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विधानसभा में शैडो कैबिनेट बनाकर सत्ता पक्ष को घेरेगी कांग्रेस, विधायकों को मिली जिम्मेदारी - RAJASTHAN ASSEMBLY SESSION

राजस्थान की 16वीं विधानसभा का तीसरे सत्र में कांग्रेस कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरेगी.

सत्ता पक्ष को घेरेगी कांग्रेस
सत्ता पक्ष को घेरेगी कांग्रेस (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 14, 2025, 12:35 PM IST

जयपुर : राजस्थान की 16वीं विधानसभा का तीसरा सत्र 31 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. इस सत्र में सत्तापक्ष जहां एक साल की उपलब्धियों, यमुना जल समझौते, ईआरसीपी (पीकेसी) जैसे मुद्दों को लेकर सरकार की पीठ थपथपाएगा. वहीं, कांग्रेस जिलों को खत्म करने, उप निरीक्षक भर्ती, जल समझौतों को सार्वजनिक करने और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेगा.

इस बीच विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए शैडो कैबिनेट (छाया मंत्रिमंडल) बनाया है, जिसमें विधायकों को अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी दी गई है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि आगामी विधानसभा सत्र के लिए शैडो कैबिनेट बन चुकी है. विधायकों को जिम्मेदारी भी दे दी है. जिस विधायक की जिस विभाग में रुचि है, उसके आधार पर विधायकों को जिम्मेदारी बांट दी है.

पढ़ें. अब महापुरुषों को लेकर सियासी 'जंग', बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ बोले- कांग्रेस के हाथ से गांधी को छीन लिया, अंबेडकर हमारे हैं ही

यह है कांग्रेस का छाया मंत्रिमंडल : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश स्तरीय मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे. वहीं, गृह, वित्त, यूडीएच और स्वायत्त शासन का जिम्मा शांति धारीवाल को दिया गया है. मुख्य सचेतक रफीक खान और अमीन कागजी राजधानी से जुड़े मुद्दे उठाएंगे. राजेंद्र पारीक को उद्योग-वाणिज्य, हरिमोहन शर्मा को ऊर्जा, जीएडी, आयुर्वेद, नरेंद्र बुढ़ानिया को सानिवि, हरीश चौधरी को राजस्व, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग का जिम्मा दिया गया है. अशोक चांदना युवा, खेल, रोजगार, रतन देवासी पर्यटन, डेयरी, गोपालन, पशुपालन, हरेंद्र मिर्धा चिकित्सा व स्वास्थ्य और श्रवण कुमार कृषि-सिंचाई जैसे मुद्दों पर बोलेंगे.

इन मुद्दों पर हो सकता है टकराव : गहलोत सरकार में बने 9 जिलों-तीन संभाग को खत्म करने, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का रिव्यू करने जैसे मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में सीधा टकराव हो सकता है. इसके अलावा गहलोत राज की योजनाओं को बंद करने या नाम बदलने का मुद्दा भी छाया रहेगा. एसआई भर्ती को निरस्त करने, यमुना जल समझौते और ईआरसीपी (पीकेसी) योजना के एमओयू को लेकर भी कांग्रेस सरकार को घेरने का पुरजोर प्रयास करेगी.

पढे़ं. बड़ा बयान : पायलट बोले- नायडू का मन कब बदल जाए और नीतीश कब पलटी मार जाएं, कोई नहीं कह सकता

एक साल में क्या किया, इसका हिसाब लेंगे : टीकाराम जूली ने कहा कि इन्होंने एक साल में क्या किया है, इसका जवाब और हिसाब मांगेंगे. मंत्रियों ने जो बड़े-बड़े आश्वासन दिए हैं. वो सदन की संपत्ति है, उन पर इन्होंने क्या कार्रवाई की है. इसका भी जवाब हम मांगेंगे. जूली ने कहा, हमारे समय की योजनाओं को लगातार बंद किया जा रहा है. नाम बदले जा रहे हैं. सामाजिक सुरक्षा पेंशन, खाद की आपूर्ति, बिजली-पानी की आपूर्ति जैसे मुद्दों पर भी सरकार से जवाब मांगेंगे. उनका कहना है कि जनता से जुड़े सवालों के जवाब आना जरूरी है.

जयपुर : राजस्थान की 16वीं विधानसभा का तीसरा सत्र 31 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. इस सत्र में सत्तापक्ष जहां एक साल की उपलब्धियों, यमुना जल समझौते, ईआरसीपी (पीकेसी) जैसे मुद्दों को लेकर सरकार की पीठ थपथपाएगा. वहीं, कांग्रेस जिलों को खत्म करने, उप निरीक्षक भर्ती, जल समझौतों को सार्वजनिक करने और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेगा.

इस बीच विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए शैडो कैबिनेट (छाया मंत्रिमंडल) बनाया है, जिसमें विधायकों को अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी दी गई है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि आगामी विधानसभा सत्र के लिए शैडो कैबिनेट बन चुकी है. विधायकों को जिम्मेदारी भी दे दी है. जिस विधायक की जिस विभाग में रुचि है, उसके आधार पर विधायकों को जिम्मेदारी बांट दी है.

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यह है कांग्रेस का छाया मंत्रिमंडल : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश स्तरीय मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे. वहीं, गृह, वित्त, यूडीएच और स्वायत्त शासन का जिम्मा शांति धारीवाल को दिया गया है. मुख्य सचेतक रफीक खान और अमीन कागजी राजधानी से जुड़े मुद्दे उठाएंगे. राजेंद्र पारीक को उद्योग-वाणिज्य, हरिमोहन शर्मा को ऊर्जा, जीएडी, आयुर्वेद, नरेंद्र बुढ़ानिया को सानिवि, हरीश चौधरी को राजस्व, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग का जिम्मा दिया गया है. अशोक चांदना युवा, खेल, रोजगार, रतन देवासी पर्यटन, डेयरी, गोपालन, पशुपालन, हरेंद्र मिर्धा चिकित्सा व स्वास्थ्य और श्रवण कुमार कृषि-सिंचाई जैसे मुद्दों पर बोलेंगे.

इन मुद्दों पर हो सकता है टकराव : गहलोत सरकार में बने 9 जिलों-तीन संभाग को खत्म करने, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का रिव्यू करने जैसे मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में सीधा टकराव हो सकता है. इसके अलावा गहलोत राज की योजनाओं को बंद करने या नाम बदलने का मुद्दा भी छाया रहेगा. एसआई भर्ती को निरस्त करने, यमुना जल समझौते और ईआरसीपी (पीकेसी) योजना के एमओयू को लेकर भी कांग्रेस सरकार को घेरने का पुरजोर प्रयास करेगी.

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एक साल में क्या किया, इसका हिसाब लेंगे : टीकाराम जूली ने कहा कि इन्होंने एक साल में क्या किया है, इसका जवाब और हिसाब मांगेंगे. मंत्रियों ने जो बड़े-बड़े आश्वासन दिए हैं. वो सदन की संपत्ति है, उन पर इन्होंने क्या कार्रवाई की है. इसका भी जवाब हम मांगेंगे. जूली ने कहा, हमारे समय की योजनाओं को लगातार बंद किया जा रहा है. नाम बदले जा रहे हैं. सामाजिक सुरक्षा पेंशन, खाद की आपूर्ति, बिजली-पानी की आपूर्ति जैसे मुद्दों पर भी सरकार से जवाब मांगेंगे. उनका कहना है कि जनता से जुड़े सवालों के जवाब आना जरूरी है.

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