पटना: चौथे चरण के तहत 13 मई को मुंगेर लोकसभा सीट पर मतदान चुनाव होना है. इस सीट पर आरजेडी चीफ लालू यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर है. लालू ने जहां पिछड़ा कार्ड खेला है तो वहीं नीतीश ने फिर से ललन सिंह को मैदान में उतारा है. ललन सिंह सीएम नीतीश कुमार के करीबी हैं. उनके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव प्रचार कर चुके हैं. अब अनंत सिंह के जेल से निकलने के बाद मोकामा इलाके में अगड़ा बनाम पिछड़ा की लड़ाई देखने को मिल सकती है.
मुंगेर में होगा दिलचस्प मुकाबला: लालू प्रसाद यादव की रणनीति से निपटने के लिए एनडीए ने भी एक्शन प्लान तैयार किया और चुनाव से ठीक पहले मोकामा के पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह को उतारा है. उनको 15 दिनों की पैरोल मिली है, जिसके बाद रविवार सुबह वह बेऊर जेल से बाहर निकल गए हैं. उनके समर्थन में जेल गेट से लेकर बाढ़ और मोकामा से उनके गांव लदमा तक समर्थकों का हुजूम देखने को मिला है.
अनंत सिंह का जोरदार स्वागत: जेल से बाहर निकालने के बाद समर्थकों ने उन्हें फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया. उसके बाद वह गाड़ी में बैठकर सीधे निकल गए. सबसे पहले वह ब्रह्मस्थान के लिए रवाना हुए. महारानी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद अनंत सिंह ने एक तरीके से अभियान की शुरुआत भी कर दी. पैरोल पर रहने के कारण वह सीधे तौर पर चुनाव प्रचार तो नहीं कर सकते हैं लेकिन इलाके में रहेंगे तो पर्दे के पीछे से खेल कर सकते हैं.
अनंत सिंह से ललन सिंह को होगा फायदा: बाहुबली अनंत सिंह की मोकामा और बाढ़ इलाके में मजबूत पकड़ है. भूमिहार और सवर्ण जातियों के साथ-साथ पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज पर भी उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है. ललन सिंह भी भूमिहार जाति से आते हैं लेकिन ऐसी चर्चा है कि उनसे उनके ही समाज के लोग नाराज हैं. ऐसे में अनंत सिंह के कारण जातीय गोलबंदी जेडीयू कैंडिडेट के पक्ष में हो सकती है.
मुंगेर में अनंत सिंह बनाम अशोक महतो: मुंगेर में बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनिता देवी चुनावी मैदान में हैं. उन्होंने पत्नी को चुनाव लड़ाने के लिए ही लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आनन-फानन में शादी की है. जिसके बाद लालू यादव ने अनिता को आरजेडी का सिंबल थमा दिया. खुद अशोक महतो बाहुबली रहे हैं. मर्डर, किडनैपिंग और अन्य मामलों में आरोपी और उम्रकैद की सजा काटकर पिछले साल ही जेल से निकले हैं. वह कुर्मी जाति से आते हैं. अब अनंत सिंह की रिहाई से मुंगेर में दो बाहुबलियों के बीच परोक्ष जंग देखने को मिल सकती है.
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