लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का जो बजट पेश हुआ है उसमें परिवहन निगम का एक बिंदु शामिल है. जिसमें कहा गया है कि महिलाओं को बसों में सुरक्षित यात्रा करने के लिए 50 पिंक बसों का संचालन हो रहा है और यह सभी बसें पैनिक बटन से लैस हैं. इनका सीधा कनेक्शन डायल 112 से है. सरकार यह दावा कर रही है, लेकिन हकीकत इससे अलहदा है. ईटीवी भारत ने पिक बसों में लगे पैनिक बटन की तहकीकात की तो सामने आया कि पैनिक बटन अब शोपीस मात्र हैं. डायल 112 से इनका कोई कनेक्शन ही नहीं रह गया है. डायल 112 के पास परिवहन निगम की पिंक बसों के पैनिक बटन के लिए सर्वर ही नहीं है. टाटा कंपनी ने दो साल के लिए ही अपना सर्वर निगम को दिया था.
उत्तर प्रदेश में महिला स्पेशल पिंक बसों का संचालन वर्ष 2017 में किया गया था. 50 पिंक बसें उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए संचालित की जा रही हैं. पिंक बसों में सफर के दौरान महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें. इसके लिए हर सीट पर पैनिक बटन लगाए गए थे. शुरुआत में इन पैनिक बटन का कनेक्शन डायल 112 के साथ किया गया था और परिवहन निगम मुख्यालय के कंट्रोल कमांड सेंटर से भी कनेक्ट थे. किसी भी तरह की यात्रा के दौरान सहायता के लिए महिला इस पैनिक बटन का इस्तेमाल कर सकती थीं. जिसके बाद तत्काल डायल 112 में मैसेज पहुंचता था और कंट्रोल कमांड सेंटर से भी मैसेज के बाद लोकेशन लेकर मौके पर ही पुलिस मदद के लिए पहुंचती थी और परिवहन निगम की तरफ से इंटरसेप्टर के साथ टीएस और टीआई भी मदद के लिए पहुंचते थे.
बहरहाल कुछ समय बाद टाटा कंपनी ने परिवहन निगम को बसों के साथ डाटा कलेक्शन के लिए जो सर्वर दिया था उसे वापस ले लिया और डायल 112 से संपर्क टूट गया. डायल 112 के अधिकारियों ने तर्क दिया था कि कंट्रोल सेंटर पर पहले से ही काफी कॉल आते हैं. इसलिए और डाटा रख पाना मुश्किल होगा. इसके बाद डायल 112 से पैनिक बटन का कनेक्शन ही नहीं है, लेकिन अब भी परिवहन निगम कागजों पर पैनिक बटन का डायल 112 से कनेक्शन किए हुए हैं. सफर में महिलाओं को सुरक्षा की गारंटी दे रहा है.
अब लग रहे पांच हजार बसों में पैनिक बटन : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की पांच हजार सों में अब पैनिक बटन लगाए जा रहे हैं. वीएलटीडी से भी बसों को लैस किया जा रहा है. हालांकि अब भी पैनिक बटन लगने के बाद कितने दिन में इनका कनेक्शन डायल 112 से हो पाएगा, यह कहना जल्दबाजी होगा. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि डायल 112 के अधिकारियों से बातचीत चल रही है. सभी बसें के पैनिक बटन का कनेक्शन डायल 112 से भी जुड़ेगा, जिससे सफर में यात्री सुरक्षित महसूस कर सकेंगे.
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