धौलपुर: राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जिले के विद्युत निगम के सभी उपक्रमों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को एक दिन का कार्य बहिष्कार किया. कर्मचारियों ने डिस्कॉम कार्यालय पर धरना देकर प्रदर्शन किया. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
विद्युत निगम में कार्यरत कर्मचारी डिस्कॉम कार्यालय के बाहर एकत्र हुए. कर्मचारियों ने कार्य का बहिष्कार किया और निजीकरण रोकने, ओपीएस लागू करने और नए कार्मिकों की भर्ती करने समेत 6 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के नाम जिला कलक्टर और अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपा. राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के महामंत्री नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि राजस्थान सरकार कर्मचारियों की मांगें नहीं मानकर प्रदेश की जनता का अहित कर रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार ने जल्द ही मांगें नहीं मानी तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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समिति के जिलाध्यक्ष दीपक पचौरी ने कहा कि राजस्थान सरकार विद्युत निगम को निजी हाथों में सौंपने जा रही है. इससे कर्मचारियों के हितों का हनन हो रहा है और प्रदेश की जनता को भी काफी नुकसान हो रहा है. कर्मचारी नेताओं ने बताया कि निजीकरण के नाम पर सरकार अलग-अलग तरह के मॉडल ला रही है. कभी एफटीआर मॉडल लागू किया जा रहा है तो कभी जीएसएस का निजीकरण किया जा रहा है. इससे कर्मचारियों में काफी रोष है. इस तरह के निजीकरण को रोका जाए और प्रदेश की जनता को अतिरिक्त आर्थिक बोझ से बचाया जाए. कर्मचारियों ने कहा कि विद्युत निगम में नई भर्ती की जाए. कर्मचारी नेताओं ने बताया कि निजीकरण के कारण ठेकेदार की मनमर्जी के कारण घरेलू और कृषि कनेक्शनों में देरी हो रही है. इसका खमियाजा आम उपभोक्ताओं के साथ किसानों को भुगतना पड़ रहा है, इसलिए विद्युत निगम में ठेकेदारी प्रथा पूर्ण रूप से बंद की जाए. उन्होंने कहा कि ओपीएस लागू करने समेत 6 सूत्री मांगों को लेकर जल्द ही बड़ा आंदोलन किया जाएगा.