दमोह। गर्मी का मौसम शुरू होते ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इसकी शुरुआत पन्ना टाइगर रिजर्व वनपरिक्षेत्र मड़ियादो बफरजोन के कलकुआ के जंगल से हो चुकी है. जंगल में अचानक आग लग गई और धुआं निकलने लगा. देखते ही देखते झाड़ियां जलने लगीं. जब अपने मवेशी चरा रहे चरवाहों ने आग और धुआं देखा तो तुरंत ही सूचना वन विभाग को दी. आग लगने की सूचना पर वन परिक्षेत्र अधिकारी हृदेश हरि भार्गव अमले के साथ मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने का प्रयास किया.
आग की चपेट में जंगल
अज्ञात कारणों से लगी आग तेज हवाओं के कारण विकराल होती गई और जंगल के एक बड़े हिस्से हो अपनी चपेट में ले लिया. तेज हवाओं के कारण वन अमले को आग बुझाने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. जंगल में आग लगने से कई वन्य जीवों के रहवास भी प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही. क्योंकि यहां तेंदुआ, नीलगाय और चीतल जैसे कई वन्यजीव हर समय मौजूद रहते हैं.
हर साल लगती है जंगल में आग
दमोह जिला चारों तरफ से जंगल से घिरा हुआ है. उत्तर दिशा की तरफ पन्ना टाइगर रिजर्व है. जिसमें दमोह जिले का मड़ियादो बफर जोन का एक बड़ा हिस्सा टाइगर रिजर्व में आता है. दूसरी तरफ रानी दुर्गावती अभयारण्य, तो एक तरफ नौरादेही अभयारण्य है. बटियागढ़ की तरफ बकस्वाहा से लगे हुए घने जंगल हैं. हर साल यहां पर किसी न किसी कारण से आग लग जाती है. जिससे एक बड़ा नुकसान लोगों को उठाना पड़ता है. वन्य जीवों के रहवास प्रभावित होने की साथ-साथ ग्रामीणों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
आग बुझाने के प्रयास जारी
वन विभाग का मानना है कि ''तेज हवा के साथ जब झाड़ियां आपस में रगड़ती हैं तो उनसे आग लग जाती है. कुछ झाड़ियां और पेड़ ऐसे होते हैं जिनमें प्राकृतिक तरीके से जलनशील पदार्थ पाए जाते हैं, इसलिए आग लग जाती है. तो कई बार ग्रामीण बीड़ी पीकर फेंक देते हैं उससे भी सूखे पत्तों में आग पड़ जाती है.'' वन परिक्षेत्र अधिकारी हृदेश हरि भार्गव का कहना है कि ''आग बुझाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. वरिष्ठ अधिकारियों को भी सूचना दी जा चुकी है. संभव है यह आग शनिवार को धीरे-धीरे सुलगी होगी. इसी कारण से यह तेज हो गई है, लेकिन आग पर काबू पा लिया जाएगा.''