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बिहार में एक्सप्रेसवे बनने की रफ्तार होगी तेज, कवर करेंगे 1063 किलोमीटर, 59 हजार करोड़ खर्च - Expressway in Bihar

CM nitish kumar बिहार को केंद्र सरकार की तरफ से भले ही विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल पाया हो, लेकिन आम बजट 2024 में प्रदेश का पूरा ध्यान रखा गया है. बिहार को सबसे बड़ी सौगात एक्सप्रेस वे की दी गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में बन रहे चार एक्सप्रेस वे की समीक्षा की. अधिकारियों को जल्द से जल्द जमीन अधिग्रहण करने के निर्देश दिये. पढ़ें, विस्तार से.

Expressway
बिहार में एक्सप्रेसवे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 19, 2024, 10:28 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार 19 सितंबर को राज्य में प्रस्तावित एवं निर्माणाधीन चार एक्सप्रेस-वे को लेकर हाईलेवल बैठक की. एक अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में यह बैठक हुई. बैठक में मुख्यमंत्री को प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एक्सप्रेसवे के लिए समय पर जमीन अधिग्रहण कर लेने का निर्देश दिया. बिहार में बनने वाले एक्सप्रेस वे में गोरखपुर-सिलीगुड़ी, रक्सौल-हल्दिया, पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड तथा आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे शामिल है.

लोगों का न हो असुविधाः मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इन प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के लिए भू-अर्जन का काम ठीक ढंग से ससमय सुनिश्चित करायें और इस कार्य में लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत तथा एनएचएआई के वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

बिहार में 1063 किमी का एक्सप्रेस वे: चार एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के तहत 1,575 किमी एक्सप्रेस-वे पथ के निर्माण पर 84 हजार 734 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें बिहार में पथों की लंबाई 1,063 किमी होगी और इस पर 59 हजार 173 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बिहार से होकर गुजरने वाले चारों एक्सप्रेस में कई जिलों को जोड़ेगा. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से राज्य में आवागमन को और गति मिलेगी. लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पर आने-जाने में समय की काफी बचत होगी.

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वेः बिहार राज्य के आठ जिलों यथा-पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया तथा किशनगंज से होकर गुजरेगा जिसकी कुल लंबाई 600 किमी होगी. इसमें राज्य में 415 किमी लंबा पथांश शामिल होगा. इसके लिए 100 मी चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के किसी भी जिले से पटना पहुंचने का लक्ष्य चार घंटे का रखा है.

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वेः रक्सौल अवस्थित अंतर्राष्ट्रीय चेक पोस्ट से निकटतम बंदरगाह, हल्दिया से त्वरित सम्पर्कता प्रदान करने के दृष्टिकोण से इस परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। इसकी कुल लंबाई 702 किमी है जिसमें बिहार राज्य में 367 किमी हिस्सा पड़ेगा. यह बिहार में पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई तथा बांका जिलों से होकर गुजरेगा। इसके लिए 100 मी चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.

पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वेः पटना रिंग रोड में प्रस्तावित दिघवारा ब्रिज से प्रारंभ होकर यह पथ पूर्णियाँ तक बनाया जायेगा जिसकी कुल लंबाई 250 किमी होगी। यह पथ सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा एवं पूर्णियाँ जिलों से होकर गुजरेगा. इसके लिए 100 मी चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है. आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे पथ से बोधगया / राजगीर की सम्पर्कता हेतु 4 लेन स्पर का निर्माण किया जाना है. इसके लिए 45 मी चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार 19 सितंबर को राज्य में प्रस्तावित एवं निर्माणाधीन चार एक्सप्रेस-वे को लेकर हाईलेवल बैठक की. एक अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में यह बैठक हुई. बैठक में मुख्यमंत्री को प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एक्सप्रेसवे के लिए समय पर जमीन अधिग्रहण कर लेने का निर्देश दिया. बिहार में बनने वाले एक्सप्रेस वे में गोरखपुर-सिलीगुड़ी, रक्सौल-हल्दिया, पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड तथा आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे शामिल है.

लोगों का न हो असुविधाः मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इन प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के लिए भू-अर्जन का काम ठीक ढंग से ससमय सुनिश्चित करायें और इस कार्य में लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत तथा एनएचएआई के वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

बिहार में 1063 किमी का एक्सप्रेस वे: चार एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के तहत 1,575 किमी एक्सप्रेस-वे पथ के निर्माण पर 84 हजार 734 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें बिहार में पथों की लंबाई 1,063 किमी होगी और इस पर 59 हजार 173 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बिहार से होकर गुजरने वाले चारों एक्सप्रेस में कई जिलों को जोड़ेगा. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से राज्य में आवागमन को और गति मिलेगी. लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पर आने-जाने में समय की काफी बचत होगी.

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वेः बिहार राज्य के आठ जिलों यथा-पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया तथा किशनगंज से होकर गुजरेगा जिसकी कुल लंबाई 600 किमी होगी. इसमें राज्य में 415 किमी लंबा पथांश शामिल होगा. इसके लिए 100 मी चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के किसी भी जिले से पटना पहुंचने का लक्ष्य चार घंटे का रखा है.

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वेः रक्सौल अवस्थित अंतर्राष्ट्रीय चेक पोस्ट से निकटतम बंदरगाह, हल्दिया से त्वरित सम्पर्कता प्रदान करने के दृष्टिकोण से इस परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। इसकी कुल लंबाई 702 किमी है जिसमें बिहार राज्य में 367 किमी हिस्सा पड़ेगा. यह बिहार में पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई तथा बांका जिलों से होकर गुजरेगा। इसके लिए 100 मी चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.

पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वेः पटना रिंग रोड में प्रस्तावित दिघवारा ब्रिज से प्रारंभ होकर यह पथ पूर्णियाँ तक बनाया जायेगा जिसकी कुल लंबाई 250 किमी होगी। यह पथ सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा एवं पूर्णियाँ जिलों से होकर गुजरेगा. इसके लिए 100 मी चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है. आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे पथ से बोधगया / राजगीर की सम्पर्कता हेतु 4 लेन स्पर का निर्माण किया जाना है. इसके लिए 45 मी चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.

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