के वालों की बातों पर भरोसा भी कर लिया था.
लड़की के परिजनों ने शादी की कैंसिल: हालांकि, बीच में किसी बात को लेकर लड़की वालों को शक हुआ. उन्होंने लड़के वालों की ओर से बतायी गयी जगह पर पड़ताल की तो पता चला कि राहुल सिंह नाम का कोई ट्रेनी दारोगा नहीं है. इसके बाद लड़की वालों ने शादी कैंसिल करने का फैसला किया.
पुलिस को नहीं दी गई मामले की जानकारी: इस मामले में भवानीपुर थाना पुलिस को कानों कान भनक किसी ने लगने नहीं दी. ना तो वर पक्ष में ना ही वधू पक्ष ने मामले की शिकायत किसी से की. इतना ही नहीं बल्कि पंचायती में आए हुए कनमणि लोगों ने भी इसकी भनक पुलिस को लगने नहीं दी.
दहेज को बोले ना: यह पूरा मामला धोखाधड़ी के साथ ही दहेज से भी जुड़ा हुआ है. ईटीवी भारत आपसे अपील करता है कि इस तरह की सामाजिक कुप्रथाओं को बढ़ावा ना दें. क्योंकि दहेज लेना और देना दोनों कानून अपराध है.
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