रोहतास: वैसे तो आपने कई शिवालयों का दर्शन किया होगा लेकिन सासाराम में स्थापित पूर्वोत्तर ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर के शिवलिंग का दर्शन करके आप धन्य हो जायेंगे. वह भी सावन के सोमवारी को अगर यहां पूजा करने के लिए आते हैं, तो आपकी तमाम मनोकामना सिद्ध होगी और एक अद्भुत अनुभव भी लेकर आप यहां से जाएंगे.
ढाई सौ खंभों पर खड़ी है ये विशाल मंदिर: सासाराम के प्रसिद्ध पायलट बाबा के आश्रम में दो साल पहले सोमनाथ मंदिर के प्रारूप पर आधारित जूना अखाड़ा द्वारा भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराया गया. लगभग ढाई सौ खंभों पर खड़ी इस विशाल मंदिर की छठा अद्भुत है. इसके गर्भ गृह के हर खंभे में देवी देवताओं की प्रतिमा अवस्थित है, जो इसकी सुंदरता को चार चांद लगा देती है. यहां स्थापित शिवलिंग शिव भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
रुद्राभिषेक की खास व्यवस्था: मंदिर के पुजारी उमाकांत ओझा कहते हैं कि वैसे तो सालों से यहां भक्तों का तांता लगा रहता है, पर सावन के महीना में यहां जलाभिषेक करने वालों की अत्याधिक भीड़ होती है. मंदिर परिसर में रुद्राभिषेक की विशेष व्यवस्था है. लोग इसके लिए अलग से बुकिंग करते हैं और पुजारी द्वारा निर्धारित समय पर आकर लोग रुद्राभिषेक पूजा अर्चना करते हैं. इस मंदिर के पास ही शिवलिंग के ठीक बाएं तरफ अघोरेश्वर महादेव शिवलिंग अवस्थित है. जो वर्ष में सिर्फ सावन महीने में ही आम श्रद्धालुओं के लिए खुलता है.
"स्फटिक पत्थर सिर्फ छू देने भर से हमारे संचित पापों का विनाश हो जाता है. प्राचीन काल मे राजा महाराजा इसे अपने यहां रख कर आराधना किया करते थे. खासकर सावन माह में महत्व बढ़ जाता है और दर्शन करने से पुण्य लाभ अर्जित होता है."- डॉ. उमाकांत ओझा, पुजारी
दर्शन मात्र से दूर होती है सभी बाधाए: बता दें कि इस मंदिर परिषद में देश भर के साधु संतों का आना-जाना लगा रहता है. यहां तक की दुनिया के अलग-अलग देशों से भी शिव भक्त यहां पधारते हैं. कहते हैं कि सावन में इस मंदिर में पूजा अर्चना से मनुष्य की तमाम बाधाए दूर होती है और भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मन में कई बातें लिए लोग यहां पूजा अर्चना के लिए आते हैं और अपनी तमाम बाधाओं को दूर कर यहां से जाते हैं.
"स्फटिक शिवलिंग को लेकर यहां के लोगों में अपार श्रद्धा है. यह अपने आप में अलग ज्योर्तिलिंग है, जिसे 13वें ज्योर्तिलिंग के रूप में महायोगी पायलट बाबा ने स्थापित किया था. इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही एक सुखद अनुभूति होती है. इस दिव्य शिवलिंग के दर्शन कर मन को शांती मिलती है."- अतेंद्र सिंह, पदाधिकारी, मंदिर कमेटी
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