वाराणसी : जनवरी से महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो रही है. मेले में करोड़ों की संख्या में पर्यटक व श्रद्धालु अपनी हाजिरी लगाएंगे. इस मौके पर वह संगम नगरी व महाकुंभ की आभा को देख सकेंगे तो वहीं दूसरी ओर उन्हें कुंभ में ज्ञानवापी के मॉडल की प्रदर्शनी भी देखने को मिलेगी. पूरे एक महीने तक आदि विश्वेश्वर मंदिर के मॉडल के प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें न सिर्फ मंदिर मॉडल को प्रस्तुत किया जाएगा, बल्कि ज्ञानवापी के वास्तविक स्वरूप को छायाचित्रों के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया जाएगा.
इस प्रदर्शनी को लगाने का काम श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्त न्यास संस्था की ओर से किया जा रहा है. प्रदर्शनी 5 जनवरी से लेकर 15 फरवरी तक महाकुंभ के परिसर में लगाई जाएगी. इसके जरिए 1669 में ज्ञानवापी की स्थिति क्या थी, सर्वे के बाद कौन-कौन सी तस्वीर सामने आई है, इन सब को प्रस्तुत करेंगे. इस बारे में संस्था के ट्रस्टी डॉ. रामप्रसाद सिंह ने बताया कि, हम लोगों को जागरूक करने के लिए प्रदर्शनी लगा रहे हैं. जिसमें हम बीते वर्ष हुए एएसआई की खुदाई से लेकर साढे़ 300 साल पहले ज्ञानवापी किस तरीके से था, उसको लोगों के सामने रखेंगे. इसके साथ ही प्रदर्शनी में ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग, दीवारों पर देवी देवताओं के चित्र, सनातन मंदिरों की नक्काशी को भी दिखाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि यह मॉडल काशी में लकड़ी के जरिए तैयार किया गया है, जिसे कुंभ में लगाया जाएगा. इसके साथ ही लगभग दो दर्जन से ज्यादा चित्रों के पैनल होंगे. हम पंपलेट तैयार कर रहे हैं, इसे भी लोगों में बांटेंगे. इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य देश के कोने-कोने से आने वाले भोलेनाथ के भक्त व श्रद्धालु को यह बताना है कि वह समझ सकें कि 355 साल पहले मंदिर कितना भव्य था और वर्तमान की क्या स्थिति रही है. उन्होंने बताया कि, प्रदर्शनी सभी ऐतिहासिक दस्तावेज, सत्य तथ्यों पर आधारित है. इसमें पुराने मंदिर मॉडल के साथ वर्तमान में जो स्ट्रक्चर मंदिर का खड़ा है उसे रखा गया है.
एक वर्ष पहले तैयार हुआ है मॉडल : ज्ञानवापी मामले में सर्वे के दौरान आदि विश्वेश्वर मंदिर के बारे में लोगों को बताने के उद्देश्य से एक वर्ष पूर्व लकड़ी के मॉडल को तैयार किया गया है. इस मॉडल को काशी में तैयार कराया गया है, जिसे तैयार करने में 10 महीने लगे थे. इस मॉडल को बनारस में पांडेपुर के रहने वाले अमर अग्रवाल ने तैयार किया है. इसको बनाने के लिए अलग-अलग पुस्तकों व वृक्षों का भी अध्ययन किया गया है.
इस मंदिर मॉडल में 8 मंडप और शिखर को बनाया गया है, जिसमें श्रृंगार मंडप, गणेश मंडप, ऐश्वर्या मंडप, भैरव मंडप, ज्ञान मंडप, तारकेश्वर और मुक्ति मंडप शामिल हैं. इसके साथ ही मंदिर की ऊंचाई और लंबाई चौड़ाई के बारे में भी बताया गया है. इस मॉडल के अनुसार, मंदिर की ऊंचाई 128 फीट, लंबाई 125 फीट और चौड़ाई 125 फिट है. उसके साथ ही यह बताया गया है कि इस मंदिर के नीचे एक बेसमेंट है, जिसे तहखाना कहा जा रहा है, जिसकी गहराई 7 फिट है.
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