ETV Bharat / state

साल बीत जाने के बाद भी भूकटाव रोकने के लिए नहीं उठाए जा रहे सख्त कदम, हॉस्पिटल को बना खतरा - UPAZILA HOSPITAL IN UTTARKASHI

भूकटाव के बाद भी जिम्मेदार विभाग सुरक्षात्मक कार्यों में लापरवाही बरत रहे हैं. जिससे लोग बरसात में समस्या विकराल होने का अंदेशा जता रहे हैं.

Uttarkashi Kamal River
कमल नदी से हर साल हो रहा भूकटाव (Photo-ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 24, 2025, 7:08 AM IST

उत्तरकाशी: कमल नदी के बहाव बदलने से लगातार जारी कटाव से उपजिला चिकित्सालय की सुरक्षा दीवार और ओपीडी कक्षों को खतरा पैदा हो गया है. लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन और सिंचाई विभाग की ओर से सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं किए गए हैं. वहीं रामा सिरांई पट्टी के दो दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ने वाला पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

साल 2022-23 के अगस्त माह में पुरोला क्षेत्र में आई आपदा से छाडा खड़, कमल नदी, माल गाड़ और कुमोला खड़ में भारी भू-कटाव हुआ था. नदी के उफान व बहाव बदलने से उप जिला चिकित्सालय की सुरक्षा दीवार समेत देवदूंग, कोटी, धामपुर, मोल्टाडी व कुमार कोट, घुंडाड़ा, सुनाली व सुकड़ाल आदि गांवों के संपर्क मार्ग पर कटाव हुआ. वहीं अगर प्रशासन समय पर इसके सुरक्षा के उपाय नहीं करता तो आगामी बरसात में यह अस्पताल परिसर के लिए बड़ा खतरा बन जाएगा. जबकि शासन के आला अधिकारियों ने अपने निरीक्षण के दौरान अस्पताल की सुरक्षा के जल्द उपाय करने के लिए सिंचाई विभाग को निर्देशित किया था.

लेकिन उसके बाद से एक वर्ष बीत जाने पर भी अभी तक विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. स्थानीय निवासी नवीन गैरोला ,राजपाल पंवार, बलदेव रावत , व्यापार मंडल अध्यक्ष अंकित पंवार ने बताया कि आपदा से क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग व उप जिला चिकित्सालय भवन बचाने को शासन-प्रशासन से कई बार बाढ़ सुरक्षा दीवार निर्माण के लिए लिखित व मौखिक अवगत करवाया. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

कमल नदी व छाडा खड़ क्षतिग्रस्त दीवारों का 9 करोड़ का आकलन शासन को भेजा गया है. स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू किया जाएगा. पन्नी लाल, सिंचाई विभाग ईई

पढ़ें

उत्तरकाशी: कमल नदी के बहाव बदलने से लगातार जारी कटाव से उपजिला चिकित्सालय की सुरक्षा दीवार और ओपीडी कक्षों को खतरा पैदा हो गया है. लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन और सिंचाई विभाग की ओर से सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं किए गए हैं. वहीं रामा सिरांई पट्टी के दो दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ने वाला पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

साल 2022-23 के अगस्त माह में पुरोला क्षेत्र में आई आपदा से छाडा खड़, कमल नदी, माल गाड़ और कुमोला खड़ में भारी भू-कटाव हुआ था. नदी के उफान व बहाव बदलने से उप जिला चिकित्सालय की सुरक्षा दीवार समेत देवदूंग, कोटी, धामपुर, मोल्टाडी व कुमार कोट, घुंडाड़ा, सुनाली व सुकड़ाल आदि गांवों के संपर्क मार्ग पर कटाव हुआ. वहीं अगर प्रशासन समय पर इसके सुरक्षा के उपाय नहीं करता तो आगामी बरसात में यह अस्पताल परिसर के लिए बड़ा खतरा बन जाएगा. जबकि शासन के आला अधिकारियों ने अपने निरीक्षण के दौरान अस्पताल की सुरक्षा के जल्द उपाय करने के लिए सिंचाई विभाग को निर्देशित किया था.

लेकिन उसके बाद से एक वर्ष बीत जाने पर भी अभी तक विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. स्थानीय निवासी नवीन गैरोला ,राजपाल पंवार, बलदेव रावत , व्यापार मंडल अध्यक्ष अंकित पंवार ने बताया कि आपदा से क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग व उप जिला चिकित्सालय भवन बचाने को शासन-प्रशासन से कई बार बाढ़ सुरक्षा दीवार निर्माण के लिए लिखित व मौखिक अवगत करवाया. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

कमल नदी व छाडा खड़ क्षतिग्रस्त दीवारों का 9 करोड़ का आकलन शासन को भेजा गया है. स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू किया जाएगा. पन्नी लाल, सिंचाई विभाग ईई

पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.