कोटा. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए प्रहलाद गुंजल ने शनिवार को अपना नामांकन कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में दाखिल किया. कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि इस संबंध में शुक्रवार को जिला कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में आयोजित बैठक में प्रहलाद गुंजल और शांति धारीवाल के बीच पुरानी अदावत एक बार फिर नजर आई थी. शांति धारीवाल ने उन पर लगाए गए सभी आरोपी को साबित करने या फिर उन्हें झूठा बताने की बात कही थी. इसी बात को लेकर मामला बिगड़ गया था.
इस बात पर शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मीडिया ने सवाल पूछ लिया. इसमें उन्होंने कहा कि धारीवाल और गुंजल एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं. उनके मन में एक-दूसरे के खिलाफ काफी कुछ था. एक-दूसरे के खिलाफ आरोप लगते हैं. राजनीति में अपने-अपने पार्टी के हिसाब से सब व्यक्ति बात करते हैं. ऐसे में दोनों ने भी की होगी. अब दोनों बड़े भाई और छोटे भाई का मिलन हो गया है. धारीवाल ने अब बात कही है कि जो भी कांग्रेस पार्टी से प्यार करता है, वह गद्दारी नहीं कर सकता.
इस दौरान मीडिया ने पूछा कि आलाकमान के फैसले का धारीवाल हमेशा विरोध करते हैं. इस पर डोटासरा ने जवाब दिया कि छोड़ो कल की बातें, वह सब बातें पुरानी हो चुकी है. नई इबारत व इतिहास हम लिखेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि कोटा का विकास कैसे हो? इसके लिए कांग्रेस पार्टी काम करेगी. उन्होंने ओम बिरला का जिक्र करते हुए कहा कि कोटा से चुनाव जीतकर जाने के बाद वह देश की संसद की सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठे थे. इसके बावजूद भी कोटा का विकास नहीं हुआ है, जनता इस बारे में सवाल पूछ रही है.
धारीवाल ने पत्रकार को बता दिया बीजेपी का प्रवक्ता: जब डोटासरा से पूछा गया कि कांग्रेस प्रत्याशी मैदान छोड़कर भाग रहे हैं, इस सवाल पर उनके नजदीक खड़े पूर्व मंत्री और कोटा उत्तर विधायक शांति धारीवाल भड़क गए. उन्होंने पत्रकार को बीजेपी का प्रवक्ता बता दिया. हालांकि इस दौरान पत्रकारों ने जवाब दिया कि आपने सत्ता में रहते हुए 5 साल मीडिया से बात नहीं की, ऐसे में हम आपसे सवाल नहीं कर रहे हैं. बाद में डोटासरा ने कहा कि मैं ही जवाब दूंगा. साथ ही डोटासरा ने कहा कि बीजेपी और एनडीए पूरे 5 साल भागती रही है और झूठ भी बोलती है.
बीजेपी के पास ही नहीं है कैंडिडेट, कांग्रेसियों को लेकर जा रही: कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास ही नेताओं की कमी है. इसीलिए वह कांग्रेस और अन्य पार्टी के नेताओं को तोड़कर ले जा रही है और उन्हें चुनाव लड़ा रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस के लोगों को ज्वाइन कर दिया है. पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लोगों की बैसाखियों के सहारे भाजपा चुनाव लड़ रही है. यहां तक कि राजस्थान के बांसवाड़ा में भी महेंद्रजीत मालवीय को लेकर गए हैं. क्योंकि कांग्रेस के पास तो कैंडिडेट था, लेकिन बीजेपी के पास कैंडिडेट नहीं था.