ETV Bharat / state

बिहार महादलित विकास मिशन से जुड़ी योजनाओं और विशिष्ट लाभार्थियों का ब्यौरा मांगा, हाईकोर्ट ने दिया आदेश - Patna High Court

पटना हाईकोर्ट ने बिहार महादलित विकास मिशन को अपने दायरे में चलाई जा रही योजनाओं और उनके खास लाभार्थियों का पूरा ब्यौरा तलब किया है. एक रिट याचिका की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अंशुमान ने वकील राकेश नारायण का पक्ष सुनने के बाद आदेश निकाला. पढ़ें पूरी खबर-

ETV Bharat
पटना हाईकोर्ट (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 10, 2024, 10:15 PM IST

पटना : बिहार की पटना हाईकोर्ट ने बिहार महादलित विकास मिशन (बीएमवीएम) को अपने दायरे में लागू विभिन्न योजनाओं और उनके विशिष्ट लाभार्थियों का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पहले अनुसूचित जाति (एससी) की तुलना में स्पष्ट सामाजिक-आर्थिक नुकसान के बावजूद अनुसूचित जनजाति (एसटी) को महादलित श्रेणी से बाहर करने पर चिंता जताई थी.

बीएमवीएम को ब्यौरा देने का निर्देश : बिहार महादलित विकास मिशन के तहत कल्याणकारी योजनाओं के वर्गीकरण और कार्यान्वयन को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस अंशुमान ने मिशन के वकील राकेश नारायण के पक्ष सुनने के बाद ये आदेश पारित किया.

कोर्ट ने मांगी मासिक वेतन की विस्तृत जानकारी : इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अंशुमान ने बिहार महादलित विकास मिशन द्वारा पेश किए गए 'अनुलग्नक-ए' की समीक्षा की. इसमें ये कहा गया था कि इसके द्वारा प्रबंधित सभी योजनाएं एससी और एसटी दोनों परिवारों के लिए उपलब्ध थीं. कोर्ट ने इन योजनाओं के कार्यान्वयन के संबंध में अस्पष्टताएं देखीं और मिशन के तहत सृजित विभिन्न पदों, नियुक्त कर्मियों और उनके मासिक वेतन पर विस्तृत जानकारी मांगी.

26 सितंबर को अगली सुनवाई : कोर्ट ने पूछा कि क्या एसटी समुदाय के किसी व्यक्ति को इन भूमिकाओं में नियुक्त किया गया था. कोर्ट ने बिहार महादलित विकास मिशन को दो सप्ताह के भीतर आवश्यक जानकारी जमा कर पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर 2024 को की जाएगी.

ये भी पढ़ें-

पटना : बिहार की पटना हाईकोर्ट ने बिहार महादलित विकास मिशन (बीएमवीएम) को अपने दायरे में लागू विभिन्न योजनाओं और उनके विशिष्ट लाभार्थियों का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पहले अनुसूचित जाति (एससी) की तुलना में स्पष्ट सामाजिक-आर्थिक नुकसान के बावजूद अनुसूचित जनजाति (एसटी) को महादलित श्रेणी से बाहर करने पर चिंता जताई थी.

बीएमवीएम को ब्यौरा देने का निर्देश : बिहार महादलित विकास मिशन के तहत कल्याणकारी योजनाओं के वर्गीकरण और कार्यान्वयन को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस अंशुमान ने मिशन के वकील राकेश नारायण के पक्ष सुनने के बाद ये आदेश पारित किया.

कोर्ट ने मांगी मासिक वेतन की विस्तृत जानकारी : इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अंशुमान ने बिहार महादलित विकास मिशन द्वारा पेश किए गए 'अनुलग्नक-ए' की समीक्षा की. इसमें ये कहा गया था कि इसके द्वारा प्रबंधित सभी योजनाएं एससी और एसटी दोनों परिवारों के लिए उपलब्ध थीं. कोर्ट ने इन योजनाओं के कार्यान्वयन के संबंध में अस्पष्टताएं देखीं और मिशन के तहत सृजित विभिन्न पदों, नियुक्त कर्मियों और उनके मासिक वेतन पर विस्तृत जानकारी मांगी.

26 सितंबर को अगली सुनवाई : कोर्ट ने पूछा कि क्या एसटी समुदाय के किसी व्यक्ति को इन भूमिकाओं में नियुक्त किया गया था. कोर्ट ने बिहार महादलित विकास मिशन को दो सप्ताह के भीतर आवश्यक जानकारी जमा कर पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर 2024 को की जाएगी.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.