जोधपुर. कांग्रेस ने तीसरी बार जोधपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत को घेरने के लिए चक्रव्यूह रचा है. पार्टी ने इस बार यहां नए राजपूत चेहरे पर दांव खेला है और करण सिंह उचियारड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों के राजपूत प्रत्याशी उतारने से यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया है. साथ ही उचियारड़ा भी हर मंच से शेखावत को घेरने में जुटे हैं और कई बार उन्हें बाहरी और खुद को जोधपुर का लाल बता चुके हैं. यही वजह है कि शेखावत को बार-बार इसको लेकर बयान देना पड़ रहा है. इतना ही नहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से कांग्रेस का गठबंधन होना भी यहां भाजपा के लिए बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के समर्थक भी अब खुलकर उचियारड़ा के समर्थन में आ गए हैं, जो गत चुनाव में बेनीवाल के एनडीए में होने से भाजपा के साथ थे. इसके अलावा उचियारड़ा नया चेहरा होने से कांग्रेस संगठन और कार्यकर्ताओं में इस बार गत बार से ज्याद उत्साह नजर आ रहा है.
राजपूत मतों का बंटवारा तय : जोधपुर लोकसभा क्षेत्र राजपूत बाहुल्य है. यहां आठ विधानसभाओं में से पांच में राजपूत मतदाता निर्णायक की भूमिका में हैं. वर्तमान में भाजपा से तीन राजपूत विधायक हैं. वहीं, कुल 21 लाख से अधिक मतदाता पूरे संसदीय क्षेत्र में हैं. इनमें सबसे ज्यादा करीब साढ़े तीन लाख राजपूत हैं. पिछले दो चुनाव की बात करें तो यहां राजपूत मतदाताओं का एकतरफा वोट पड़ा था, लेकिन इस बार करणसिंह उचियारड़ा के होने से मतों का बंटवारा तय माना जा रहा हैं. साथ ही शेखावत को लेकर अंदरखाने विरोध की भी स्थिति है, जिसका फायदा कांग्रेस को हो सकता है. इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी को राजपूतों का अगर 30 से 40 फीसदी वोट मिल जाता है तो यहां मुकाबला कांटे का हो सकता है.
इसे भी पढ़ें - कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं, राजसमंद कैंडिडेट भी लौटाएंगे टिकट ! अजमेर, भीलवाड़ा पर भी अटकलें - Second Phase Nominations
बेनीवाल के इशारे पर जाट और विश्नोई : जोधपुर में हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के समर्थक बड़ी संख्या में हैं. इनमें जाटों के अलावा विश्नोई और मूल ओबीसी भी शामिल हैं. बेनीवाल के इशारे पर जाट कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर सकते हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया पर शेखावत व भाजपा से नाराजगी जता रहे विश्नोई समाज के युवा भी बेनीवाल की राह पकड़ सकते हैं. हालांकि, शेखावत ने विश्नोई समाज को साधने के लिए पप्पू राम डारा को भाजपा में शामिल करवाया है तो पूर्व सांसद जसवंतसिंह विश्नोई की सियासी नियुक्ति भी यहां भाजपा के लिए असरदार साबित हो सकती है. इसके इतर लोहावट से आरएलपी प्रत्याशी रहे सत्यनारायण राव ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है. इसके बावजूद आरएलपी भाजपा को नुकसान और कांग्रेस को फायदा पहुंचाने की स्थिति में मानी जा रही है. आरएलपी के अजय त्रिवेदी का कहना है कि विधानसभा चुनाव के मतों की गणित में आरएलपी और कांग्रेस के पक्ष में है. राजपूत मतों के बंटवारे का लाभ भी कांग्रेस प्रत्याशी को मिल सकता है.
इसे भी पढ़ें - चुनाव से पहले अपनों में सियासी संग्राम, धारीवाल के नसीहत पर भड़के कांग्रेस प्रत्याशी प्रह्लाद गुंजल - Controversy In Congress Meeting
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को जोधपुर संसदीय क्षेत्र की आठ में से सात सीटों पर जीत मिली थी. पार्टी को कुल 1 लाख 58 मतों की बढत हुई, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 27 हजार वोटों की बढ़त के साथ एक सीट पर जीत मिली थी. वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को चार विधानसभा में 92 हजार से अधिक मत मिले थे, जो अधिकांश हनुमान बेनीवाल के समर्थक माने जाते हैं. ऐसे में कांग्रेस की बढ़त और आरएलपी के मत अगर जुड़ जाए तो फिर कांग्रेस को यहां लाभ हो सकता है. यही कारण है कि इस सीट पर कांटे की टक्कर मानी जा रही है.