नई दिल्ली: प्रदूषण की वजह से दिल्ली-एनसीआर गैस का चैंबर बना हुआ है. प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से तमाम उपाय किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में प्रदूषण के लिहाज से सबसे बड़े हॉटस्पॉट आनंद विहार में ड्रोन से पानी का छिड़काव करने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया, लेकिन यह प्रोजेक्ट सफल नहीं हुआ. वहीं, दूसरी ओर हवाओं के कारण प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली. हवा की रफ्तार अभी बढ़ने वाली है. इससे प्रदूषण से मिली राहत बरकरार रहेगी.
आनंद विहार इलाके में सबसे अधिक प्रदूषण रहता है. सभी जगहों पर टैंकर से पानी का छिड़काव नहीं हो सकता है. ऐसे में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ड्रोन से पानी के छिड़काव की योजना बनाई थी. 8 नवंबर को आनंद विहार इलाके में ड्रोन से पानी का छिड़काव करना शुरू किया गया. इस दौरान पर्यावरण मंत्री ने कहा था कि इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है, यदि यह ट्रायल सफल होता है तो दिल्ली के अन्य 13 हॉटस्पॉट पर ड्रोन से पानी का छिड़काव कर प्रदूषण को कम किया जाएगा. लेकिन यह प्रोजेक्ट सफल नहीं हुआ. ड्रोन के चलने से धूल भी उड़ती है. इससे प्रदूषण कम होने की बजाय और बढ़ सकता है.
हवा की रफ्तार बढ़ने से आगे भी मिलेगी प्रदूषण से राहत: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्टार गंभीर श्रेणी में पहुंच गया था. केंद्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 तक पहुंच गया था. बीते कुछ दिनों से चल रही हवा से लोगों को प्रदूषण से राहत मिली है. तेज हवा चलने से वायुमंडल में मौजूद प्रदूषण के कारण आगे निकल जा रहे हैं, इससे मौसम साफ हुआ है. मौसम विभाग की वेबसाइट के अनुसार अगले 1 सप्ताह तक हवा की गति ठीक रहेगी. हवा की रफ्तार अच्छी होने से वायुमंडल में मौजूद प्रदूषण के कारण आगे निकल जाएंगे. इससे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स नहीं बढ़ेगा और लोगों को प्रदूषण से राहत मिलेगी.
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों का एयर क्वालिटी इंडेक्स:
तारीख | एयर क्वालिटी इंडेक्स |
28 नवंबर | 325 |
27 नवंबर | 303 |
26 नवंबर | 343 |
25 नवंबर | 349 |
24 नवंबर | 318 |
23 नवंबर | 412 |
(नोट: आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हैं)
दिल्ली एनसीआर में लागू है ग्रैप 4: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की तरफ से दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का चौथा चरण लागू किया गया है. जिसके तहत विभिन्न तरह की पाबंदियां लागू की गई है, जिससे प्रदूषण न बढ़े. हालांकि, दिल्ली के एक्यूआई में गिरावट के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग पाबंदियों को कम करने पर विचार कर सकती है.
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