जयपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले की दो गाड़ियों के साथ हुए सड़क हादसे में एएसआई सुरेंद्र सिंह की मौत के बाद बवाल खड़ा हो गया है. परिजनों ने अपनी मांगों को लेकर शव लेने से इनकार कर दिया. मृतक को शहीद का दर्जा देने और बेटे-बेटी को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई. पुलिस अधिकारियों की ओर से समझाइश करके जयपुरिया अस्पताल में मृतक सुरेंद्र सिंह के शव के पोस्टमार्टम के बाद शव को चांदपोल स्थित रिजर्व पुलिस लाइन लाया गया, जहां मृतक एएसआई को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. डीजीपी यूआर साहू और पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित किया, तो अन्य पुलिसकर्मियों ने भी पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद परिजनों ने शव गांव ले जाने से इनकार कर दिया. मृतक की पत्नी और परिजनों ने मौके पर मुख्यमंत्री को बुलाने, मृतक सुरेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा देने, परिजन को नौकरी और अन्य सहायता देने की मांग की. मामला बढ़ता देख पुलिस अधिकारियों ने परिजनों से समझाइश की, लेकिन परिजन लिखित सहमति देने की मांग पर अड़ गए.
इसे भी पढ़ें - बड़ा हादसा : सीएम के काफिले में शामिल कार टकराई, ASI की मौत, 4 पुलिसकर्मी सहित 6 घायल
मृतक के परिजनों और राजस्थान पुलिस परिवार कल्याण समिति ने मांग की है कि उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. साथ ही सरकार की ओर से आर्थिक मदद और मृतक आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए. इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने सख्ती भी दिखाई और जबरन वाहनों में बैठाकर मृतक के परिजनों को रवाना कर दिया. मृतक की पत्नी ने कहा कि मुख्यमंत्री को बचाते हुए मेरे पति शहीद हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री मिलने के लिए नहीं आए. अगर वो मुख्यमंत्री को नहीं बचाते और साइड में हट जाते तो क्या होता. हमारे पास सरकार की तरफ से कोई नहीं आया है. हमने हमारी मांगों को लेकर लिखित में आश्वासन मांगा, लेकिन नहीं दिया गया.
डोटासरा ने की ये मांग : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले एएसआई सुरेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि दी और परिवार के प्रति संवेदना जताई. उन्होंने कहा कि सुरेंद्र सिंह ने सेवा के प्रति समर्पण व कर्तव्यनिष्ठा का अद्भुत प्रदर्शन किया है. हमारी सरकार से मांग है कि स्व. सुरेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा समेत समस्त परिलाभ दिए जाएं और मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक व हादसे को लेकर उच्च स्तरीय जांच की जाए. उन्होंने ईश्वर से घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की भी कामना की है.
इसे भी पढ़ें - जयपुर जा रही ट्रेवल्स बस ने बाइक सवार को मारी टक्कर, सगे भाइयों सहित 3 की मौत
मुख्यमंत्री के काफिले में हादसे की भेंट चढ़कर अपनी जिंदगी गंवाने वाले एएसआई सुरेंद्र सिंह चौधरी जयपुर में वैशाली नगर के रहने वाले थे. सिंह की पत्नी संस्कार स्कूल वैशाली नगर में टीचर के पद पर कार्यरत हैं. उनके एक बेटा और एक बेटी है. इनके बेटे ने हाल ही में MBBS की डिग्री हासिल की है. मूल तौर पर अलवर के रहने वाले सुरेंद्र सिंह के पिता इंडियन आर्मी में कैप्टन रहे हैं.
मुख्यमंत्री के काफिले को टक्कर मारने वाले टैक्सी चालक ने तोड़ा दम : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले को टक्कर मारने वाले टैक्सी चालक ने दम तोड़ दिया है. टैक्सी चालक का उपचार महात्मा गांधी अस्पताल में चल रहा था. अब तक इस घटनाक्रम में दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 4 पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है. कुछ देर में टैक्सी चालक के शव का जयपुरिया अस्पताल में पोस्टमॉर्टम होगा.
बता दें कि बुधवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले में एक टैक्सी घुस गई थी. यह घटना जगतपुरा के अक्षय पात्र चौराहे पर दोपहर साढ़े तीन बजे हुई थी. टैक्सी ने एक एएसआई को टक्कर मारी और फिर काफिले की गाड़ियों से टकरा गई, जिसमें 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इनमें से एक एएसआई की मौत हो गई. वहीं, चार का इलाज जारी है.