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बच्चों को कृष्ण स्वरूप धारण कराकर मंदिरों में पहुंच रहे श्रद्धालु, जयपुर की मेयर भी नहीं रही पीछे - Krishna Janmashtami 2024

जयपुर में जन्माष्टमी पर बड़ों ही नहीं बच्चों में भी उत्साह नजर आया. मा​ता पिता अपने बच्चों को कृष्ण स्वरूप में सजाकर श्रीकृष्ण मंदिर में लेकर आए. जयपुर ग्रेटर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर भी अपने बालक को कृष्ण की वेषभूषा में बनाकर लेकर आई.

Krishna Janmashtami 2024
बच्चों को कृष्ण स्वरूप धारण करा मंदिरों में पहुंच रहे श्रद्धालु (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 26, 2024, 3:39 PM IST

बच्चों को कृष्ण स्वरूप धारण करा मंदिरों में पहुंच रहे श्रद्धालु (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: कहते हैं कि बच्चे भगवान का स्वरूप होते हैं. जन्माष्टमी के मौके पर सोमवार को बच्चों में साक्षात भगवान का स्वरूप देखने को मिला. जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर और अन्य कृष्ण मंदिरों में श्रद्धालु अपने बच्चों को कृष्ण स्वरूप धारण करा कर पहुंचे. जयपुर ग्रेटर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर भी इसमें पीछे नहीं रही. मेयर अपने एक हाथ में लड्डू गोपाल जी और दूसरे हाथ में कृष्ण स्वरूप धारण किए हुए अपने बेटे का हाथ थाम गोविंद देव जी मंदिर पहुंची.

जन्माष्टमी के पर्व पर छोटी काशी पूरी तरह नंदलाल के रंग में रंगी हुई नजर आई. जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर, गोपीनाथ जी, राधा दामोदर, आनंद कृष्ण बिहारी और ब्रज निधि सहित अन्य कृष्ण मंदिरों में जहां लोग ठाकुर जी के दर्शन करने के लिए पहुंचे. वहीं श्रद्धालु अपने बच्चों को भी कान्हा का स्वरूप धारण कराकर मंदिर पहुंचे. महापौर सौम्या गुर्जर भी अपने बेटे सोहम को कान्हा बनाकर गोविंद देव जी मंदिर पहुंची.

पढ़ें: जनमाष्टमी: जयकारों के साथ सुबह खुले गोविंद देव जी के पट, भक्तों ने किए भगवान के दीदार

इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की, उसी तरह सभी लोग भगवान कृष्ण के भक्त बनकर हमारी बेटियों, हमारी मातृ शक्ति की रक्षा करेंगे तो हमारी बहन-बेटियां विकसित भारत की आधार स्तंभ साबित होंगी. वैसे भी हमारे देश का विचार है 'यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता' और भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य भी इसीलिए हुआ कि स्त्रियों को उचित सम्मान मिल सके. वहीं, अपने घर में विराजित लड्डू गोपाल जी को मंदिर लाने के पीछे उन्होंने बताया कि आज उनका जन्मदिन है. लड्डू गोपाल जी सुबह से ही लाड़ दुलार प्राप्त कर रहे हैं. कोशिश यही है कि मां यशोदा की तरह वो भी लड्डू गोपाल जी और अपने बेटे का ध्यान रख सके. यही हमारे सनातन धर्म की खूबसूरती है कि हमारे त्योहार, संस्कृति, विरासत आदर्श स्थापित करने वाले होते हैं.

सीकर से बच्चे को लेकर आए : अपने बच्चे को कान्हा बनाकर कंधे पर उठाए सीकर से गोविंद देव जी मंदिर आए श्रद्धालु ने कहा कि गोविंददेव जी में ठाकुर जी के दर्शन पाकर धन्य हो गए. भगवान के दर्शन करने के लिए सुबह जल्दी उठकर बच्चे को भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप धारण करा कर सीकर से रवाना होकर जयपुर पहुंचे. बीच में कई जगह बारिश भी आई. श्रद्धालु ने कहा, ठाकुर जी की कृपा रही कि वो अपने परिवार के साथ उनके दर्शन कर पाए.

बच्चों को कृष्ण स्वरूप धारण करा मंदिरों में पहुंच रहे श्रद्धालु (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: कहते हैं कि बच्चे भगवान का स्वरूप होते हैं. जन्माष्टमी के मौके पर सोमवार को बच्चों में साक्षात भगवान का स्वरूप देखने को मिला. जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर और अन्य कृष्ण मंदिरों में श्रद्धालु अपने बच्चों को कृष्ण स्वरूप धारण करा कर पहुंचे. जयपुर ग्रेटर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर भी इसमें पीछे नहीं रही. मेयर अपने एक हाथ में लड्डू गोपाल जी और दूसरे हाथ में कृष्ण स्वरूप धारण किए हुए अपने बेटे का हाथ थाम गोविंद देव जी मंदिर पहुंची.

जन्माष्टमी के पर्व पर छोटी काशी पूरी तरह नंदलाल के रंग में रंगी हुई नजर आई. जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर, गोपीनाथ जी, राधा दामोदर, आनंद कृष्ण बिहारी और ब्रज निधि सहित अन्य कृष्ण मंदिरों में जहां लोग ठाकुर जी के दर्शन करने के लिए पहुंचे. वहीं श्रद्धालु अपने बच्चों को भी कान्हा का स्वरूप धारण कराकर मंदिर पहुंचे. महापौर सौम्या गुर्जर भी अपने बेटे सोहम को कान्हा बनाकर गोविंद देव जी मंदिर पहुंची.

पढ़ें: जनमाष्टमी: जयकारों के साथ सुबह खुले गोविंद देव जी के पट, भक्तों ने किए भगवान के दीदार

इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की, उसी तरह सभी लोग भगवान कृष्ण के भक्त बनकर हमारी बेटियों, हमारी मातृ शक्ति की रक्षा करेंगे तो हमारी बहन-बेटियां विकसित भारत की आधार स्तंभ साबित होंगी. वैसे भी हमारे देश का विचार है 'यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता' और भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य भी इसीलिए हुआ कि स्त्रियों को उचित सम्मान मिल सके. वहीं, अपने घर में विराजित लड्डू गोपाल जी को मंदिर लाने के पीछे उन्होंने बताया कि आज उनका जन्मदिन है. लड्डू गोपाल जी सुबह से ही लाड़ दुलार प्राप्त कर रहे हैं. कोशिश यही है कि मां यशोदा की तरह वो भी लड्डू गोपाल जी और अपने बेटे का ध्यान रख सके. यही हमारे सनातन धर्म की खूबसूरती है कि हमारे त्योहार, संस्कृति, विरासत आदर्श स्थापित करने वाले होते हैं.

सीकर से बच्चे को लेकर आए : अपने बच्चे को कान्हा बनाकर कंधे पर उठाए सीकर से गोविंद देव जी मंदिर आए श्रद्धालु ने कहा कि गोविंददेव जी में ठाकुर जी के दर्शन पाकर धन्य हो गए. भगवान के दर्शन करने के लिए सुबह जल्दी उठकर बच्चे को भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप धारण करा कर सीकर से रवाना होकर जयपुर पहुंचे. बीच में कई जगह बारिश भी आई. श्रद्धालु ने कहा, ठाकुर जी की कृपा रही कि वो अपने परिवार के साथ उनके दर्शन कर पाए.

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