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लखनऊ में ED की बड़ी कार्रवाई; विनय वायर की करोड़ों की संपत्ति की कुर्क, फर्जी दस्तावेजों से लिया था लोन - BIG ACTION BY ED IN LUCKNOW

ईडी ने विनय वायर एंड पॉली प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों की छह करोड़ से अधिक की संपत्ति की कुर्क

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लखनऊ में ED की बड़ी कार्रवाई (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 3, 2024, 7:12 PM IST

लखनऊ: बैंक ऑफ बड़ौदा से फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोन लेने के मामले में ईडी ने विनय वायर एंड पॉली प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों की छह करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. इन संपत्तियों में तीन फ्लैट और एक कमर्शियल लैंड शामिल हैं, जो कानपुर और अहमदाबाद में स्थित है.

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, बैंक ऑफ बड़ौदा लोन धोखाधड़ी से जुड़े मामले में सीबीआई, एससीबी लखनऊ ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. इसी के आधार पर ईडी ने मेसर्स विनय वायर एंड पॉली प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ इसके निदेशकों विनय कनोडिया, बृजेश कनोडिया, गायत्री देवी कनोडिया और सीएन मालवीय के खिलाफ जांच शुरू की.

ED की जांच में खुलासा हुआ कि, मेसर्स विनय वायर एंड पॉली प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तमाल कर लोन लिया था. जिसको इन लोगों ने अपने अपने व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर किए थे. इस तरह से प्रमोटरों और निदेशकों ने अपने बताए व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए लोन राशि का गबन किया. इसके अलावा कंपनी के निदेशकों ने लोन स्वीकृति समझौते की शर्तों का उल्लंघन करते हुए गैर-ऋण देने वाले बैंकों के साथ कई खाते खोले ताकि लोन की किश्त जमा करने से बचा जा सके.

BOB ने साल 2018 को विनय वायर एंड पॉली प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को लोन न जमा किए जाने पर एनपीए घोषित कर दिया. इस दौरान बकाया राशि 18.95 करोड़ रुपये थी. बाद में बैंक ऑफ बड़ौदा ने मेसर्स विनय वायर्स की ओर से बैंक में गिरवी रखी गई आठ संपत्तियों को 8.35 करोड़ रुपये में बेच दिया और उस राशि को वसूल कर लिया था.

यह भी पढ़ें: जालसाज योगेश तिवारी की 78 लाख की संपत्ति कुर्क, करोड़ों की ठगी के मामले में ED ने की कार्रवाई

लखनऊ: बैंक ऑफ बड़ौदा से फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोन लेने के मामले में ईडी ने विनय वायर एंड पॉली प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों की छह करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. इन संपत्तियों में तीन फ्लैट और एक कमर्शियल लैंड शामिल हैं, जो कानपुर और अहमदाबाद में स्थित है.

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, बैंक ऑफ बड़ौदा लोन धोखाधड़ी से जुड़े मामले में सीबीआई, एससीबी लखनऊ ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. इसी के आधार पर ईडी ने मेसर्स विनय वायर एंड पॉली प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ इसके निदेशकों विनय कनोडिया, बृजेश कनोडिया, गायत्री देवी कनोडिया और सीएन मालवीय के खिलाफ जांच शुरू की.

ED की जांच में खुलासा हुआ कि, मेसर्स विनय वायर एंड पॉली प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तमाल कर लोन लिया था. जिसको इन लोगों ने अपने अपने व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर किए थे. इस तरह से प्रमोटरों और निदेशकों ने अपने बताए व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए लोन राशि का गबन किया. इसके अलावा कंपनी के निदेशकों ने लोन स्वीकृति समझौते की शर्तों का उल्लंघन करते हुए गैर-ऋण देने वाले बैंकों के साथ कई खाते खोले ताकि लोन की किश्त जमा करने से बचा जा सके.

BOB ने साल 2018 को विनय वायर एंड पॉली प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को लोन न जमा किए जाने पर एनपीए घोषित कर दिया. इस दौरान बकाया राशि 18.95 करोड़ रुपये थी. बाद में बैंक ऑफ बड़ौदा ने मेसर्स विनय वायर्स की ओर से बैंक में गिरवी रखी गई आठ संपत्तियों को 8.35 करोड़ रुपये में बेच दिया और उस राशि को वसूल कर लिया था.

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