ऊना: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू एक दिवसीय प्रवास पर ऊना जिला के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र पहुंचे. इस मौके पर सीएम सुक्खू ने कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के अघलौर में 10 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास किया और इसे 6 महीने में मुकम्मल करने के निर्देश भी जारी किए. वहीं, इस उन्होंने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जयराम को सरकार बनाने का फोबिया हो चुका है.
इस मौके पर मीडिया ने हिमाचल में तीन सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर सीएम सुक्खू से सवाल किया. जिसके जवाब में उन्होंने कहा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे तीनों पूर्व निर्दलीय विधायकों से जनता को यह पूछना चाहिए कि आखिर इस चुनाव की नौबत क्यों आई? वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा प्रदेश में कानून व्यवस्था ठप होने के आरोप पर सीएम सुक्खू ने पलटवार किया.
सीएम सुक्खू ने कहा, "जयराम ठाकुर सरकार बनाने के फोबिया से ग्रस्त हो चुके हैं. लगातार मिल रही हार के बावजूद वह सरकार बनाने के दावे इसी फोबिया से ग्रस्त होकर कर रहे हैं. वह 4 जून को भी केंद्र और शिमला में भाजपा की सरकार बनाने के दावे कर रहे थे. लेकिन भारतीय जनता पार्टी को उपचुनाव में मुंह की खानी पड़ी. जयराम ठाकुर को सरकार की चिंता छोड़कर, पिछले 5 वर्षों में प्रदेश का भट्टा बिठाने को लेकर मंथन करना चाहिए. प्रदेश की सरकार पूरी तरह मजबूत है और अपना कार्यकाल पूरा करने वाली है".
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना प्रदेश सरकार का एकमात्र लक्ष्य है. सौर ऊर्जा को लेकर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का मुख्य कारण अक्टूबर से लेकर मार्च तक हर साल प्रदेश सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली बिजली है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पर्यटन विकास की संभावनाओं को खोजने के लिए गोविंद सागर झील के किनारे अंदरोली का निरीक्षण किया. इस मौके पर स्थानीय विधायक विवेक शर्मा की अगुवाई में अधिकारियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया.
सीएम ने अघलौर में करीब 68 करोड़ की लागत से बनने वाली 10 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास किया. जबकि इसके अतिरिक्त उन्होंने इसी विधानसभा क्षेत्र में गोविंद सागर झील के किनारे अंदरोली पहुंचकर पर्यटन विकास की संभावनाओं का भी जायजा लिया. इस अवसर पर सीएम ने कहा हिमाचल प्रदेश में बिजली उत्पादन होने के बावजूद अक्टूबर से लेकर मार्च महीने तक हर साल हिमाचल प्रदेश को 1200 मेगावाट तक बिजली बाहर से खरीद कर खपत को पूरा करना पड़ता है.
उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार ने पहला कदम इस प्रदेश को देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य के साथ उठाया है. जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में सौर ऊर्जा का दोहन करते हुए हर साल खरीदी जाने वाली बिजली के खर्च को काम किया जा सके और उसे बजट को हिमाचल प्रदेश की जनता के कल्याण पर खर्च किया जा सके. उन्होंने कहा इस क्षेत्र में पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं. वह स्थानीय विधायक के साथ इन सभी संभावनाओं का जायजा लेने के लिए यहां पहुंचे हैं. जल्द हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास को लेकर भी एक रोड मैप तैयार किया जाएगा.
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