रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क में पर्यटकों का दबाव कम करने के लिए एक और पर्यटन जोन रामनगर वन विभाग तराई पश्चिमी में खोलने जा रहा है. जहां पर्यटक जैव विविधता के साथ ही वन्यजीवों का दीदार कर सकेंगे. शासन से अनुमति मिलते ही इस नए पर्यटन जोन को विकसित किया जाएगा, जिसका नाम चांदनी इको टूरिज्म जोन रखा गया है. इस जोन को दिसंबर से पर्यटकों के जंगल सफारी के लिए खोल दिया जायेगा.
बता दें कि विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हर साल लाखों की तादात में पर्यटक पहुंचते हैं. जहां सैलानी जैव विविधता और वन्यजीवों का नजदीकी से दीदार करते हैं. बता दें कि नैनीताल जिले के रामनगर में आने वाले पर्यटक यहां कॉर्बेट पार्क के बिजरानी, ढेला, गर्जिया, झिरना,पाखरो, दुर्गा देवी, सोना नदी पर्यटन जोन में डे सफारी का लुत्फ उठाते हैं. वहीं इससे बाहर कॉर्बेट पार्क से लगते लैंडस्केप में रामनगर वन प्रभाग के सितावनी व भण्डारपानी पर्यटन जोन व रामनगर तराई पश्चिमी का फाटो व हाथीडंगर पर्यटन जोन हैं, जहां पर पर्यटक इन जोनों में जंगल सफारी का लुत्फ उठाते हैं.
वहीं अब कॉर्बेट नेशनल पार्क में पर्यटकों का दबाव कम करने के लिए तराई पश्चिमी द्वारा रामनगर में एक और पर्यटन जोन खोलने की तैयारी चल रही है. जिसको रामनगर तराई पश्चिमी द्वारा बैलपड़ाव रेंज से शुरू किया जा रहा है और जिसका नाम चांदनी ईको टूरिज्म जोन रखा गया है. जिसमें पर्यटक 35 किलोमीटर के ट्रैक में जंगल सफारी का लुत्फ उठा पाएंगे. जिसका 2 वर्ष में करीब 1.5 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तराई पश्चिमी द्वारा शासन को भेजा गया है. अनुमति मिलते ही उम्मीद है कि दिसंबर से इस नए पर्यटन जोन में जंगल सफारी शुरू कर दी जाएगी.
वहीं नेचर गाइड रमेश सुयाल कहते हैं कि इस नए पर्यटन जोन के खुलने से क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही रोजगार के नए अवसर प्रदान होंगे. जिसके लिए उन्होंने तराई पश्चिमी विभाग का आभार जताया है. वहीं तराई पश्चिमी के डीएफओ प्रकाश आर्या ने बताया कि हम रामनगर तराई पश्चिम के अंतर्गत पड़ने वाले बेलपड़ाव रेंज से एक 35 किलोमीटर ट्रैक का नए पर्यटन जोन शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसका 2 वर्षों का लगभग डेढ़ करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है.
पहले वर्ष में 80 लाख व दूसरे वर्ष में 70 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. उन्होंने बताया कि अनुमति मिलते ही दिसंबर माह से इस पर्यटन जोन को शुरू कर दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि इस पर्यटन जोन में 30 से 50 जिप्सियां सुबह की पाली में, वहीं 30 से 50 जिप्सियां शाम शाम की पाली में पर्यटकों को जंगल सफारी पर लेकर जाएंगी. उन्होंने कहा कि जैव विविधता से यह वन बहुत सुंदर है और यहां पर हाथी, भालू, गुलदार, बाघ, डियर आदि वन्यजीव पाए जाते हैं.
ये भी पढ़ें:
- जिम कॉर्बेट पार्क में 47 साल में 1125 से घटकर 100 रह गए हॉग डियर, अब सेटेलाइट और ग्राउंड स्टडी से बढ़ाएंगे संख्या
- कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के चार एलिफेंट कॉरिडोर के साथ अमानगढ़ रिजर्व के ये हिस्से होंगे इको सेंसिटिव, राजस्व गांवों पर पड़ेगा ये असर
- कॉर्बेट पार्क को आज पूरे हुए 88 साल, अधिकारियों ने केक काटकर मनाया स्थापना दिवस
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में बसता है दीमकों का संसार, बांबी की मिट्टी से सावन में बनते हैं शिवलिंग