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माहे रमजान पर पटना के छोटे बच्चों ने भी रखा रोजा, मुल्क की सलामती की मांगी दुआ - Ramadan In Patna

Ramadan In Patna: मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान को लेकर मुस्लिम समुदाय के हर घर में इन दिनों इबादत का दौर चल रहा है. बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी रोजा कर रहे हैं. मसौढ़ी के कई मोहल्ले में इस बार छोटे-छोटे बच्चों ने रोजा रखा और अपने परिवार और मुल्क की सलामती की दुआ मांगी.

पटना में रमजान
पटना में रमजान पर छोटे बच्चों ने रखा रोजा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 27, 2024, 12:48 PM IST

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पटना: माहे रमजान का पाक महीना चल रहा है. हर रोजेदारों के लिए रमजान का यह महीना, इबादत का महीना है. कहा जाता है कि एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सबाब मिलता है. बच्चे हो या बड़े सभी उत्साह के साथ रोजा रखते हैं. मसौढ़ी में एक ओर जहां बड़े-बड़े लोग रोजा रख रहे हैं, वहीं छोटे-छोटे रोजेदार भी रोजा रख कर इबादत कर रहे हैं.

रोजा रख मुल्क सलामती की दुआ: मसौढ़ी के पुरानी बाजार संगत पर मोहल्ला, मालिकाना मोहल्ले, रहमतगंज मोहल्ले में छोटे-छोटे रोजेदारों ने रोजा रखा. इस दौरान रोजा रख रहे आलिया फरजाना, आशिया, सदफ अली, रेहान, मेहफिश खुर्शीद ने कहा कि रोजा रखकर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है. उन्होंने ऊपर वाले से देश में अमन, चैन और सलामती की दुआ की है.

छोटे बच्चों ने रखा रोजा
छोटे बच्चों ने रखा रोजा

रोजा की मान्यता: कहा जाता है कि इस मुकद्दस महीने में जो भी रोजा रख कर गरीबों की सेवा करते हैं, झूठ नहीं बोलते हैं, गलत कामों से, बुरी संगत से बचते हैं, उन्हें सवाब मिलता है. पुरानी बाजार मस्जिद के इमाम इकबाल ने बताया कि रमजान के पाक महीने में रोजा रखने का मतलब सिर्फ उपवास रखना नहीं बल्कि नेकी करना होता है, तभी उन्हें सवाब मिलता है. वहीं पुरानी बाजार मस्जिद के मौलाना मो. एजाज ने बताया कि रमजान में रोजा रखने से एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब मिलता है

"अपने घर में बड़ों को रोजा रखते देख हम लोगों ने भी रोजा रखा है. ऊपर वाले से दुआ कर रहे हैं कि हमारा मुल्क सलामत रहे."- आशिया, रोजेदार

"यह मेरा पहला रोजा है. हमारे घर में सभी लोग रोजा रखते हैं, इसलिए हमने भी रोजा रखा है. ऊपर वाले से दुआ मांग रहे हैं कि मेरा परिवार खुशहाल रहे, हमारी जिंदगी सलामत रहे."- खुर्शीद आलम, रोजेदार

ये भी पढ़ें: Bihar News: पिछले 8 साल से बिहार का हिंदू युवक अमरदीप रखता है रोजा, बोला- 'हर धर्म में मेरी आस्था'

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पटना: माहे रमजान का पाक महीना चल रहा है. हर रोजेदारों के लिए रमजान का यह महीना, इबादत का महीना है. कहा जाता है कि एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सबाब मिलता है. बच्चे हो या बड़े सभी उत्साह के साथ रोजा रखते हैं. मसौढ़ी में एक ओर जहां बड़े-बड़े लोग रोजा रख रहे हैं, वहीं छोटे-छोटे रोजेदार भी रोजा रख कर इबादत कर रहे हैं.

रोजा रख मुल्क सलामती की दुआ: मसौढ़ी के पुरानी बाजार संगत पर मोहल्ला, मालिकाना मोहल्ले, रहमतगंज मोहल्ले में छोटे-छोटे रोजेदारों ने रोजा रखा. इस दौरान रोजा रख रहे आलिया फरजाना, आशिया, सदफ अली, रेहान, मेहफिश खुर्शीद ने कहा कि रोजा रखकर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है. उन्होंने ऊपर वाले से देश में अमन, चैन और सलामती की दुआ की है.

छोटे बच्चों ने रखा रोजा
छोटे बच्चों ने रखा रोजा

रोजा की मान्यता: कहा जाता है कि इस मुकद्दस महीने में जो भी रोजा रख कर गरीबों की सेवा करते हैं, झूठ नहीं बोलते हैं, गलत कामों से, बुरी संगत से बचते हैं, उन्हें सवाब मिलता है. पुरानी बाजार मस्जिद के इमाम इकबाल ने बताया कि रमजान के पाक महीने में रोजा रखने का मतलब सिर्फ उपवास रखना नहीं बल्कि नेकी करना होता है, तभी उन्हें सवाब मिलता है. वहीं पुरानी बाजार मस्जिद के मौलाना मो. एजाज ने बताया कि रमजान में रोजा रखने से एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब मिलता है

"अपने घर में बड़ों को रोजा रखते देख हम लोगों ने भी रोजा रखा है. ऊपर वाले से दुआ कर रहे हैं कि हमारा मुल्क सलामत रहे."- आशिया, रोजेदार

"यह मेरा पहला रोजा है. हमारे घर में सभी लोग रोजा रखते हैं, इसलिए हमने भी रोजा रखा है. ऊपर वाले से दुआ मांग रहे हैं कि मेरा परिवार खुशहाल रहे, हमारी जिंदगी सलामत रहे."- खुर्शीद आलम, रोजेदार

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