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अवैध खुदाई कर निकाली जा रही थी मुरम, तभी जमीन से निकलने लगीं रहस्यमयी मूर्तियां, खुदाई छोड़कर भागे लोग - Mysterious sculptures found Damoh

बांदकपुर में अवैध खुदाई कर रहे लोग तब हैरान रह गए, जब खुदाई के दौरान जमीन से रहस्यमयी मूर्तियां निकलनी शुरू हो गईं. ये देख खुदाई करने वाले लोग खुदाई छोड़कर भाग खड़े हुए.

MYSTERIOUS SCULPTURES FOUND DAMOH
रहस्यमयी मूर्तियां (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 14, 2024, 8:25 AM IST

दमोह. जिले के प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ क्षेत्र बांदकपुर में उस वक्त सनसनी फैल गई जब यहां अवैध खुदाई के दौरान जमीन से रहस्यमयी मूर्तियां निकलने लगीं. स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां खुदाई कर रही जेसीबी मशीन से जोर से किसी चीज के टकराने की आवाज आई. जब खुदाई करने वालों ने देखा तो वहां कई प्राचीन मूर्तियां बिखरी पड़ीं थीं.

Mysterious sculptures found Damoh
खुदाई में निकली रहस्यमयी मूर्तियां (ETV BHARAT)

जब जेसीबी से आई जोर की आवाज

बताया जा रहा है कि यहां पर तीन प्राचीन तालाब हैं लेकिन तालाब में रातों-रात अवैध रूप से मुरम खोदी जा रही थी. इसी खुदाई के दौरान करीब आठ प्राचीन व रहस्यमयी प्रतिमाएं सामने आने लगीं. इनमें से अधिकांश प्रतिमाएं देवी की बताई जा रही हैं. वहीं कुछ प्रतिमाएं मशीन का बकेट लगने के कारण खंडित भी हो गई हैं. इसके बाद खुदाई करने वाले लोग मशीन लेकर मौके से फरार हो गए.

लोगों ने शुरू की पूजा अर्चना

सुबह जब लोगों ने खुदाई वाली जगह कई मूर्तियों को पड़ा देखा तो पूजा अर्चन का दौर भी शुरू हो गया. कुछ लोगों ने देवी की प्रतिमाएं देख फूल भी चढ़ा दिए. बाद में मामले की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस और हिंडोरिया तहसीलदार को दी. एहतियातन प्रतिमाओं को उठवाकर जागेश्वर नाथ मंदिर के बगीचे में रखवा दिया गया. पुरातत्व विभाग के सर्वेयर शिवम दुबे ने बताया कि यह मूर्तियां कलचुरी कालीन की हैं, जो 11वीं सदी की हैं. इन प्रतिमाओं को ब्रैकेट स्टोन कहा जाता है. महलों और बड़े-बड़े मंदिरों के बाहर चौखट के बाजू से जो नक्काशी करके प्रतिमाएं बनाई जाती थीं उन्हें ब्रैकेट स्टोन कहा जाता है.

Mysterious sculptures found Damoh
खुदाई में निकली रहस्यमयी मूर्तियां (ETV BHARAT)

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दमोह के सेंट जॉन्स स्कूल पर धर्मांतरण का आरोप, पिता से पूछा बाप होने का प्रमाण दो, एसपी से की शिकायत

क्या है इन प्रतिमाओं का रहस्य?

पुरातत्व विभाग के प्रथम दृष्टया ये प्रतिमाएं ब्रैकेट स्टोन प्रतीत हो रही हैं, हालांकि इनका क्या रहस्य है ये जांच के बाद ही पता चलेगा. गौरतलब है कि दमोह जिले में कलचुरी कालीन राजाओं का शासन 10वीं-11वीं सदी के आसपास था. उसी समय कलचुरी राजाओं ने दमोह जिले में बड़ी पैमाने पर मंदिरों और पुराने किलो का जीर्णोद्धार कराया था. जिसमें कलचुरी काल की झलक दिखाई देती है. दमोह जिले के नोहटा में प्रसिद्ध नोहलेश्वर मंदिर, कोड़ल का प्रसिद्ध शिव मंदिर, बरी कनोरा का प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर और अन्य कई मंदिर कलचुरी काल में बनाए गए थे.

दमोह. जिले के प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ क्षेत्र बांदकपुर में उस वक्त सनसनी फैल गई जब यहां अवैध खुदाई के दौरान जमीन से रहस्यमयी मूर्तियां निकलने लगीं. स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां खुदाई कर रही जेसीबी मशीन से जोर से किसी चीज के टकराने की आवाज आई. जब खुदाई करने वालों ने देखा तो वहां कई प्राचीन मूर्तियां बिखरी पड़ीं थीं.

Mysterious sculptures found Damoh
खुदाई में निकली रहस्यमयी मूर्तियां (ETV BHARAT)

जब जेसीबी से आई जोर की आवाज

बताया जा रहा है कि यहां पर तीन प्राचीन तालाब हैं लेकिन तालाब में रातों-रात अवैध रूप से मुरम खोदी जा रही थी. इसी खुदाई के दौरान करीब आठ प्राचीन व रहस्यमयी प्रतिमाएं सामने आने लगीं. इनमें से अधिकांश प्रतिमाएं देवी की बताई जा रही हैं. वहीं कुछ प्रतिमाएं मशीन का बकेट लगने के कारण खंडित भी हो गई हैं. इसके बाद खुदाई करने वाले लोग मशीन लेकर मौके से फरार हो गए.

लोगों ने शुरू की पूजा अर्चना

सुबह जब लोगों ने खुदाई वाली जगह कई मूर्तियों को पड़ा देखा तो पूजा अर्चन का दौर भी शुरू हो गया. कुछ लोगों ने देवी की प्रतिमाएं देख फूल भी चढ़ा दिए. बाद में मामले की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस और हिंडोरिया तहसीलदार को दी. एहतियातन प्रतिमाओं को उठवाकर जागेश्वर नाथ मंदिर के बगीचे में रखवा दिया गया. पुरातत्व विभाग के सर्वेयर शिवम दुबे ने बताया कि यह मूर्तियां कलचुरी कालीन की हैं, जो 11वीं सदी की हैं. इन प्रतिमाओं को ब्रैकेट स्टोन कहा जाता है. महलों और बड़े-बड़े मंदिरों के बाहर चौखट के बाजू से जो नक्काशी करके प्रतिमाएं बनाई जाती थीं उन्हें ब्रैकेट स्टोन कहा जाता है.

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क्या है इन प्रतिमाओं का रहस्य?

पुरातत्व विभाग के प्रथम दृष्टया ये प्रतिमाएं ब्रैकेट स्टोन प्रतीत हो रही हैं, हालांकि इनका क्या रहस्य है ये जांच के बाद ही पता चलेगा. गौरतलब है कि दमोह जिले में कलचुरी कालीन राजाओं का शासन 10वीं-11वीं सदी के आसपास था. उसी समय कलचुरी राजाओं ने दमोह जिले में बड़ी पैमाने पर मंदिरों और पुराने किलो का जीर्णोद्धार कराया था. जिसमें कलचुरी काल की झलक दिखाई देती है. दमोह जिले के नोहटा में प्रसिद्ध नोहलेश्वर मंदिर, कोड़ल का प्रसिद्ध शिव मंदिर, बरी कनोरा का प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर और अन्य कई मंदिर कलचुरी काल में बनाए गए थे.

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