पौड़ी: जिला अस्पताल पौड़ी बीते 4 सालों से पीपीपी मोड़ पर संचालित हो रहा है. वहीं अब 31 दिसंबर को इसका अनुबंध समाप्त हो जाएगा और 1 जनवरी 2025 से यह अस्पताल पहले की तरह सरकारी व्यवस्थाओं में चलेगा, लेकिन इसके अनुबंध समाप्त होने पर 220 आउटसोर्स कर्मचारी भी बेरोजगार हो जाएंगे. सभी आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि सरकारी व्यवस्थाओं में आने के बाद उन्हें भी प्राथमिकता के आधार पर ही पर काम करने का अवसर दिया जाए.
बता दें कि पौड़ी जिला अस्पताल महेंद्र इंद्रेश देहरादून की ओर से पीपीपी मोड के तहत संचालित किया जा रहा है. वहीं अब यह अस्पताल पूर्व की भांति सरकारी व्यवस्थाओं में संचालित किया जाएगा. वर्तमान में जिला अस्पताल पौड़ी में 240 आउटसोर्स कर्मचारी कार्य कर रहे हैं. 31 दिसंबर को इन सभी की सेवा भी समाप्त हो जाएगी. जिससे सभी लोगों पर बेरोजगारी की तलवार भी लटक गयी है. आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि वो बीते 4 सालों से पौड़ी अस्पताल को अपनी सेवाएं दे रहे थे और अब अस्पताल के अनुबंध समाप्त होने से यह सरकारी सेवाओं में संचालित होगा. जिससे वह सभी लोग बेरोजगार हो जाएंगे. इससे उनकी आर्थिक पर सीधा असर पड़ेगा.
उनका कहना है कि उनके परिवार का भरण पोषण इसी नौकरी के भरोसे चलता है. उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि सरकारी सेवाओं में अस्पताल को चलाया जाना है, उन्हें भी अस्पताल में नौकरी करने का अवसर दिया जाए. जिससे उनके परिवार का भरण पोषण जारी रह सके. वहीं, पीपीपी मोड़ के कलस्टर में जिला अस्पताल पौड़ी के साथ साथ सीएचसी पाबौ और सीएचसी घंडियाल भी शामिल हैं.
इंद्रेश अस्पताल प्रशासन ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से जिला अस्पताल पौड़ी में लैब तकनीशियन, ओटी तकनीशियन, क्लर्क, फार्मासिस्ट, सुरक्षाकर्मी, सफाईकर्मी, रेडियो तकनीशियन, डेंटल तकनीशियन, नेत्र मितिज्ञ, फिजियोथैरेपिस्ट समेत विभिन्न पदों पर 220 कर्मियों की तैनाती की थी. वहीं, पौड़ी सीएमओ प्रवीण कुमार ने बताया कि 1 जनवरी 2025 से अस्पताल सरकारी व्यवस्थाओं में संचालित किया जाएगा.
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