जयपुर : संविधान दिवस के अवसर पर देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री कार्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि संविधान हमें अधिकार देने के साथ-साथ कर्तव्यों की भी शिक्षा देता है. राज्य सरकार संविधान में निहित लोक कल्याण की मूल भावना को सर्वोपरि मानते हुए प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से संविधान की मूल भावना को साकार किया है. जनकल्याणकारी योजनाओं, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों से राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर नागरिक को समान अवसर प्राप्त हों, जिससे समावेशी समाज का निर्माण हो सके.
अद्भुत दस्तावेज का निर्माण : सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि आज का दिन संविधान की महिमा का उत्सव और उन महान व्यक्तित्वों को याद करने का दिन है, जिन्होंने इस अद्भुत दस्तावेज का निर्माण किया. उन्होंने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे प्रभावी संविधान है. यह हमारे लोकतंत्र का आधार होने के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का मार्गदर्शक भी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल्यों को प्राथमिकता दी गई है. संविधान हमें अधिकार देने के साथ ही कर्तव्यों की भी शिक्षा देता है. उन्होंने कहा कि हमारा देश सैकड़ों वर्षों की गुलामी सहने के बावजूद मजबूती से खड़ा रहा, क्योंकि हमारे पूर्वजों ने अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन किया. हम सब भी अपने दायित्वों का ईमानदारी और निष्ठा से पालन करें.
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प्रधानमंत्री ने की अभिनव पहल : मुख्यमंत्री ने बताया कि 26 नवंबर, 1949 को हमारा संविधान अपनाया गया और 26 जनवरी, 1950 को यह लागू हुआ. संविधान दिवस मनाने की शुरुआत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. यह संविधान के मूल्यों, आदर्शों और हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस दिन को चुनकर हमें स्मरण कराया कि संविधान हमारे देश की आत्मा है और इसकी सुरक्षा और सम्मान करना हमारा प्रथम कर्तव्य है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि संविधान निर्माण में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान के अन्य महान शिल्पियों का अतुलनीय योगदान है. मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबासाहेब अंबेडकर के जीवन से जुड़े पंचतीर्थों का निर्माण करवाया, जिससे उनके योगदान को सम्मान मिला.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संविधान दिवस के संदेश को प्रदेशवासियों तक पहुंचाने के लिए अनेक पहल कर रही है. हम संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों की पालना के बेहतर प्रयासों को सम्मानित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विद्यालयों एवं सरकारी कार्यालयों में संविधान की प्रस्तावना के पठन सहित विभिन्न कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान को आत्मसात कर इसे सार्वजनिक जीवन में लागू करना और अपने कर्तव्यों का सर्वोत्तम पालन करना ही राष्ट्र निर्माण की कुंजी है. उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि संविधान में दिए गए मूल्यों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं.