पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को दरभंगा आनेवाले हैं. दरभंगा एम्स के निर्माण कार्य का शुभारंभ करेंगे. उनके आने से पहले सियासी हलचल बढ़ गयी है. कारण, 2020 विधानसभा चुनाव में मिथिलांचल के लोगों ने एनडीए को सत्ता दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. अब 2025 में एनडीए की नजर मिथिलांचल पर है. केंद्र सरकार ने दरभंगा एम्स से पहले दरभंगा एयरपोर्ट और कई योजनाओं को देकर यहां के लोगों का दिल जीता है.
एम्स निर्माण का रास्ता कैसे हुआ साफः दरभंगा एम्स का निर्माण विवादों में रहा है. लेकिन, बिहार में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद दरभंगा एम्स के बनने का रास्ता साफ हुआ है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को दरभंगा पहुंचकर निर्माण का शिलान्यास करने वाले हैं. जहां एनडीए के नेता कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री का मिथिलांचल से विशेष लगाव है, वहीं राजनीति के जानकारों का मानना है कि एम्स का निर्माण 2025 में एनडीए के लिए बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है.
मिथिलांचल ने एनडीए पर जताया भरोसाः बिहार के मिथिलांचल में लोकसभा की एक दर्जन सीटें हैं, जिसमें 100 के करीब विधानसभा है. अधिकांश पर एनडीए का कब्जा है. एक दर्जन लोकसभा सीटों में झंझारपुर, मधुबनी, दरभंगा, मधेपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, समस्तीपुर, बेगूसराय, उजियारपुर, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर है. दरभंगा की 10 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के पास 6 और जेडीयू के पास तीन सीट है. केवल एक सीट आरजेडी के पास है.
मधुबनी और मुजफ्फरपुर का समीकरणः मधुबनी की 10 विधानसभा सीटों में बीजेपी के पास 5 और जेडीयू के पास 3 सीटें हैं, जबकि आरजेडी के पास केवल दो सीट है. मुजफ्फरपुर की 11 विधानसभा सीटों की बात करें तो बीजेपी के पास 5 और जेडीयू के पास एक सीटे है, जबकि 5 सीट पर महागठबंधन के पास है. इनमें आरजेडी के 4 और कांग्रेस के एक विधायक हैं. समस्तीपुर की 10 विधानसभा सीटों में जेडीयू और बीजेपी के 5, आरजेडी के 4 और माले के एक विधायक हैं.
60 सीटों में से 40 पर एनडीए की जीतः शिवहर लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं. 4 पर भाजपा का और दो पर राजद का कब्जा है. सीतामढ़ी की पांच में से तीन विधानसभा सीटों पर बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को जीत मिली है. राजद ने दो सीटों पर कब्जा जमाया है. मिथिलांचल में दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली जैसे अहम जिले हैं. मिथिलांचल की इन 6 जिलों में 60 सीटें हैं 2020 में एनडीए को 40 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
मिथिलांचल में एनडीए की बेहतर स्थितिः जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा लगातार कहते रहे हैं 40 लोकसभा सीटों में 30 पर एनडीए का कब्जा है. विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो एनडीए ने 174 सीटों पर लोकसभा चुनाव में बढ़त बनाई थी. उसमें मिथिलांचल में एनडीए की स्थिति बेहतर रही. भाजपा प्रवक्ता राम सागर सिंह का कहना है मिथिलांचल में पहले से ही एनडीए की स्थिति बेहतर है. दरभंगा में एम्स के निर्माण की शुरू होने के बाद स्थिति और बेहतर होगी.
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स का उद्घाटन करेंगे. वहां जल जमाव की समस्या से भी लोगों को निजात मिलेगी. जन समस्याओं के निदान के कारण ही मिथिलांचल के लोग एनडीए के साथ है. 2010 से भी बेहतर रिजल्ट 2025 में एनडीए को मिथिलांचल में आएगा."- डॉ राम सागर सिंह, भाजपा प्रवक्ता
बिहार के लोगों को भरोसा नहींः आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है एम्स के शिलान्यास के बहाने प्रधानमंत्री बिहार आ रहे हैं. बिहार की जनता जानती है कि जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी तो शोभना बाईपास को लेकर केंद्र की सरकार ने किस प्रकार से राजनीति की थी. उसका पोल खुल चुका है. महागठबंधन की सरकार के समय दरभंगा मेडिकल कॉलेज को विकसित करने की रणनीति बनाई गई थी और अब उस पर काम हो रहा है. प्रधानमंत्री कुछ भी कर लें, उन पर अब बिहार के लोगों को भरोसा नहीं है.
महागठबंधन की सरकार नहीं बनीः राजनीतिक विश्लेषक प्रिय रंजन भारती का कहना है कि 2020 में महागठबंधन की सरकार केवल मिथिलांचल के कारण नहीं बन सकी थी. मिथिलांचल के लोगों ने एनडीए पर भरोसा जताया था. मिथिलांचल के लिए पहले से ही नरेंद्र मोदी की सरकार कई तरह की घोषणा करती रही है. चाहे वह रोड सेक्टर की बात हो या फिर अन्य विकास की बात. यही कारण है कि इस साल लोकसभा चुनाव में भी मिथिलांचल में एनडीए को शानदार उपलब्धि हासिल हुई है.
"सारी तैयारी 2025 विधानसभा चुनाव की हो रही है. पहले दरभंगा एयरपोर्ट और फिर अब एम्स, दरभंगा के लोगों के दिल जीतने के लिए एनडीए की कोशिश है. 2025 विधानसभा चुनाव में यह गेम चेंजर साबित हो सकता है."- प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विश्लेषक
मिथिलांचल पर महागठबंधन की भी नजर: 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर पिछले दिनों तेजस्वी यादव ने भी मिथिलांचल से ही अपनी यात्रा की शुरुआत की थी. क्योंकि मिथिलांचल को साधने की कोशिश महागठबंधन की तरफ से भी हो रही है. दरभंगा एम्स का निर्माण शुरू होने से महागठबंधन के लिये मिथिलांचल में चुनौती और बढ़ सकती है. क्योंकि दरभंगा में बिहार का दूसरा एम्स बनने जा रहा है. उससे पहले पटना में एम्स है. कुछ चुनिंदा राज्यों में ही दो एम्स हैं.
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