जयपुर. राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच पानी-बिजली की किल्लत और पेयजल संकट पर पीएचईडी मंत्री के बयान के बाद से कांग्रेस सरकार को घेर रही है. अब सरकार जल संकट को लेकर एक्टिव मोड में आ गई है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बुधवार को रामनिवास बाग स्थित पंप हाउस पहुंचे. यहां उन्होंने पंप हाउस की कार्यप्रणाली की बारीकी से जानकारी ली. उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि भीषण गर्मी में आमजन को पेयजल किल्लत का सामना नहीं करना पड़े. नियमित जलापूर्ति के लिए हरसंभव प्रयास किए जाए.
रामनिवास बाग स्थित पंप हाउस का निरीक्षण करने के बाद भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, 'जन-जन तक पेयजल की सहज उपलब्धता हमारी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है. भीषण गर्मी के मौसम में शुद्ध जल की इसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए आज रामनिवास बाग पंप हाउस का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उपस्थित अधिकारियों को जनहित को सर्वोपरि रखते हुए हर घर निर्बाध पेयजल की आपूर्ति के आवश्यक दिशा निर्देश दिए. ग्रीष्म ऋतु के बढ़ते प्रकोप से आमजनों को राहत दिलाने के लिए हमारी सरकार मिशन मोड में सतत क्रियाशील है.'
एक दिन पहले मंत्री ने किया था निरीक्षण : जयपुर शहर सहित प्रदेश के ज्यादातर शहरों में पेयजल संकट की खबरों के बीच पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी मंगलवार को पीएचईडी कार्यालय में औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे. उन्होंने गांधी नगर स्थित पीएचईडी कार्यालय में पहुंचकर वहां बनाए गए कंट्रोल रूम का जायजा लिया था. कंट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों और उनके निस्तारण की भी मंत्री ने जानकारी ली थी.
फूंक-बालाजी वाले बयान पर हुई फजीहत : दरअसल, पीएचईडी मंत्री ने सोमवार को पीएचईडी अधिकारियों की बैठक ली थी. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि मैं फूंक मारकर पानी ला दूं या बालाजी बन जाऊं. यह तो समाधान है नहीं. जितना पानी हमारे पास उपलब्ध है. हम उसी को सप्लाई कर सकते हैं. उनके इस बयान के बाद विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिल गया. उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस नेताओं ने पीएचईडी मंत्री के साथ ही सरकार पर भी सवाल खड़े किए थे.