शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिक्षकों के सिंगापुर दौरे को लेकर हो रहे विवाद पर शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने संज्ञान लिया है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों से पूछा गया है कि क्या शिक्षकों के चयन में कोई धांधली हुई है. बार-बार यह सूची क्यों बदली गई. जवाब आने के की बाद सरकार अगली कार्रवाई करेगी. हाल ही में राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने सिंगापुर ट्रिप के चयन में धांधली का आरोप लगाया था.
चुनाव आचार संहिता के समय का लाभ उठाने के लिए शिक्षा सचिव ने विभाग के पुराने और विवादित मामलों को सुलझाने को लेकर भी बैठक शुरू की हैं. प्रारंभिक और उच्च शिक्षा विभाग के साथ हुई बैठक में तीन मुख्य तरह के मामले शिक्षा सचिव ने विभाग को दिए हैं. इनमें स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के लिए सर्वे करने को कहा गया है, ताकि पैरामीटर और गाइडलाइन बनाने से पहले फील्ड की जरूरत और विभाग के लक्ष्यों को तय किया जा सके. इन शिक्षण संस्थानों के लिए स्टैंडर्ड क्या होंगे या स्टाफिंग पैटर्न क्या रहेगा? यह भी इसी सर्वे के दौरान तय होगा.
शिक्षा सचिव ने स्कूल प्रिंसिपल की रेगुलर प्रमोशन का मामला सुलझाने के निर्देश भी दिए हैं. हिमाचल में वर्ष 2017 के बाद से स्कूल प्रिंसिपल प्लेसमेंट के जरिए नियुक्त होते रहे हैं. इनकी प्रमोशन रेगुलर नहीं हो पाई है. नई प्रमोशन भी रेगुलर नहीं हो पा रही है. पहले मामला हाईकोर्ट में था, लेकिन अब लोक सेवा आयोग में उलझा हुआ है.
शिक्षा सचिव ने उच्च शिक्षा निदेशक और सचिवालय के अधिकारियों को इस बारे में कदम उठाने के लिए कहा है. इसी तरह डिप्टी डायरेक्टर को प्रमोशन को लेकर भी इस महीने कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले महाधिवक्ता कार्यालय से समन्वय बनाने को कहा गया है. अभी करीब आधे पद फील्ड में डिप्टी डायरेक्टर के खाली चल रहे हैं.