जयपुर: कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-2019 में मूल अभ्यर्थी की जगह डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देने वाले महिला अधिकारिता विभाग के पर्यवेक्षक (परिवीक्षणाधीन प्रशिक्षणार्थी) को विभाग ने अब सेवा से पदच्युत (डिसमिस) कर दिया है. उसे एसओजी ने डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके बाद से वह निलंबित चल रहा था. उसके बारे में एसओजी ने महिला अधिकारिता विभाग को विस्तृत रिपोर्ट भिजवाई गई. जिस पर कड़ा फैसला लेते हुए विभाग ने उसे सेवा से डिसमिस कर दिया है. एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल भर्ती-2019 में डमी अभ्यर्थी बिठाने के संबंध में एसओजी थाने में 7 नवंबर, 2020 को मुकदमा दर्ज किया गया था.
डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देते पकड़ा था: उन्होंने बताया कि मूल अभ्यर्थी नांगल देशवाल निवासी नीरज कुमार जाट का परीक्षा केंद्र बानसूर (अलवर) के एक परीक्षा केंद्र पर आया था. उसकी जगह बसेड़ी (धौलपुर) निवासी लोकेश कुमार मीणा ने डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा दी थी. जिसे गिरफ्तार कर लिया गया था. लोकेश कुमार मीणा महिला अधिकारिता विभाग में पर्यवेक्षक (परिवीक्षणाधीन प्रशिक्षणार्थी) था. गिरफ्तारी के बाद विभाग ने उसे निलंबित कर दिया था.
विभागीय कार्रवाई की भी मॉनिटरिंग कर रही एसओजी: एसओजी ने उसके बारे में विस्तृत दुराचरण रिपोर्ट महिला एवं बाल विकास विभाग को भिजवाई. आपराधिक प्रकरण में शामिल पाए जाने और चालान पेश होने के बाद महिला एवं बाल अधिकारिता विभाग के आयुक्त ने उसे सेवा से पदच्युत (डिसमिस) कर दिया है. उन्होंने कहा कि डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने वाले और पेपर लीक गिरोह से संबंध रखने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई को लेकर एसओजी लगातार मॉनिटरिंग कर रही है.