रुड़की: हरिद्वार के रुड़की में गंगनहर में समाए निर्माणाधीन पुल के निरीक्षण के लिए शासन स्तर द्वारा गठित की गई टीम जांच के लिए मौके पर पहुंची. जहां पर उन्होंने पुल गिरने की जांच पड़ताल की, टीम द्वारा कई घंटों तक बारीकी से अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की गई. इसके बाद टीम वापस देहरादून लौट गई.
रुड़की में पीर बाबा कॉलोनी के पास एक पुल का निर्माण चल रहा था, वहीं इस पुल को मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत विधायक प्रदीप बत्रा के प्रस्ताव पर किया जा रहा था. इस पुल का शिलान्यास साल 2023 में मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया था और पुल को बनाने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी गई थी. वहीं दीपावली से पहले गंगनहर के पानी को बंद किया गया तो पुल के निर्माण में तेजी लाई गई, जिसके चलते संबंधित ठेकेदार द्वारा पुल का स्ट्रक्चर तैयार कर गंगनहर के ऊपर बांध दिया गया. इसके बाद बीती 30 अक्टूबर की रात गंगनहर में पानी आने के बाद 31 अक्टूबर की सुबह करीब 11 बजे निर्माणाधीन पुल अचानक गिर गया.
लेकिन गनीमत रही कि इस हादसे के दौरान कोई मजदूर पुल पर कार्य नहीं कर रहा था, इसलिए हादसे में किसी जानमाल की हानि नहीं हुई. हालांकि इस हादसे ने रुड़की में हुए साल 2012 में पुल हादसे की याद ताजा कर दी. दरअसल साल 2012 में नगर निगम के सामने बनाए गए पुल का स्ट्रक्चर भी इसी प्रकार बह गया था. जिसमें चार मजदूर भी पुल के साथ पानी में बह गए थे. हालांकि अब हुई इस दूसरी घटना के मामले में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता विपुल सैनी ने ये कह कर पल्ला झाड़ लिया था कि गंगनहर में छोड़े गए पानी के तेज बहाव के कारण एक तार खुलने की वजह से पुल नीचे गिरा है. वहीं इस हादसे के बाद शासन स्तर से तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया.
वहीं देहरादून से मुख्य अभियंता राकेश चंद्र शर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम घटनास्थल पर पहुंची और पुल गिरने के मामले में जांच पड़तात की. पुल गिरने में कहां और किस स्तर पर लापरवाही रही है, इन सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल की गई. लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता राकेश चंद शर्मा ने बताया कि बीती 31 अक्टूबर को पुल गिरने की घटना घटी थी. शासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया और जांच टीम गठित की गई. मौके पर पहुंचकर घटना की बारीकी से जांच की गई है. जिसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी.
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