अजमेर : आगामी निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस के विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है. जूली ने कहा कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के चक्कर में निकायों में प्रशासक नियुक्त किए जा रहे हैं, जबकि संविधान में लिखा है कि निकायों में प्रशासक नहीं हो सकता. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार में इतनी ताकत नहीं है कि वह तय समय में चुनाव करवा सके. टीकाराम जूली सोमवार को अजमेर में थे, जहां नगर निगम में कांग्रेस की ओर से दिए गए धरने में उन्होंने पूर्व आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौर के साथ शिरकत की. जूली ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अजमेर नगर निगम में ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान में कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के साथ बीजेपी सरकार पक्षपात कर रही है.
अजमेर नगर निगम में कांग्रेस की प्रतिपक्ष नेता द्रोपदी कोली समेत शहर कांग्रेस के पदाधिकारी शहर के विभिन्न मुद्दों को लेकर सांकेतिक धरने पर बैठे थे. इस धरने में शहर अध्यक्ष विजय जैन तो मौजूद थे, लेकिन सचिन पायलट गुट के नेता और पार्षद धरने से नदारद रहे. इसके अलावा स्थानीय कांग्रेस के बड़े नेता भी अनुपस्थित थे. हालांकि, धरने में शामिल नेता एकजुटता का संदेश देते नजर आए.
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टीकाराम जूली ने कहा कि अजमेर नगर निगम में बीजेपी का बोर्ड है, लेकिन यहां आमजन के काम नहीं हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि साधारण सभा की बैठक में जो निर्णय जनहित में लिए गए थे, उन पर भी काम नहीं हो रहा. इसके अलावा नगर निगम बोर्ड की ओर से भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है. उन्होंने कहा, "क्या कांग्रेस का पार्षद होना जुर्म हो गया है ?" जूली ने आरोप लगाया कि बीजेपी बोर्ड का मतलब यह है कि जिन क्षेत्रों में जनता ने कांग्रेस के पार्षद जिताए हैं, वहां के लोगों का काम नगर निगम में नहीं होगा. उन्होंने कहा कि साधारण सभा में जब यह तय हो गया था कि सभी वार्डों में विकास कार्य के लिए 50-50 लाख रुपए दिए जाएंगे, तो फिर कांग्रेस पार्षदों के वार्डों में विकास के लिए राशि क्यों आवंटित नहीं की जा रही है ? इसके अलावा विकास कार्यों के लिए टेंडर भी नहीं कराए जा रहे हैं.
बिना जांच के अधिकारी को हटाया : अजमेर दक्षिण की विधायक अनिता भदेल के कहने पर एडीए उपायुक्त भरतराज गुर्जर को हटाने के मुद्दे पर तंज कसते हुए टीकाराम जूली ने कहा कि यदि अधिकारी की गलती थी तो उसकी जांच करवानी चाहिए थी और उसके बाद दोषी होने पर कार्रवाई की जानी चाहिए थी, लेकिन बिना जांच के अधिकारी को हटा दिया गया. जूली ने यह भी कहा कि ऐसे हालात अजमेर के ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान के बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन को संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए और भेदभाव किए बिना जनप्रतिनिधियों के क्षेत्रों में विकास के लिए राशि स्वीकृत करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि नगर निकाय चुनाव तय समय पर होने चाहिए, लेकिन बीजेपी सरकार निकायों में प्रशासक लगा रही है और कह रही है कि वह 'वन नेशन, वन इलेक्शन' कराएंगे, लेकिन यह नहीं बता रही कि चुनाव कैसे कराएंगे और उनकी तैयारी क्या है. जूली ने कहा कि निकायों में प्रशासक नहीं लगाए जा सकते, संविधान में ऐसा कुछ नहीं लिखा है. निकायों में चुनाव कराए जाने चाहिए और क्या बीजेपी में इतनी ताकत नहीं है कि वह तय समय पर चुनाव करवा सके ?.
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बीजेपी किसी मुगालते में ना रहे : टीकाराम जूली ने कहा कि उपचुनाव के नतीजे जो आए हैं, उन्हें कांग्रेस स्वीकार करती है, लेकिन बीजेपी को किसी मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि उन्होंने कोई बड़ा गढ़ जीत लिया है. चुनाव एक प्रक्रिया है जो आते-जाते रहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया और कांग्रेस के वोटरों को डराया-धमकाया गया, उनमें फुट डाली गई.
कांग्रेस कमजोर नहीं है : टीकाराम जूली ने कहा कि बीजेपी के लोग यह न समझें कि कांग्रेस किसी भी तरह से कमजोर हो गई है. पार्टी और कार्यकर्ता मजबूती से खड़े हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग खुद भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं, ऐसे में अगर कांग्रेस के पार्षद भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं तो क्या गलत है?.
राठौर बोले कांग्रेस निराश नहीं : आरटीडीसी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि चुनाव के नतीजे भले ही कांग्रेस के पक्ष में न आए हों, लेकिन इससे कांग्रेस निराश नहीं है. राठौड़ ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि अजमेर में नाम बदलने के अलावा कुछ नहीं हो रहा. पहले आरटीडीसी होटल का नाम खादिम से बदलकर अजयमेरु किया गया और अब काइंड एडवर्ड मेमोरियल और फॉयसागर का नाम बदलने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि नाम बदलने से काम नहीं चलेगा, असल काम करने से ही नाम होगा. राठौड़ ने चेतावनी दी कि अगर नगर निगम में बीजेपी बोर्ड ने कांग्रेस पार्षदों के साथ भेदभाव किया तो विधानसभा में भी इसका जवाब दिया जाएगा.