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प्रधानमंत्री ने दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी को दिया विशेष ग्रांट, PM Usha योजना में मिले 100 करोड़, शोध को मिलेगा बढ़ावा

दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी गोरखपुर को पीएम उषा योजना (Deendayal Upadhyay University) के तहत 100 करोड़ रुपये की ग्रांट मिली है. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अलावा प्रदेश के 5 अन्य विश्वविद्यालयों को भी यह ग्रांट मिली है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 21, 2024, 9:56 AM IST

Deendayal Upadhyay University

गोरखपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-ऊषा) योजना के तहत राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए 12,926,10 करोड़ की परियोजनाओं को लॉन्च किया. दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी गोरखपुर में इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दीक्षा भवन ऑडिटोरियम में किया गया. इस योजना के तहत गोरखपुर विश्वविद्यालय को बहु-विषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) घटक के लिए 100 करोड़ के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत हुए. केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों और काॅलेजों को इक्विटी, एक्सेस और उत्कृष्टता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में, मदद के लिए वित्त पोषण के लिए पूर्ववर्ती आरयूएसए (रूसा) योजना की निरंतरता में रुपये 12,926,10 करोड़ के कुल खर्च के साथ, प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-यूएसएचए) योजना को मंजूरी दी है. इसका उद्देश्य छात्रों को बेहतर शिक्षा देना है. यह योजना बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और उच्चस्तरीय रिसर्च फैसिलिटी के लिए है.




'यह ऐतिहासिक पल है, हम सभी इसके साक्षी बने' : विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि यह ऐतिहासिक पल है, हम सभी इसके साक्षी बने. इसके द्वारा विश्वस्तरीय मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च सेंटर विकसित किया जाएगा. जिसकी पूर्वांचल में आवश्यकता थी. इस योजना के द्वारा हमारे विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय बनाने का प्रयास है, जिससे पूर्वांचल के छात्रों को विश्वस्तरीय सुविधा मिले. कुलपति ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों में रैंकिंग और एक्रेडिटेशन का सिलसिला जो आरंभ हुआ है, वह कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की सतत प्रेरणा का परिणाम है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों को नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस श्रेणी और 6 विश्वविद्यालयों को पीएम ऊषा के तहत 100 करोड़ की ग्रांट प्राप्त हुई है. इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो पूनम टंडन, मेयर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, सांसद जगदंबिका पाल, पूर्व मेयर अंजू चौधरी, सत्या पांडेय, एमएमटीयू के कुलपति और शहर के गणमान्य नागरिक और अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए. इसके साथ ही गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी 300 से अधिक महाविद्यालयों में भी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग का आयोजन किया गया.


'विश्वविद्यालय मेरे लिए मंदिर के समान' : पूर्व कुलपति और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह ने कहा मैं अपने विश्वविद्यालय आया हूं. मेरे लिए यह मंदिर के समान है. विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड मिला और उसी की वजह से 100 करोड़ का अनुदान मिला है. इस मौके पर विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र और सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि, 51 वर्ष पूर्व मैं यहां का छात्र रहा. मैं अभी भी स्वयं को यहां के विद्यार्थी के रूप में अनुभव करता हूं. उन्होंने विकसित भारत के लिए उच्च शिक्षा में सौ प्रतिशत एनरोलमेंट पर जोर दिया. इस विश्वविद्यालय का एक विद्यार्थी आज संसद में है, इसलिए विश्वविद्यालय के हितों को आगे बढ़ाने के लिए आपको किसी अधिवक्ता की आवश्यकता नहीं है.

यह गौरव का क्षण : गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि ये गौरव का विषय है कि उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक अनुदान मिला है. गोरखपुर विश्वविद्यालय को सबसे ज्यादा 100 करोड़ स्वीकृत हुआ है. इस अवसर पर 300 से अधिक महाविद्यालयों के शिक्षकों, छात्रों ने उद्बोधन सुना और विवि को मिले अनुदान का जश्न मनाया.

यह भी पढ़ें : 104 किमी लंबे आउटर रिंग रोड का लोकार्पण प्रधानमंत्री मोदी करेंगे: राजनाथ सिंह

यह भी पढ़ें : पीएम मोदी ने दी बीएचयू को बड़ी सौगात, 1200 सीटों वाले गर्ल्स हॉस्टल का किया शिलान्यास

Deendayal Upadhyay University

गोरखपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-ऊषा) योजना के तहत राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए 12,926,10 करोड़ की परियोजनाओं को लॉन्च किया. दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी गोरखपुर में इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दीक्षा भवन ऑडिटोरियम में किया गया. इस योजना के तहत गोरखपुर विश्वविद्यालय को बहु-विषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) घटक के लिए 100 करोड़ के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत हुए. केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों और काॅलेजों को इक्विटी, एक्सेस और उत्कृष्टता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में, मदद के लिए वित्त पोषण के लिए पूर्ववर्ती आरयूएसए (रूसा) योजना की निरंतरता में रुपये 12,926,10 करोड़ के कुल खर्च के साथ, प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-यूएसएचए) योजना को मंजूरी दी है. इसका उद्देश्य छात्रों को बेहतर शिक्षा देना है. यह योजना बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और उच्चस्तरीय रिसर्च फैसिलिटी के लिए है.




'यह ऐतिहासिक पल है, हम सभी इसके साक्षी बने' : विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि यह ऐतिहासिक पल है, हम सभी इसके साक्षी बने. इसके द्वारा विश्वस्तरीय मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च सेंटर विकसित किया जाएगा. जिसकी पूर्वांचल में आवश्यकता थी. इस योजना के द्वारा हमारे विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय बनाने का प्रयास है, जिससे पूर्वांचल के छात्रों को विश्वस्तरीय सुविधा मिले. कुलपति ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों में रैंकिंग और एक्रेडिटेशन का सिलसिला जो आरंभ हुआ है, वह कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की सतत प्रेरणा का परिणाम है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों को नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस श्रेणी और 6 विश्वविद्यालयों को पीएम ऊषा के तहत 100 करोड़ की ग्रांट प्राप्त हुई है. इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो पूनम टंडन, मेयर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, सांसद जगदंबिका पाल, पूर्व मेयर अंजू चौधरी, सत्या पांडेय, एमएमटीयू के कुलपति और शहर के गणमान्य नागरिक और अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए. इसके साथ ही गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी 300 से अधिक महाविद्यालयों में भी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग का आयोजन किया गया.


'विश्वविद्यालय मेरे लिए मंदिर के समान' : पूर्व कुलपति और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह ने कहा मैं अपने विश्वविद्यालय आया हूं. मेरे लिए यह मंदिर के समान है. विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड मिला और उसी की वजह से 100 करोड़ का अनुदान मिला है. इस मौके पर विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र और सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि, 51 वर्ष पूर्व मैं यहां का छात्र रहा. मैं अभी भी स्वयं को यहां के विद्यार्थी के रूप में अनुभव करता हूं. उन्होंने विकसित भारत के लिए उच्च शिक्षा में सौ प्रतिशत एनरोलमेंट पर जोर दिया. इस विश्वविद्यालय का एक विद्यार्थी आज संसद में है, इसलिए विश्वविद्यालय के हितों को आगे बढ़ाने के लिए आपको किसी अधिवक्ता की आवश्यकता नहीं है.

यह गौरव का क्षण : गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि ये गौरव का विषय है कि उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक अनुदान मिला है. गोरखपुर विश्वविद्यालय को सबसे ज्यादा 100 करोड़ स्वीकृत हुआ है. इस अवसर पर 300 से अधिक महाविद्यालयों के शिक्षकों, छात्रों ने उद्बोधन सुना और विवि को मिले अनुदान का जश्न मनाया.

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