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कभी भी ज़मीदोज हो सकता है आशियाना, जर्जर मकान में मौत के साये में 11 लोगों का परिवार - Sirmaur Poor Family House Problem

Shillai Dayaram House Dilapidated: जहां एक ओर सरकार पक्के मकान देने के दावे करती है. वहीं, दूसरी ओर सिरमौर जिले के एक गरीब का टूटा फूटा मकान सरकार के दावों की जमीनी हकीकत को बयां कर रहा है. शिलाई के बुजुर्ग दयाराम का मकान इतनी ज्यादा जर्जर हालत में है कि किसी भी पल टूट सकता है. ये मकान हर पल किसी बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है, लेकिन आज दिन तक सरकार की ओर से दयाराम की फरियाद नहीं सुनी गई है.

Shillai Dayaram House Dilapidated
दयाराम का जर्जर मकान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 7:26 AM IST

Updated : Jul 3, 2024, 12:11 PM IST

सिरमौर: बेहाल हो चुकी स्लेटनुमा छत, उसके नीचे सड़ चुकी लकड़ियों के बीच अंदर आती सूरज की किरणें, बरसात में टपकता पानी, खस्ताहाल कच्ची दीवारें और उखड़े हुए फर्श वाला जर्जर मकान गरीब परिवार पर कभी भी मौत के पहाड़ के रूप में गिर सकता है. बावजूद इसके छोटे-छोटे बच्चों संग ये परिवार डर के साये में नरकीय जीवन जीने को मजबूर है.

दयाराम के मकान पर हर पल मंडरा रहा खतरा (ETV Bharat)

पिछली बरसात भी बमुश्किल काटी

पिछले साल की बरसात भी बमुश्किल से काटी और अब हालात उससे भी कहीं अधिक बद से बदतर हो चुके हैं, लेकिन कोई इस परिवार की फरियाद सुनने को तैयार नहीं है. अब बजट उपलब्ध होने के बाद पक्का मकान बनाने के लिए राशि उपलब्ध करवाने की बात कही जा रही है, लेकिन मानसून के दस्तक के बाद एक बार फिर इस परिवार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. बरसात में खतरा काफी अधिक बढ़ चुका है. ये दर्द भरी दास्तां प्रदेश के उद्योग मंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र शिलाई के कोटा पाब पंचायत के रहने वाले बुजुर्ग दयाराम की है.

आंखें नम कर देगी गरीब परिवार की दयनीय हालत

गरीब दयाराम इस खस्ताहाल और जर्जर मकान में अपनी पत्नी, बेटे-बहू और पोते-पोतियों के साथ रहता है. परिवार में 7 बच्चों सहित कुल 11 सदस्य शामिल हैं. बरसात शुरू हो चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवार के मकान की फाइल अब भी सरकारी दफ्तर में धूल फांक रही है. यकीन मानिए, गरीब परिवार के ये हालत और इस जर्जर मकान में परिवार सहित रह रहे मासूमों को देख आपकी भी आंखें भर आएंगी, लेकिन बावजूद इसके सरकारी व्यवस्था परिवार की समस्या का समाधान करवाने की अपनी ढीली रफ्तार को गति देने को तैयार नहीं है. अब भी केवल यहीं आश्वासन दिया जा रहा है कि बजट उपलब्ध होते ही मकान के लिए राशि स्वीकृत कर दी जाएगी, लेकिन बड़ा सवाल यही है कि यदि बरसात में परिवार के साथ कोई अनहोनी हो जाए, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? जबकि हालात ये हो चुके हैं कि अब मकान की रिपेयर तक नहीं हो सकती.

Shillai Dayaram House Dilapidated
खतरे के साए में रह रहे मासूम (ETV Bharat)

बच्चों-परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित

इस जर्जर मकान के मालिक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले बुजुर्ग दयाराम ने कहा कि उनकी 80 वर्ष की उम्र हो गई, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया. मकान के साथ-साथ यहां पर शौचालय की सुविधा भी नहीं दी. वोट भी कई बार दिए, लेकिन कुछ नहीं मिला. मकान के हालत ऐसे हो चुके हैं कि बाल बच्चों के लिए खतरा बना हुआ है. मकान पूरी तरह सड़ चुका है. उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकार उनके परिवार पर रहम करे और समस्या का समाधान किया जाए.

सरकार से पक्के मकान की गुहार

वहीं, दयाराम के बेटे फकीर चंद ने कहा कि उन्हें मकान की बहुत भारी दिक्कत आ रही है और परिवार को लगातार जान का खतरा बना हुआ है. सरकार सहित कोई भी उनकी फरियाद नहीं सुन रहा है और आज तक किसी ने कुछ नहीं दिया. उन्होंने आग्रह किया है कि सरकार उनकी समस्या का समाधान करें, ताकि उसके बच्चे और उनका परिवार सुरक्षित मकान में रह पाए. उन्होंने बताया कि पिछली बरसात भी परिवार ने बाहर तिरपाल के नीचे गुजारी और अब फिर से बरसात दस्तक दे चुकी है. ऐसे में यदि कोई अनहोनी होती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

Shillai Dayaram House Dilapidated
घर की छत खस्ताहाल (ETV Bharat)

अब हालात हुए बद से बदतर

उधर दयाराम की बहू ने स्थानीय भाषा में भरी आंखों के साथ अपनी फरियाद सुनाते हुए कहा कि छत पर तिरपाल डालकर खस्ताहाल मकान में रह रहे हैं. बरसात में छत से पानी टपकता है. बरसात होती है, तो वो बच्चों को लेकर मकान से बाहर आ जाते हैं. मकान गिरने से कब हादसा हो जाए, यही डर हर पल सताता रहता है. बावजूद इसके पंचायत से लेकर सरकार तक उनकी कोई भी नहीं सुन रहा है.

गांव वालों ने भी जताया हादसे का अंदेशा

वहीं, गांव के स्थानीय निवासियों ने भी कहा कि काफी समय से दयाराम का मकान खस्ताहाल हो चुका है. परिवार को लगातार खतरा बना हुआ है. कभी भी कोई अनहोनी घट सकती है. समस्या का समाधान किया जाना बहुत जरूरी है. अन्यथा कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है.

Shillai Dayaram House Dilapidated
रिपेर लायक भी नहीं बचा मकान (ETV Bharat)

प्रशासन का परिवार को आश्वासन

दूसरी तरह जब दयाराम के परिवार के हालातों को लेकर शिलाई के बीडीओ अजय सूद से मामला उठाया गया, तो उन्होंने कहा कि उक्त व्यक्ति प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र व्यक्ति है, जिसका वेटिंग लिस्ट में नाम चयनित है. साथ ही 5वें नंबर पर दयाराम का नाम लिस्ट में है. जैसे ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत टारगेट आता है, तो दयाराम का मकान स्वीकृत कर दिया जाएगा. बीडीओ ने संबंधित परिवार को यह भी सलाह दी कि वह वेलफेयर डिपार्टमेंट के पास भी आवेदन कर दें, क्योंकि वहां से भी मकान बनाने के लिए डेढ़ लाख की राशि मिलती है. यदि वहां से राशि मिल जाती है, तो ठीक है, अन्यथा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जैसे ही उनके विभाग के पास टारगेट आता है, तो प्राथमिकता के आधार पर दयाराम के मकान के लिए राशि स्वीकृत कर दी जाएगी.

सरकार के दावों की पोल खोल रहा गरीब का मकान

कुल मिलाकर एक और जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्के मकान उपलब्ध करवाने के लिए बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. वहीं, दयाराम के मकान की स्थिति इन दावों की हवा निकाल रही है और एक बार फिर बरसात के इस मौसम में ये गरीब परिवार अपनी जान जोखिम में डालकर इस खंडहरनुमा मकान में अपने दिन गुजारने को विवश है.

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सिरमौर: बेहाल हो चुकी स्लेटनुमा छत, उसके नीचे सड़ चुकी लकड़ियों के बीच अंदर आती सूरज की किरणें, बरसात में टपकता पानी, खस्ताहाल कच्ची दीवारें और उखड़े हुए फर्श वाला जर्जर मकान गरीब परिवार पर कभी भी मौत के पहाड़ के रूप में गिर सकता है. बावजूद इसके छोटे-छोटे बच्चों संग ये परिवार डर के साये में नरकीय जीवन जीने को मजबूर है.

दयाराम के मकान पर हर पल मंडरा रहा खतरा (ETV Bharat)

पिछली बरसात भी बमुश्किल काटी

पिछले साल की बरसात भी बमुश्किल से काटी और अब हालात उससे भी कहीं अधिक बद से बदतर हो चुके हैं, लेकिन कोई इस परिवार की फरियाद सुनने को तैयार नहीं है. अब बजट उपलब्ध होने के बाद पक्का मकान बनाने के लिए राशि उपलब्ध करवाने की बात कही जा रही है, लेकिन मानसून के दस्तक के बाद एक बार फिर इस परिवार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. बरसात में खतरा काफी अधिक बढ़ चुका है. ये दर्द भरी दास्तां प्रदेश के उद्योग मंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र शिलाई के कोटा पाब पंचायत के रहने वाले बुजुर्ग दयाराम की है.

आंखें नम कर देगी गरीब परिवार की दयनीय हालत

गरीब दयाराम इस खस्ताहाल और जर्जर मकान में अपनी पत्नी, बेटे-बहू और पोते-पोतियों के साथ रहता है. परिवार में 7 बच्चों सहित कुल 11 सदस्य शामिल हैं. बरसात शुरू हो चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवार के मकान की फाइल अब भी सरकारी दफ्तर में धूल फांक रही है. यकीन मानिए, गरीब परिवार के ये हालत और इस जर्जर मकान में परिवार सहित रह रहे मासूमों को देख आपकी भी आंखें भर आएंगी, लेकिन बावजूद इसके सरकारी व्यवस्था परिवार की समस्या का समाधान करवाने की अपनी ढीली रफ्तार को गति देने को तैयार नहीं है. अब भी केवल यहीं आश्वासन दिया जा रहा है कि बजट उपलब्ध होते ही मकान के लिए राशि स्वीकृत कर दी जाएगी, लेकिन बड़ा सवाल यही है कि यदि बरसात में परिवार के साथ कोई अनहोनी हो जाए, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? जबकि हालात ये हो चुके हैं कि अब मकान की रिपेयर तक नहीं हो सकती.

Shillai Dayaram House Dilapidated
खतरे के साए में रह रहे मासूम (ETV Bharat)

बच्चों-परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित

इस जर्जर मकान के मालिक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले बुजुर्ग दयाराम ने कहा कि उनकी 80 वर्ष की उम्र हो गई, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया. मकान के साथ-साथ यहां पर शौचालय की सुविधा भी नहीं दी. वोट भी कई बार दिए, लेकिन कुछ नहीं मिला. मकान के हालत ऐसे हो चुके हैं कि बाल बच्चों के लिए खतरा बना हुआ है. मकान पूरी तरह सड़ चुका है. उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकार उनके परिवार पर रहम करे और समस्या का समाधान किया जाए.

सरकार से पक्के मकान की गुहार

वहीं, दयाराम के बेटे फकीर चंद ने कहा कि उन्हें मकान की बहुत भारी दिक्कत आ रही है और परिवार को लगातार जान का खतरा बना हुआ है. सरकार सहित कोई भी उनकी फरियाद नहीं सुन रहा है और आज तक किसी ने कुछ नहीं दिया. उन्होंने आग्रह किया है कि सरकार उनकी समस्या का समाधान करें, ताकि उसके बच्चे और उनका परिवार सुरक्षित मकान में रह पाए. उन्होंने बताया कि पिछली बरसात भी परिवार ने बाहर तिरपाल के नीचे गुजारी और अब फिर से बरसात दस्तक दे चुकी है. ऐसे में यदि कोई अनहोनी होती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

Shillai Dayaram House Dilapidated
घर की छत खस्ताहाल (ETV Bharat)

अब हालात हुए बद से बदतर

उधर दयाराम की बहू ने स्थानीय भाषा में भरी आंखों के साथ अपनी फरियाद सुनाते हुए कहा कि छत पर तिरपाल डालकर खस्ताहाल मकान में रह रहे हैं. बरसात में छत से पानी टपकता है. बरसात होती है, तो वो बच्चों को लेकर मकान से बाहर आ जाते हैं. मकान गिरने से कब हादसा हो जाए, यही डर हर पल सताता रहता है. बावजूद इसके पंचायत से लेकर सरकार तक उनकी कोई भी नहीं सुन रहा है.

गांव वालों ने भी जताया हादसे का अंदेशा

वहीं, गांव के स्थानीय निवासियों ने भी कहा कि काफी समय से दयाराम का मकान खस्ताहाल हो चुका है. परिवार को लगातार खतरा बना हुआ है. कभी भी कोई अनहोनी घट सकती है. समस्या का समाधान किया जाना बहुत जरूरी है. अन्यथा कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है.

Shillai Dayaram House Dilapidated
रिपेर लायक भी नहीं बचा मकान (ETV Bharat)

प्रशासन का परिवार को आश्वासन

दूसरी तरह जब दयाराम के परिवार के हालातों को लेकर शिलाई के बीडीओ अजय सूद से मामला उठाया गया, तो उन्होंने कहा कि उक्त व्यक्ति प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र व्यक्ति है, जिसका वेटिंग लिस्ट में नाम चयनित है. साथ ही 5वें नंबर पर दयाराम का नाम लिस्ट में है. जैसे ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत टारगेट आता है, तो दयाराम का मकान स्वीकृत कर दिया जाएगा. बीडीओ ने संबंधित परिवार को यह भी सलाह दी कि वह वेलफेयर डिपार्टमेंट के पास भी आवेदन कर दें, क्योंकि वहां से भी मकान बनाने के लिए डेढ़ लाख की राशि मिलती है. यदि वहां से राशि मिल जाती है, तो ठीक है, अन्यथा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जैसे ही उनके विभाग के पास टारगेट आता है, तो प्राथमिकता के आधार पर दयाराम के मकान के लिए राशि स्वीकृत कर दी जाएगी.

सरकार के दावों की पोल खोल रहा गरीब का मकान

कुल मिलाकर एक और जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्के मकान उपलब्ध करवाने के लिए बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. वहीं, दयाराम के मकान की स्थिति इन दावों की हवा निकाल रही है और एक बार फिर बरसात के इस मौसम में ये गरीब परिवार अपनी जान जोखिम में डालकर इस खंडहरनुमा मकान में अपने दिन गुजारने को विवश है.

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Last Updated : Jul 3, 2024, 12:11 PM IST
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