पटना: कांग्रेस के बिहार विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि एमएलसी चुनाव में कांग्रेस को सीट नहीं मिलने से कोई नाराजगी नहीं है. उन्होंने कहा कि0 राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के पास केवल 19 विधायक थे. चुनाव जीतने के लिए 35 विधायक चाहिए थे. सहयोगी दलों ने मदद की थी. उन्होंने कहा कि एमएलसी चुनाव में कांग्रेस के 17 विधायक के होने का मामला नहीं है, सहयोगी दलों के साथ सहमति का मामला है. सबकी सहमति से फैसला हुआ है.
"महागठबंधन में तीन घटक दल हैं. राजद, कांग्रेस और वामदल. सबकी सहमति से फैसला हुआ है. पार्टी के अंदर कुछ विधायकों का बयान मैंने भी देखा है और उनसे बातचीत भी हुई है."- शकील अहमद खान, कांग्रेस के बिहार विधानमंडल दल के नेता
क्या है समीकरणः बिहार विधानसभा में 242 विधायक हैं और उसमें से 74 विधायक राजद के हैं. क्योंकि पांच विधायक बागी हो चुके हैं. कांग्रेस के पास 17 विधायक हैं जिसमें से दो विधायक बागी हो चुके हैं. वामदलों के पास 15 विधायक हैं. कुल विधायकों की संख्या 106 है. एमएलसी चुनाव में एक सीट पर जीत के लिए 22 विधायक चाहिए. उस हिसाब से 110 विधायक 5 सीटों के लिए चाहिए. लेकिन 5 वीं सीट के लिए केवल 18 विधायक महागठबंधन के पास है. एनडीए के पास भी 6 सीट के लिए विधायक हैं. चुनाव की नौबत तभी आएगी जब 12 वां उम्मीदवार नामांकन करें.
कांग्रेस का एक खेमा नाराजः ऐसे में महागठबंधन पांचवा सीट 18 विधायकों के सहारे आसानी से निकाल लेगी. लेकिन महागठबंधन में राजद ने इस बार 4 सीट लिया है. माले को एक सीट दिया गया है. दोनों कांग्रेस की मदद से ही अंतिम सीट निकाल पाएंगे. इस बार कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है, कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलने से पार्टी के अंदर एक खेमा नाराज है. लेकिन कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता शकील अहमद खान का साफ कहना है कि सब की सहमति से फैसला हुआ है.
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