जोधपुर: शहर में स्थित एमबीएम यूनिवर्सिटी में जल्द ही अत्याधुनिक रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और एटीपी-कवच सिस्टम पर महत्वपूर्ण कोर्स प्रारंभ किया जाएगा. इससे विद्यार्थी रेलवे के इंजीनियरिंग से संबंधित कोर्स यहां से भी कर सकेंगे. इसके लिए एमबीएम यूनिवर्सिटी प्रबंधन और भारतीय रेलवे सिंग्नल इंजीनियरिंग एवं दूरसंचार संस्थान (इरिसेट) ने गुरुवार को दोनों संस्थानों के उच्चाधिकारियों ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए. एमओयू पांच वर्षों के लिए होगा. बाद में इसे बढ़ाया भी जा सकेगा.
उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने बताया कि जोधपुर के एमबीएम यूनिवर्सिटी में भारतीय रेलवे सिंग्नल इंजीनियरिंग एवं दूरसंचार संस्थान (इरिसेट), सिकंदराबाद के सहयोग से स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (आईएटीपी)-कवच पर कौशल उन्मुख संकाय विकास कार्यक्रम और औद्योगिक प्रशिक्षण पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जाएगा. डीआरएम ने बताया कि इससे रेलवे के वर्कर क्लास में मैन पावर की कमी नहीं होगी और रेलवे का सुरक्षा तंत्र और अधिक सुदृढ़ होगा. डीआरएम ने बताया कि इससे इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक विषय के रूप में 'रेलवे एडवांस सिंग्नलिंग और कवच' पर पाठ्यक्रम उपलब्ध होगा.
पढ़ें: 'कवच' लगाएगा रेल हादसों पर लगाम, 150 ट्रेनों को किया गया लैस
जोधपुर के हैं कवच के जनक ललित कुमार: रेल मंत्रालय के कवच (इरिसेट) के प्रधान कार्यकारी निदेशक, भारतीय रेलवे में कवच के जनक जोधपुर मूल के निवासी और एमबीएम यूनिवर्सिटी में शिक्षा प्राप्त ललित कुमार मनसुखानी और एमबीएम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो अजय कुमार शर्मा ने गुरुवार को यहां एमओयू पर हस्ताक्षर किए. भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियर एवं दूरसंचार संस्थान, सिकंदराबाद के प्रधान कार्यकारी निदेशक ललित मनसुखानी जोधपुर मूल के हैं तथा उन्होंने एमबीएम यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की है. वर्तमान में वह भारतीय रेलवे के कवच के उत्कृष्टता केंद्र के प्रधान कार्यकारी निदेशक के पद पर कार्यरत हैं.