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Jharkhand Election 2024: चुनाव में नक्सल खौफ हुआ कमजोर, भय मुक्त चुनाव को लेकर खास योजनाः डीआईजी

चुनाव में नक्सल खौफ हुआ कमजोर अब भय मुक्त चुनाव होंगे. डीआईजी ने कहा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं.

डीआईजी ने कहा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
चुनाव में नक्सल खौफ हुआ कमजोर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 8, 2024, 3:42 PM IST

पलामूः झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 कई मायनों में खास होने वाला है. लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुआ है और नक्सली हिंसा की घटना नहीं हुई. करीब तीन दशक के बाद पलामू प्रमंडल के इलाके में किसी भी चुनाव में नक्सली घटना नहीं हुई.

2024 के अंत में विधानसभा का चुनाव हो रहे हैं. विधानसभा चुनाव को नक्सली हिंसा रहित बनाने के लिए झारखंड पुलिस ने कई स्तर पर तैयारी की है. नक्सल खौफ कमजोर होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पलामू प्रमंडल में अब तक 140 से भी अधिक केंद्रीय सुरक्षा बलों की कंपनियों की तैनाती की गई है. विधानसभा चुनाव की सुरक्षा की तैयारी को लेकर ईटीवी भारत ने पलामू रेंज के डीआईजी वाईएस रमेश से कई बिंदुओं पर बातचीत की है.

डीआईजी वाईएस रमेश के साथ ईटीवी भारत की खास बातचीत (ETV Bharat)

बड़ी संख्या में जवान हुए तैनात, नक्सलियों के खिलाफ शुरू हुआ है अभियान

डीआईजी वाईएस रमेश ने बताया कि विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी संख्या में केंद्रीय बलों के जवानों को तैनात किया गया है. नक्सलियों के खिलाफ अभियान भी शुरू किए गए हैं एवं संवेदनशील इलाकों में नजर रखी जा रही है.

डीआईजी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है. साथ ही साथ लोगों के कॉन्फिडेंस बिल्डिंग के लिए फ्लैग मार्च सहित कई कदम उठाए जा रहे हैं. वलरेबल मतदान केंद्र या वैसे मतदान केंद्र जहां वोटिंग प्रतिशत कम हुआ था वहां भी आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

बूढ़ापहाड़ के लिए खास योजना तैयार

डीआईजी वाईएस रमेश ने बताया कि बूढ़ापहाड़ के लिए खास योजना तैयार की गयी है. 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कई इलाकों में पहली बार वोटिंग हुई थी. विधानसभा चुनाव में भी कई इलाकों में पहली बार वोटिंग होगी. बूढ़ापहाड़ जैसे इलाके के लिए खास तैयारी की गई है और लोगों के आत्मविश्वास को बढ़ाया जा रहा है.

कुछ वर्ष पहले कई इलाकों में पोलिंग पार्टी हेलीकॉप्टर से जाती थी. नक्सल के कमजोर होने के बाद अब इलाके में पैदल पोलिंग पार्टी गुजरना शुरू हो गई है. शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न करने के लिए पुलिस ने खास योजना तैयार की है, इस संबंध में पलामू गढ़वा एवं लातेहार एसपी को कई निर्देश भी दिए गए.

खास बातें:
2004 में चुनाव के दौरान पहली बार नक्सलियों ने इम्प्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का इस्तेमाल किया था. लातेहार के बालूमाथ के इलाके में नक्सलियों ने पहली बार लैंड माइंस का विस्फोट कर पुलिस जवानों को नुकसान पहुंचाया था.

2004 के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह का लैंड माइंस विस्फोट नहीं हुआ. तीन दशक में चुनाव के दौरान नक्सलियों द्वारा पुलिस एवं पोलिंग पार्टी पर हमले की खबर निकलकर सामने नहीं आई हैं.

झारखंड गठन के बाद माओवादी वोट बहिष्कार की बात बोलकर मतदान को प्रभावित करते थे, 2024 के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में माओवादियों के तरफ से वोट बहिष्कार के असर के मामले निकलकर सामने नहीं आए हैं.

पलामू प्रमंडल के भंडरिया, हरिहरगंज, पिपरा, मनातू, गारू, बारेसाढ़, छिपादोहार के सुदूरवर्ती इलाके में प्रत्याशी चुनाव प्रचार के लिए भी नहीं जाते थे. 2024 के विधानसभा चुनाव में बेखौफ प्रत्याशी गांव गांव जा रहे हैं.

2004 के बाद से माओवादियों ने चुनाव को लेकर 40 से अधिक स्कूल भवनों को विस्फोट कर उड़ा दिया था. 2024 के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में इस तरह की कोई भी घटना निकलकर सामने नहीं आई है.

इसे भी पढ़ें- अवैध खनन मामलाः सीबीआई की रेड में लाखों रुपये सहित किलो में मिला सोना-चांदी

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Assembly Elections 2024: रांची में कैश की सूचना के बाद निजी स्कूल की जांच, पुलिस एक्टिव

पलामूः झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 कई मायनों में खास होने वाला है. लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुआ है और नक्सली हिंसा की घटना नहीं हुई. करीब तीन दशक के बाद पलामू प्रमंडल के इलाके में किसी भी चुनाव में नक्सली घटना नहीं हुई.

2024 के अंत में विधानसभा का चुनाव हो रहे हैं. विधानसभा चुनाव को नक्सली हिंसा रहित बनाने के लिए झारखंड पुलिस ने कई स्तर पर तैयारी की है. नक्सल खौफ कमजोर होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पलामू प्रमंडल में अब तक 140 से भी अधिक केंद्रीय सुरक्षा बलों की कंपनियों की तैनाती की गई है. विधानसभा चुनाव की सुरक्षा की तैयारी को लेकर ईटीवी भारत ने पलामू रेंज के डीआईजी वाईएस रमेश से कई बिंदुओं पर बातचीत की है.

डीआईजी वाईएस रमेश के साथ ईटीवी भारत की खास बातचीत (ETV Bharat)

बड़ी संख्या में जवान हुए तैनात, नक्सलियों के खिलाफ शुरू हुआ है अभियान

डीआईजी वाईएस रमेश ने बताया कि विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी संख्या में केंद्रीय बलों के जवानों को तैनात किया गया है. नक्सलियों के खिलाफ अभियान भी शुरू किए गए हैं एवं संवेदनशील इलाकों में नजर रखी जा रही है.

डीआईजी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है. साथ ही साथ लोगों के कॉन्फिडेंस बिल्डिंग के लिए फ्लैग मार्च सहित कई कदम उठाए जा रहे हैं. वलरेबल मतदान केंद्र या वैसे मतदान केंद्र जहां वोटिंग प्रतिशत कम हुआ था वहां भी आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

बूढ़ापहाड़ के लिए खास योजना तैयार

डीआईजी वाईएस रमेश ने बताया कि बूढ़ापहाड़ के लिए खास योजना तैयार की गयी है. 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कई इलाकों में पहली बार वोटिंग हुई थी. विधानसभा चुनाव में भी कई इलाकों में पहली बार वोटिंग होगी. बूढ़ापहाड़ जैसे इलाके के लिए खास तैयारी की गई है और लोगों के आत्मविश्वास को बढ़ाया जा रहा है.

कुछ वर्ष पहले कई इलाकों में पोलिंग पार्टी हेलीकॉप्टर से जाती थी. नक्सल के कमजोर होने के बाद अब इलाके में पैदल पोलिंग पार्टी गुजरना शुरू हो गई है. शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न करने के लिए पुलिस ने खास योजना तैयार की है, इस संबंध में पलामू गढ़वा एवं लातेहार एसपी को कई निर्देश भी दिए गए.

खास बातें:
2004 में चुनाव के दौरान पहली बार नक्सलियों ने इम्प्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का इस्तेमाल किया था. लातेहार के बालूमाथ के इलाके में नक्सलियों ने पहली बार लैंड माइंस का विस्फोट कर पुलिस जवानों को नुकसान पहुंचाया था.

2004 के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह का लैंड माइंस विस्फोट नहीं हुआ. तीन दशक में चुनाव के दौरान नक्सलियों द्वारा पुलिस एवं पोलिंग पार्टी पर हमले की खबर निकलकर सामने नहीं आई हैं.

झारखंड गठन के बाद माओवादी वोट बहिष्कार की बात बोलकर मतदान को प्रभावित करते थे, 2024 के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में माओवादियों के तरफ से वोट बहिष्कार के असर के मामले निकलकर सामने नहीं आए हैं.

पलामू प्रमंडल के भंडरिया, हरिहरगंज, पिपरा, मनातू, गारू, बारेसाढ़, छिपादोहार के सुदूरवर्ती इलाके में प्रत्याशी चुनाव प्रचार के लिए भी नहीं जाते थे. 2024 के विधानसभा चुनाव में बेखौफ प्रत्याशी गांव गांव जा रहे हैं.

2004 के बाद से माओवादियों ने चुनाव को लेकर 40 से अधिक स्कूल भवनों को विस्फोट कर उड़ा दिया था. 2024 के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में इस तरह की कोई भी घटना निकलकर सामने नहीं आई है.

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