पटना: प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना बिहार शिक्षा विभाग की पहली प्राथमिकता है. प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के द्वारा विद्यालयों में प्रभावी वर्ग कक्ष संचालन के लिए सभी जिलों को दिशा-निर्देश दिया गया है कि प्रभावी वर्ग कक्ष संचालन के लिए सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में कक्षावार वर्ग शिक्षक नामित किए जाएंगे.
हर महीने कक्षा के बनेंगे एक मॉनिटर: शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया है कि वर्ग शिक्षक व्यक्तिगत स्तर पर अभिभावकों से मिलकर बच्चों के अधिगम प्रतिफल की स्थिति का अध्ययन करेंगे और बच्चों को घर में पढ़ने का माहौल प्रदान करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करेंगे. प्रत्येक कक्ष में एक कक्षा मॉनिटर का चयन किया जाएगा, जिसे प्रत्येक माह बदल दिया जाएगा. इसके अलावा विद्यालयों में अकादमिक कैलेंडर और वर्गवार समय-सारणी बनाए जाएंगे. उपलब्ध कराए गए कार्य पुस्तिका के सही उपयोग के लिए शिक्षक बच्चों को प्रेरित करेंगे और अभ्यास पूरा होने पर लाल स्याही से उसकी जांच करेंगे.
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— Education Department, Bihar (@BiharEducation_) October 9, 2024
प्रधान शिक्षक प्रत्येक दिन दो कक्षा की करेंगे मॉनिटरिंग: क्लास टीचर द्वारा FLN किट, डायरी, कॉपी आदि शिक्षण अधिगम सामग्रियों का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा. प्रधान शिक्षक प्रत्येक दिन दो वर्ग-कक्ष का अवलोकन करेंगे और प्रत्येक सप्ताह शिक्षकों के साथ बैठक कर कक्षा-कक्ष की प्रक्रियाओं पर चर्चा करेंगे. बच्चे पाठ्य पुस्तकों में दिये गए प्रोजेक्ट कार्य को अनिवार्य रूप से करेंगे और सभी निरिक्षी पदाधिकारी वर्ग कक्ष का अवलोकन करेंगे और संबंधित प्रधानाध्यापक को अपना फीडबैक देंगे.
"हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक कक्षा एक ऐसा स्थान बने, जहां बच्चों को सीखने के प्रति प्रोत्साहन मिले और वे अपनी शैक्षिक यात्रा को सफल बना सकें. इसके साथ ही प्रधानाध्यापक आकलन के आधार पर कमजोर बच्चों को चिह्नित कर उनके लिए उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था करेंगे."- पंकज कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक
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