नई दिल्ली: दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएसएलएसए) द्वारा ओडिशा की 34 वर्षीय गैंगरेप पीड़िता की मदद के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं. डीएसएलएसए की पहल पर पीड़िता के लिए ढाई लाख रुपये का मुआवजा और उसके पुनर्वास और काउंसलिंग के लिए भी कदम उठाए गए. डीएसएलएसए की ओर से काउंसलर प्रीतम यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
काउंसलर प्रीतम यादव ने एम्स में भर्ती पीड़िता के पास कई बार विजिट किया और उसकी काउंसलिंग कर उसकी मानसिक स्थिति को ठीक किया. काउंसलिंग के चलते पीड़िता अवसाद से बाहर निकलने में सफल हुई. पीड़िता सराय काले खां के पास 11 अक्टूबर को गैंगरेप होने के बाद बदहवास स्थिति में पाई गई थी. गैंगरेप के बाद पीड़िता मानसिक आघात और अपने खोए हुए दस्तावेजों को लेकर परेशान थी. डीएसएलएसए की तरफ से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को भी इस मामले में शिकायत दर्ज कराने में उसकी मदद की गई.
डीएसएलएसए के सदस्य सचिव राजीव बंसल के निर्देशन में सचिव लिटिगेशन अभिनव पांडे ने दक्षिण पूर्वी डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के सचिव अभिनव सिंह की देखरेख में पीड़िता को मदद उपलब्ध कराई गई. पीड़िता के लिए दक्षिण पूर्वी जिला पीड़िता सहायता कमेटी द्वारा ढाई लाख रुपए की मुआवजा राशि की पीड़िता के लिए सिफारिश की गई. पीड़िता को आर्थिक मदद मिलने से उसके अंदर हिम्मत और प्रेरणा का संचार हुआ और वह रोजगार पाने के लिए भी प्रेरित हुई. पीड़िता ने मदद से प्रेरित होकर अपनी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होने के बाद लाभकारी रोजगार प्राप्त करने की इच्छा जाहिर की.
डीएसएलएसए के सदस्य सचिव राजीव बंसल ने कहा कि गैंगरेप पीड़िता का इस स्तर तक मदद करना, गंभीर अपराधों के पीड़ितों को समय पर व्यापक कानूनी और भावनात्मक सहायता प्रदान करने की उसके अटूट भरोसे को दिखाता है. बता दें कि ओडिशा की गैंगरेप पीड़िता महिला को न्याय दिलाने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चारण माझी ने भी संज्ञान लिया था. उन्होंने इसके केस की मजबूती से सुनवाई के लिए ओडिशा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को भी दिल्ली भेजा था.
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