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'किसानों की बढ़ेगी आय, पशुपालकों को मिलेगी टैक्स में छूट', हिमाचल बजट को लेकर सीएम सुक्खू ने दिए संकेत

Himachal Pradesh Budget 2024: हिमाचल प्रदेश में किसानों की आर्थिकी बढ़ाने के लिए सुक्खू सरकार नई योजनाएं ला रही है. इसके लिए आगामी बजट में प्रावधान किया जाएगा. यही नहीं सरकार पशुपालकों को टैक्स में रियायत देने पर भी विचार कर रही है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बात के संकेत दिए.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 11, 2024, 6:18 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कृषि को उद्योग क्षेत्र के रूप में प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसके लिए किसानों को आर्थिकी मजबूत करने को आगामी बजट में कई नई योजनाएं चलाई जाएगी. ताकि कृषि के क्षेत्र में किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके. यह जानकारी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी. शिमला स्थित होटल पीटरहॉफ में दुग्ध उत्पादकों के साथ संवाद के दौरान सीएम ने यह बात कही.

हिमाचल प्रदेश ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर निर्भर: दुग्ध उत्पादकों के साथ संवाद के दौरान सीएम सुक्खू ने कहा हिमाचल ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर निर्भर है, जिसमें कृषि और दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण काफी भूमिका है. ऐसे में आगामी बजट में किसानों की आय बढ़ाने को नई योजनाएं लाई जाएगी. ताकि पशुपालन और कृषि क्षेत्र को लेकर समाज में सकारात्मक सोच पैदा की जा सके. जिसके दो वर्षों में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा किसानों का भविष्य प्राकृतिक खेती में निर्भर है, जिसमें पशुपालन की भूमिका अहम है. क्योंकि कृषि और दूध उत्पादन का सीधा संबंध है. उन्होंने कहा कि किसानों के हाथ में पैसा पहुंचे, इसके लिए नीतियों और नियमों में मूलभूत परिवर्तन किए जा रहे हैं.

दुग्ध उत्पादकों कर में छूट देने पर विचार: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा किसानों की आर्थिक स्थित मजबूत करने के लिए सरकार ने एक मुश्त दूध खरीद के मूल्य में छह रुपए की बढ़ोतरी की है. सरकार दूध उत्पादकों को कर में रियायत देने पर भी विचार करेगी. ताकि प्रदेश में पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जा सके. सुक्खू ने कहा हिमाचल में दूध की गुणवत्ता बेहतर है, जिसमें और सुधार करते हुए बेहतर विपणन व्यवस्था से जोड़कर किसानों की आय में बढ़ोतरी की जा सकती है. इसी को देखते हुए सरकार अब कृषि को रोजगार के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहन दे रही है. अभी तक इस बारे में गंभीरता से विचार नहीं किया गया, लेकिन अब किसानों को स्वावलंबी बनाया जाएगा. ताकि किसान घर में बैठकर अपनी आय के साधन बढ़ा सके.

किसानों को शोषण से बचाया जाएगा: सीएम सुक्खू ने कहा किसानों को मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रभावी कदम उठा रही है. ताकि किसानों को शोषण से बचाया जा सके. इन प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत होगी और किसानों की आय बढ़ने से प्रदेश भी आत्मनिर्भर बनेगा. इसके लिए हमें पुरानी परंपराओं और नई टेक्नोलॉजी को साथ लेकर चलना होगा. प्रदेश की दुग्ध आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दूध खरीद मूल्य को लागत मूल्य के आधार पर देने के लिए ‘हिम गंगा योजना’ की शुरू की गई है. जिसके लिए बजट में 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

सीएम सुक्खू ने किसानों से लिए सुझाव: उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के ढगवार में 1 लाख 50 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा. जिसकी क्षमता 3 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकती है. यह संयंत्र पूरी तरह से स्वचालित होगा, जिस पर अनुमानित 226 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. बकरी के दूध और पहाड़ी गाय के दूध की खूबियों का भी अध्ययन किया जा रहा है. वहीं, मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ खुले संवाद सत्र में व्यापक चर्चा की. इस दौरान सीएम ने किसानों और अन्य हितधारकों से मिले सुझावों को राज्य सरकार की नीति में शामिल करने का आश्वासन भी दिया.

ये भी पढ़ें: जिन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थी, उनको राम मंदिर का निर्माण हजम नहीं हो रहा: अनुराग ठाकुर

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कृषि को उद्योग क्षेत्र के रूप में प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसके लिए किसानों को आर्थिकी मजबूत करने को आगामी बजट में कई नई योजनाएं चलाई जाएगी. ताकि कृषि के क्षेत्र में किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके. यह जानकारी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी. शिमला स्थित होटल पीटरहॉफ में दुग्ध उत्पादकों के साथ संवाद के दौरान सीएम ने यह बात कही.

हिमाचल प्रदेश ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर निर्भर: दुग्ध उत्पादकों के साथ संवाद के दौरान सीएम सुक्खू ने कहा हिमाचल ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर निर्भर है, जिसमें कृषि और दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण काफी भूमिका है. ऐसे में आगामी बजट में किसानों की आय बढ़ाने को नई योजनाएं लाई जाएगी. ताकि पशुपालन और कृषि क्षेत्र को लेकर समाज में सकारात्मक सोच पैदा की जा सके. जिसके दो वर्षों में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा किसानों का भविष्य प्राकृतिक खेती में निर्भर है, जिसमें पशुपालन की भूमिका अहम है. क्योंकि कृषि और दूध उत्पादन का सीधा संबंध है. उन्होंने कहा कि किसानों के हाथ में पैसा पहुंचे, इसके लिए नीतियों और नियमों में मूलभूत परिवर्तन किए जा रहे हैं.

दुग्ध उत्पादकों कर में छूट देने पर विचार: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा किसानों की आर्थिक स्थित मजबूत करने के लिए सरकार ने एक मुश्त दूध खरीद के मूल्य में छह रुपए की बढ़ोतरी की है. सरकार दूध उत्पादकों को कर में रियायत देने पर भी विचार करेगी. ताकि प्रदेश में पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जा सके. सुक्खू ने कहा हिमाचल में दूध की गुणवत्ता बेहतर है, जिसमें और सुधार करते हुए बेहतर विपणन व्यवस्था से जोड़कर किसानों की आय में बढ़ोतरी की जा सकती है. इसी को देखते हुए सरकार अब कृषि को रोजगार के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहन दे रही है. अभी तक इस बारे में गंभीरता से विचार नहीं किया गया, लेकिन अब किसानों को स्वावलंबी बनाया जाएगा. ताकि किसान घर में बैठकर अपनी आय के साधन बढ़ा सके.

किसानों को शोषण से बचाया जाएगा: सीएम सुक्खू ने कहा किसानों को मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रभावी कदम उठा रही है. ताकि किसानों को शोषण से बचाया जा सके. इन प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत होगी और किसानों की आय बढ़ने से प्रदेश भी आत्मनिर्भर बनेगा. इसके लिए हमें पुरानी परंपराओं और नई टेक्नोलॉजी को साथ लेकर चलना होगा. प्रदेश की दुग्ध आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दूध खरीद मूल्य को लागत मूल्य के आधार पर देने के लिए ‘हिम गंगा योजना’ की शुरू की गई है. जिसके लिए बजट में 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

सीएम सुक्खू ने किसानों से लिए सुझाव: उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के ढगवार में 1 लाख 50 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा. जिसकी क्षमता 3 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकती है. यह संयंत्र पूरी तरह से स्वचालित होगा, जिस पर अनुमानित 226 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. बकरी के दूध और पहाड़ी गाय के दूध की खूबियों का भी अध्ययन किया जा रहा है. वहीं, मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ खुले संवाद सत्र में व्यापक चर्चा की. इस दौरान सीएम ने किसानों और अन्य हितधारकों से मिले सुझावों को राज्य सरकार की नीति में शामिल करने का आश्वासन भी दिया.

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