जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि रामराज्य की परिकल्पना में केवल मानव जाति का ही नहीं बल्कि समस्त जीव-जन्तुओं, पृथ्वी और प्रकृति का कल्याण निहित है. प्रकृति में बेहतर सामंजस्य और संतुलन के आधार पर ही मानव जाति का विकास संभव है. इसलिए हमें प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य करना चाहिए. सीएम ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सतत् विकास लक्ष्यों में तेजी लाने संबंधी विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन के दूसरे दिन आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में जीव-जन्तुओं की कई प्रजातियों का लुप्त होना चिंताजनक है, इन्हें बचाने के लिए पर्यावरण संतुलन आवश्यक है.
मानव जाति का अस्तित्व भी खतरे में : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन से मानव जाति का अस्तित्व भी खतरे में है. इसीलिए हमें हमारी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ही प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित उपयोग करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जिम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य पूरा करते हुए आस-पास रह रहे जरूरतमंद व्यक्ति के बारे में भी सोचना चाहिए और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर वंचित व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा एक छोटा सा प्रयास भी किसी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है. इससे हमें जो आत्मसंतुष्टि मिलेगी वही हमारा सच्चा पुरस्कार होगा.
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अंत्योदय के संकल्प को साकार कर रही राज्य सरकार : सीएम ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के संकल्प में मानव कल्याण की भावना निहित है. राज्य सरकार इसी संकल्प को साकार करने के लिए समर्पित रूप से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी मानना है कि सबका साथ, सबका विश्वास, सबका प्रयास और सबका विकास के संकल्प के साथ ही राष्ट्र प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सकता है.
प्रकृति संतुलन वर्तमान समय की आवश्यकता : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति अद्भुत है. यहां प्रत्येक प्राणी का जीवन एक-दूसरे पर निर्भर है और एक जीव दूसरे जीव का पालनहार है. प्रकृति के इसी संतुलन को बनाए रखना वर्तमान समय की आवश्यकता है. हमें हमारी आवश्यकताओं के अलावा भी प्रकृति के प्रति समर्पण का भाव रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थानवासियों में प्रकृति के प्रति लगाव के कई उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिलते हैं जिनमें अमृता देवी का नाम प्रमुख है, जिन्होंने वृक्षों को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. इससे पहले मुख्यमंत्री ने यूएनडीपी एसडीजी नॉलेज हब पोर्टल, राज्य सरकार कीओर से तैयार एसडीजी-2 डेशबोर्ड तथा खाद्य एवं पोषण सुरक्षा विश्लेषण डेशबोर्ड का लोकार्पण किया. उन्होंने विभिन्न राज्यों की ओर से एसडीजी के संबंध में किए गए कार्यां पर आधारित स्टॉल्स का अवलोकन भी किया.