सागर। आज एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के चलते सागर जिले की आठ विधानसभा में से इकलौती कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने राहतगढ़ में भाजपा का दामन थाम लिया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में निर्मला सप्रे ने भाजपा की सदस्यता ली. बता दें कि दिसंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में सागर जिले की 8 विधानसभा में से सिर्फ बीना विधानसभा में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव पूरा ही नहीं हो पाया और कांग्रेस की विधायक ने भाजपा का दामन थाम लिया. निर्मला सप्रे बीना से करीब 6000 वोटों से चुनाव जीती थीं और उन्होंने भाजपा के लगातार दो बार से विधायक महेश राय को हराया था.
कांग्रेस विधायक बीजेपी में शामिल
कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने मुख्यमंत्री मोहन यादव की सभा के दौरान राहतगढ़ में भाजपा का दामन थाम लिया. निर्मला सप्रे दूसरी बार विधानसभा का चुनाव लड़ी थीं. 2023 विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के महेश राय को हराकर चुनाव जीता था. निर्मला सप्रे के भाजपा में शामिल होने की खबर ने राजनीतिक माहौल को एक बार फिर गरमा दिया. निर्मला सप्रे ऐसा कोई कदम उठाएंगी, इसकी थोड़ी भी भनक ना तो कांग्रेस को थी और ना कांग्रेस के दूसरे नेताओं को थी. अचानक रविवार को मुख्यमंत्री की राहतगढ़ में सभा के दौरान उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया.
6,000 वोटों से जीतीं थीं निर्मला
कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने दूसरी बार 2023 के विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ा था और बीजेपी के महेश राय को 6000 वोटों से हराया था. 2018 के विधानसभा चुनाव में वे बीजेपी प्रत्याशी महेश राय से चुनाव हार गई थी. निर्मला सप्रे साल 2009 में सरकारी टीचर की नौकरी छोड़कर यूथ कांग्रेस से जुड़ी थी. वह 2009 में बीना नगर पालिका की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. बीना विधानसभा सीट पर बीजेपी का 1998 से 2023 तक लगातार राज रहा है लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में 25 साल बाद इस सीट पर कांग्रेस की जीत हुई थी.
'ये एक आश्चर्यजनक घटना'
सागर जिला ग्रामीण के अध्यक्ष पूर्व सांसद आनंद अहिरवार का कहना है कि "ये एक आश्चर्यजनक घटना है, ये इस तरह से हो रहा है कि सरकार अपने तंत्र का हद से बाहर जाकर दुरुपयोग कर रही है. हमारी पार्टी की विधायक को पार्टी की नीति से मजबूती के साथ खड़ा रहना था. ये अफसोस की बात है. बड़ी बात ये है कि सरकार पूरी तरह सुरक्षित है और सरकार के पास संख्या बल भी है. एक स्थिर सरकार प्रदेश में है, फिर भी भाजपा इस तरह कांग्रेस पार्टी के लोगों को तोड़ रही है. दबाव पूर्ण राजनीति के जरिए लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है."
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कांग्रेस को लगातार लग रहे झटके
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं. पिछ्ले दिनों छह बार के विधायक रह चुके पार्टी के वरिष्ठ नेता रामनिवास रावत ने कांग्रेस को बाय-बाय कह दिया था. उनको बीजेपी में गए एक हफ्ता भी नहीं हुआ कि अब सागर जिले की एकमात्र कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का झंडा थाम लिया है.