नई दिल्ली/नोएडा: तीन हजार से अधिक फर्जी कंपनी बनाकर करीब 15 हजार करोड़ के जीएसटी फ्रॉड (GST fraud) के आरोपी कुणाल मेहता उर्फ गोल्डी को नोएडा थाना सेक्टर 20 पुलिस ने दो दिनों के लिए रिमांड पर लिया है. उसके खिलाफ कोर्ट से कुर्की का वारंट जारी हो चुका था. इसके डर से उसने 4 मार्च को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था. आरोपी हिसार हरियाणा का रहने वाला है. इस मामले में अब तक 29 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं. पांच आरोपियों की अचल संपति कुर्क हो चुकी है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, रिमांड का समय 14 मार्च से शुरू हुआ है और 15 मार्च को शाम 4 बजे तक यह कस्टडी डिमांड पर रहेगा. उसके बाद उसे वापस जेल भेज दिया जाएगा. इस दौरान आरोपी से पूछताछ की जाएगी. आरोपी का वकील भी साथ रहेगा. पुलिस को उम्मीद है कि आरोपी से पूछताछ में कुछ अहम सबूत हाथ लग सकते हैं. शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह गाड़ियां सेल परचेज करता है. हिसार, दिल्ली में गाड़ी दिखाने आता था, जहां मुख्य आरोपी सुमित से मिला. उसने बताया कि सुमित ने बिगलिफ के नाम से कंपनी बना रखी थी और मैं वहां आता जाता था.
2023 में हुआ था मामले का खुलासा: कुणाल ने फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड का दुरुपयोग कर कंपनी खोली थी. इसने कंपनी के टर्न ओवर के आधार पर करोड़ों रुपए के जीएसटी आईटीसी लिया था. मामले का पर्दाफाश नोएडा की सेक्टर-20 पुलिस ने बीते साल जून में किया था. इस मामले में अब तक गौरव सिंघल, गुरमीत सिंह, राजीव ,राहुल, विनीता, अश्वनी, अतुल सेंगर, दीपक मुरजानी, यासीन, विशाल, राजीव, जतिन, नंदकिशोर, अमित कुमार ,महेश, प्रीतम शर्मा, राकेश कुमार, अजय कुमार, दिलीप कुमार, मनन सिंघल, पीयूष, अतुल गुप्ता, सुमित गर्ग सहित 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.