इंदौर। इंदौर हाई कोर्ट के आदेश पर धार की भोजशाला में सर्वे का काम 11 दिन से चल रहा है. सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष नाराज है. इस मामले में मुस्लिम पक्षकार ने सर्वे पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने के बाद कहा कि सर्वे का काम नहीं रोका जा सकता. बता दें कि धार भोजशाला में एएसआई का सर्वे लगातार चल रहा है. सर्वे के दौरान हिंदू व मुस्लिम पक्ष के कुछ लोग भी मौजूद रहते हैं.
22 मार्च से चल रहा है भोजशाला का सर्वे
मुस्लिम पक्ष ने अर्जेंट सुनवाई को लेकर याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई. सुनवाई के लिए 1 अप्रैल की तिथि तय की गई थी. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई के सर्वे को जारी रखने का आदेश सुनाया. इसकी पुष्टि हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने की है. बता दें कि भोजशाला में 22 मार्च को शुरू हुआ. एएसआई टीम के काम में सहयोग करने वाले हिंदू पक्षकार की ओर से आशीष गोयल ने बताया कि सर्वेक्षण नए वैज्ञानिक तरीकों, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग का उपयोग करके बिना किसी रुकावट के किया जा रहा है. उन्होंने बताया ''रडार (जीपीआर), ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस), स्थल पर खुदाई के अलावा कार्बन डेटिंग भी की जा रही है. परिसर में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की जा रही है.
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हाईकोर्ट ने सर्वे के लिए दिया 6 सप्ताह का समय
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने सर्वे के लिए 6 सप्ताह का समय दिया है. हिंदू समाज भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर मानता है. जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद कहता है. 7 अप्रैल, 2003 के एएसआई के आदेश के अनुसार हिंदुओं को हर मंगलवार को भोजशाला परिसर के अंदर पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुसलमानों को शुक्रवार को साइट पर नमाज अदा करने की अनुमति है. उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने एएसआई को वैज्ञानिक तरीके से काम करने का निर्देश दिया था. 11 मार्च को धार जिले में मध्ययुगीन भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए हाईकोर्ट ने ASI को छह सप्ताह का समय दिया है.