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मुजफ्फरपुर में दिव्यांग करता था कारतूस सप्लाय, 7.65 बोर की 800 गोलियों के साथ पुलिस ने पकड़ा

मुजफ्फरपुर पुलिस ने बड़े कारतूस सप्लायर को गिरफ्तार किया है. उसके पास से 800 राउंड गोलियां भी बरामद की गई हैं. सभी गोलियां 7.65 बोर की हैं

मुजफ्फरपुर में दिव्यांग करता था कारतूस सप्लाय
मुजफ्फरपुर में दिव्यांग करता था कारतूस सप्लाय
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 29, 2024, 4:58 PM IST

मुजफ्फरपुर: जिले की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने कारतूस सप्लायर को गिरफ्तार किया है. सप्लायर दिव्यांग है और उसके पास से भारी मात्रा में गोलियां भी बरामद की गई हैं. यह गोली पिस्टल में काम आती है, जिसे अपराधी खरीदते थे. इस बात का खुलासा एसएसपी राकेश कुमार ने किया है.

कारतूस सप्लायर गिरफ्तार: एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि आरोपी को गायघाट थाना क्षेत्र के बेनीबाद स्थित थरमा गांव से पकड़ा गया है. वह घर से ही गोलियों की सप्लाई करता था. उसके घर पर अपराधी आते थे. वहीं से गोलियां खरीदकर ले जाते थे. आरोपी आशिक अंसारी है, वह पूर्व में भी जेल जा चुका है.

"DIU की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि जिले के बेनीबाद के थरमा गांव में कुछ अपराधी बड़ी संख्या में कारतूस की खरीद बिक्री करने वाले हैं. जिसके बाद DIU प्रभारी लाल किशोर गुप्ता ने गांव में छापेमारी की. घर की घेराबंदी की गई. इसके बाद धावा बोला गया."- राकेश कुमार,एसएसपी

11 मोबाइल फोन भी जब्त: अपराधी पुलिस को देखते ही भागने का प्रयास करने लगा, लेकिन वह पकड़ा गया. उसके घर से 800 जिंदा गोलियां बरामद की गई. साथ ही 11 मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है.

नागालैंड के पर्ची पर ला रहा था खेप: पुलिस पूछताछ में आशिक ने बताया है कि वह झारखंड से गोलियों की खेप लाता था. नागालैंड की पर्ची पर खेप आती थी. उसे वह बस से लाता था. मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों के अपराधी को गोली देता था. घर से अपराधी गोली ले जाते थे.

200 रुपए पीस बेचता था एक गोली: बताया गया कि 7.65 बोर की गोली की कीमत करीब 100 से 130 रुपए है. आशिक 100 रुपए के हिसाब से खरीदता था. एक पैकेट में 40 राउंड गोलियां होती हैं. एक पैकेट का दाम करीब 51 सौ रुपए होते हैं. वह खुदरा में बेचता था. एक गोली का 200 रुपए तक लेता था. इससे उसकी अच्छी कमाई होती थी.

बना चुका है आलीशान मकान: पुलिस ने बताया कि गोलियां बेचकर उसने गांव में आलीशान मकान बनाया है. पिछले पांच साल से अधिक समय से वह इस कारोबार से जुड़ा है. उसका घर पूर्व में साधारण था, लेकिन, अब उसका मकान आलीशान दिखता है. उसे बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर चुका है.

नेपाल से भी जुड़ा है तार:पुलिस पूछताछ में आशिक का तार अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह से जुड़े होने की बात सामने आई है. हालांकि, पुलिस इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है. बताया जा रहा है कि नेपाल व यूपी के हथियार तस्करों से इसका संपर्क हो सकता है.

2019 में पकड़ा गया था 1600 गोली के साथ: बताया गया कि वर्ष 2019 में आशिक को पुलिस ने फकुली से गिरफ्तार किया था. पुलिस की टीम ने फकुली के समीप घेराबंदी की थी. पुलिस को देखते ही बस पर सवार एक तस्कर छलांग लगा दिया था। हालांकि वह भाग नहीं सका.

पढ़ें- कैमूर में पानी भरने को लेकर मारपीट, एक व्यक्ति की मौत

मुजफ्फरपुर: जिले की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने कारतूस सप्लायर को गिरफ्तार किया है. सप्लायर दिव्यांग है और उसके पास से भारी मात्रा में गोलियां भी बरामद की गई हैं. यह गोली पिस्टल में काम आती है, जिसे अपराधी खरीदते थे. इस बात का खुलासा एसएसपी राकेश कुमार ने किया है.

कारतूस सप्लायर गिरफ्तार: एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि आरोपी को गायघाट थाना क्षेत्र के बेनीबाद स्थित थरमा गांव से पकड़ा गया है. वह घर से ही गोलियों की सप्लाई करता था. उसके घर पर अपराधी आते थे. वहीं से गोलियां खरीदकर ले जाते थे. आरोपी आशिक अंसारी है, वह पूर्व में भी जेल जा चुका है.

"DIU की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि जिले के बेनीबाद के थरमा गांव में कुछ अपराधी बड़ी संख्या में कारतूस की खरीद बिक्री करने वाले हैं. जिसके बाद DIU प्रभारी लाल किशोर गुप्ता ने गांव में छापेमारी की. घर की घेराबंदी की गई. इसके बाद धावा बोला गया."- राकेश कुमार,एसएसपी

11 मोबाइल फोन भी जब्त: अपराधी पुलिस को देखते ही भागने का प्रयास करने लगा, लेकिन वह पकड़ा गया. उसके घर से 800 जिंदा गोलियां बरामद की गई. साथ ही 11 मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है.

नागालैंड के पर्ची पर ला रहा था खेप: पुलिस पूछताछ में आशिक ने बताया है कि वह झारखंड से गोलियों की खेप लाता था. नागालैंड की पर्ची पर खेप आती थी. उसे वह बस से लाता था. मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों के अपराधी को गोली देता था. घर से अपराधी गोली ले जाते थे.

200 रुपए पीस बेचता था एक गोली: बताया गया कि 7.65 बोर की गोली की कीमत करीब 100 से 130 रुपए है. आशिक 100 रुपए के हिसाब से खरीदता था. एक पैकेट में 40 राउंड गोलियां होती हैं. एक पैकेट का दाम करीब 51 सौ रुपए होते हैं. वह खुदरा में बेचता था. एक गोली का 200 रुपए तक लेता था. इससे उसकी अच्छी कमाई होती थी.

बना चुका है आलीशान मकान: पुलिस ने बताया कि गोलियां बेचकर उसने गांव में आलीशान मकान बनाया है. पिछले पांच साल से अधिक समय से वह इस कारोबार से जुड़ा है. उसका घर पूर्व में साधारण था, लेकिन, अब उसका मकान आलीशान दिखता है. उसे बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर चुका है.

नेपाल से भी जुड़ा है तार:पुलिस पूछताछ में आशिक का तार अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह से जुड़े होने की बात सामने आई है. हालांकि, पुलिस इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है. बताया जा रहा है कि नेपाल व यूपी के हथियार तस्करों से इसका संपर्क हो सकता है.

2019 में पकड़ा गया था 1600 गोली के साथ: बताया गया कि वर्ष 2019 में आशिक को पुलिस ने फकुली से गिरफ्तार किया था. पुलिस की टीम ने फकुली के समीप घेराबंदी की थी. पुलिस को देखते ही बस पर सवार एक तस्कर छलांग लगा दिया था। हालांकि वह भाग नहीं सका.

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