पटना : बिहार में मौसम बिगड़ने से हालात खराब होने लगे हैं. तेज हवाओं से जहां फसलों को नुकसान पहुंच रहा है तो वहीं भारी बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति बन रही है. पहले से ही गंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं. इधर नेपाल में भी भारी बारिश का असर देखने को मिलेगा. गंगा वैसे भी खतरे के निशान को पार कर चुकी है.
बिहार में बाढ़ का अलर्ट : बिहार में ज्यादातर जल ग्रहण वाली नदियों के इलाके में 27 सितंबर को जोरदार बारिश हो रही है. 26 सितंबर को भी काफी बरसात हुई. 28 सितंबर को भी राहत की उम्मीद नहीं है. ऐसे में अगर यही हालात रहे तो नदियों में बाढ़ आना तय है. बिहार के सभी 38 जिलों में कम और ज्यादा बारिश का अलर्ट है.
— मौसम विज्ञान केंद्र, पटना (@imd_patna) September 27, 2024
कुछ इलाकों में 205MM बारिश : बिहार के पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, अररिया, किशनगंज पूर्णिया, कटिहार, गोपालगंज, सिवान, भागलपुर एवं बांका में अति भारी बारिश हुई है. इन इलाकों में अधिकतम 205MM बारिश रिकॉर्ड की गई है. मौसम विभाग पटना द्वारा जारी आंकड़ों की मानें तो बिहार में त्राहिमाम मचना तय है.
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़े पर एक नजर : केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार पटना जिले के दीघाघाट पर गंगा नदी का जलस्तर आज सुबह 6 बजे तक खतरे के निशान से 86 सेंटीमीटर नीचे था. लेकिन बारिश होने की वजह से इसके पानी में बढ़ोतरी होने की आशंका है.
खतरे के निशान को पार कर गई गंगा : मुंगेर जिले के मुंगेर में गंगा नदी का जलस्तर आज सुबह 6 बजे खतरे के निशान से 63 सेंटीमीटर नीचे था. भागलपुर जिले के कहलगांव में गंगा नदी का जलस्तर आज सुबह 6 बजे तक खतरे के निशान से 54 सेंटीमीटर ऊपर था. बारिश होने की वजह से नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी का पूर्वानुमान है.
बूढ़ी गंडक भी उफान पर : गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी का जलस्तर आज सुबह 6 बजे खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर नीचे था. इसके जलस्तर में कल सुबह 600 बजे तक 38 सेंटीमीटर की वृद्धि होने की सम्भावना है. खगड़िया जिले के खगड़िया में बूढीगंडक नदी का जलस्तर आज सुबह 6 बजे खतरे के निशान से 102 सेंटीमीटर ऊपर थी. इसके जलस्तर में राहत होती नहीं दिख रही.
कोसी में भी बाढ़ : कटिहार जिले के कुरसेला में कोसी नदी का जलस्तर आज सुबह 6 बजे तक खतरे के निशान से 92 सेंटीमीटर ऊपर था. इन इलाकों में आज और कल दो दिनों तक जोरदार बारिश हो रही है. ऐसे में गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने की आशंका है.
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